बड़ी इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) कंपनियों में शामिल Tesla का भारत में बिजनेस जल्द शुरू हो सकता है। हाल ही में प्रधानमंत्री Narendra Modi ने अमेरिका के दौरे के दौरान टेस्ला के CEO, Elon Musk के साथ मीटिंग की थी। भारत में इस अमेरिकी कंपनी ने कुछ जॉब्स के लिए उम्मीदवारों से आवेदन मांगे हैं। इनमें ऐडवर्टाइजिंग और कस्टमर सर्विस से जुड़ी जॉब्स शामिल हैं।
Bloomberg News की एक रिपोर्ट के अनुसार, टेस्ला ने दिल्ली और मुंबई में जॉब्स के लिए आवेदन मांगे हैं। पिछले कुछ वर्षों से केंद्र सरकार और टेस्ला के बीच बातचीत के दौर हुए हैं। हालांकि, अधिक इम्पोर्ट ड्यूटी के कारण कंपनी ने कोई अंतिम फैसला नहीं किया है। इस महीने की शुरुआत में सरकार ने 40,000 डॉलर से अधिक प्राइस वाली कारों पर बेसिक कस्टमर्स ड्यूटी को 110 प्रतिशत से घटाकर 70 प्रतिशत किया था। भारत का EV मार्केट अभी शुरुआती दौर में है। पिछले वर्ष देश में इलेक्ट्रिक पैसेंजर व्हीकल्स की बिक्री लगभग एक लाख यूनिट्स की थी।
टेस्ला के लिए चीन एक बड़ा मार्केट है। पिछले वर्ष चीन में
EV की बिक्री लगभग 1.1 करोड़ यूनिट्स की थी। पिछले वर्ष सरकार ने 40,000 डॉलर से अधिक प्राइस वाली इलेक्ट्रिक कारों पर टैरिफ को घटाकर 15 प्रतिशत किया था। हालांकि, इसके साथ यह शर्त थी कि इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने वाली कंपनियों को भारत में 50 लाख डॉलर का इनवेस्टमेंट करने के साथ ही तीन वर्षों में लोकल मैन्युफैक्चरिंग शुरू करनी होगी।
पिछले वर्ष टेस्ला की वार्षिक सेल्स एक दशक से अधिक में पहली बार घटी है। चौथी तिमाही में रिकॉर्ड डिलीवरी करने के बावजूद कंपनी की सेल्स में कमी हुई है। कंपनी ने पिछले वर्ष लगभग 17.9 लाख व्हीकल्स बेचे हैं। टेस्ला की कॉम्पिटिटर
BYD ने पिछले वर्ष सेल्स का रिकॉर्ड बनाया है। चीन की इस कंपनी ने लगभग 42.5 लाख यूनिट्स बेची हैं। EV कंपनियों के लिए चुनौतियां बढ़ रही हैं। डिमांड कम होने से इनकी सेल्स पर असर पड़ रहा है। अमेरिका में Donald Trump की अगुवाई वाली नई सरकार EV पर सब्सिडी को घटा सकती है। इससे इस सेगमेंट में डिमांड पर बड़ा असर हो सकता है। ट्रंप की सरकार में मस्क को भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है। ट्रंप के चुनाव प्रचार में भी मस्क ने योगदान दिया था।