बड़ी इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनियों में शामिल Tesla की भारत में फैक्टरी लगाने की योजना पर अमेरिकी प्रेसिडेंट Donald Trump ने नाराजगी जताई है। बिलिनेयर Elon Musk की यह कंपनी टैरिफ में छूट के लिए देश में फैक्टरी लगाने की तैयारी कर रही है। टेस्ला को चीन जैसे बड़े मार्केट्स में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
ट्रंप ने कहा, "भारत में अगर मस्क फैक्टरी लगाते हैं तो यह ठीक है लेकिन हमारे लिए यह गलत होगा।" हाल ही में प्रधानमंत्री Narendra Modi के अमेरिका के दौरे के दौरान ट्रंप ने कारों के इम्पोर्ट पर भारत में अधिक ड्यूटी होने का मुद्दा उठाया था। मस्क ने भी देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) पर लगभग 100 प्रतिशत की इम्पोर्ट ड्यूटी की आलोचना की थी। उनकी दलील थी कि भारत में लोकल ऑटोमोबाइल कंपनियों को संरक्षण देने के लिए अधिक इम्पोर्ट ड्यूटी लगाई जाती है। इस सप्ताह की शुरुआत में Reuters ने एक रिपोर्ट में बताया था कि
टेस्ला ने नई दिल्ली और मुंबई में शोरूम के लिए दो साइट चुनी हैं।
हाल ही में भारत में इस अमेरिकी कंपनी ने कुछ जॉब्स के लिए उम्मीदवारों से आवेदन भी मांगे थे। इनमें ऐडवर्टाइजिंग और कस्टमर सर्विस से जुड़ी जॉब्स शामिल हैं। टेस्ला ने दिल्ली और मुंबई में जॉब्स के लिए आवेदन मांगे हैं। पिछले कुछ वर्षों से केंद्र सरकार और टेस्ला के बीच बातचीत के दौर हुए हैं। इस महीने की शुरुआत में सरकार ने 40,000 डॉलर से अधिक प्राइस वाली कारों पर बेसिक कस्टम ड्यूटी को 110 प्रतिशत से घटाकर 70 प्रतिशत किया था। भारत का
EV मार्केट अभी शुरुआती दौर में है। पिछले वर्ष देश में इलेक्ट्रिक पैसेंजर व्हीकल्स की बिक्री लगभग एक लाख यूनिट्स की थी। टेस्ला के लिए चीन एक बड़ा मार्केट है। पिछले वर्ष चीन में EV की बिक्री लगभग 1.1 करोड़ यूनिट्स की थी।
पिछले वर्ष सरकार ने 40,000 डॉलर से अधिक प्राइस वाली इलेक्ट्रिक कारों पर टैरिफ को घटाकर 15 प्रतिशत किया था। हालांकि, इसके साथ यह शर्त भी थी कि इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने वाली कंपनियों को भारत में 50 लाख डॉलर का इनवेस्टमेंट करने के साथ ही तीन वर्षों में लोकल मैन्युफैक्चरिंग शुरू करनी होगी। पिछले वर्ष टेस्ला की वार्षिक सेल्स एक दशक से अधिक में पहली बार घटी है। चौथी तिमाही में EV की रिकॉर्ड डिलीवरी करने के बावजूद कंपनी की सेल्स में कमी हुई है।