पिछले कुछ वर्षों में स्पैम कॉल्स की समस्या बढ़ी है। टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) की ओर से स्पैम कॉल्स की समस्या पर लगाम लगाने के लिए उपाय किए जा रहे हैं। TRAI ने टेलीकॉम कंपनियों को अनरजिस्टर्ड कॉलर्स से प्रमोशनल कॉल्स को रोकने का निर्देश दिया है।
इसके साथ ही TRAI ने टेलीकॉम कंपनियों को स्पैम कॉल्स को ब्लैकलिस्ट करने के लिए कहा है।
TRAI के निर्देश के अनुसार, देश में सभी टेलीकॉम कंपनियों को अनरजिस्टर्ड टेलीमार्केटर्स या अनरजिस्टर्ड सेंडर्स से प्री-रिकॉर्डेड, कंप्यूटर से जेनरेटेड या अन्य प्रकार की स्पैम कॉल्स को रोकने की जरूरत है।
टेलीकॉम रेगुलेटर की ओर से जारी स्टेटमेंट में कहा गया है, "इस निर्देश से स्पैम कॉल्स में काफी कमी होने और कस्टमर्स को राहत मिलने की उम्मीद है।" इस रूल को तोड़ने वालों के लिए परिणाम का भी फैसला किया गया है। TRAI के निर्देश में बताया गया है कि अगर किसी अनरजिस्टर्ड टेलीमार्केटर को स्पैम कॉल्स से जुड़ा पाया जाता है तो उसे फोन कनेक्शन गंवाने पड़ सकते हैं।
स्पैम कॉल्स की समस्या को रोकने के लिए TRAI ने ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का भी इस्तेमाल शुरू किया है। TRAI ने बताया है कि स्पैम कॉल्स के सेंडर की ब्लैकलिस्टिंग से जुड़ी जानकारी ओरिजिनेटिंग एक्सेस प्रोवाइडर (OAP) से सभी अन्य एक्सेस प्रोवाइडर्स को 24 घंटे के अंदर मिलेगी। इसके बाद स्पैम कॉल्स करने वाले सेंडर के सभी टेलीकॉम कनेक्शन काट दिए जाएंगे। इसके अलावा कमर्शियल वॉयस कॉल्स करने वाले अनरजिस्टर्ड टेलीमार्केटर्स को TRAI के ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्म पर इस नोटिस के जारी होने के 30 दिनों के अंदर शिफ्ट किया जाएगा।
टेलीकॉम कंपनियों ने स्पैम कॉल्स से निपटने के लिए कुछ रीजंस में कॉलर ID सर्विस का ट्रायल शुरू किया है। TRAI और टेलीकॉम डिपार्टमेंट (DoT) ने इन कंपनियों पर कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन (CNAP) फीचर को लागू करने का दबाव बनाया है। इससे जाली और स्पैम कॉल्स पर रोक लगाने में आसानी हो सकती है। देश में अगर इस फीचर को पूरी तरह लागू किया जाता है तो कस्टमर्स को थर्ड-पार्टी कॉलर आइडेंटिफिकेशन ऐप्स की जरूरत नहीं रहेगी। टेलीकॉम कंपनियों ने CNAP कॉलर ID डिस्प्ले सर्विस का ट्रायल शुरू कर दिया है। इससे पहले TRAI ने देश में सभी मोबाइल फोन्स के लिए CNAP को लागू करने के लिए कहा था। हालांकि, इसका टेलीकॉम कंपनियों की ओर से कुछ विरोध भी हुआ था।