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Fraud - ख़बरें

  • इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने पकड़ा 300 करोड़ रुपये से ज्यादा का क्रिप्टो हवाला रैकेट
    फ्लावर्स का एक्सपोर्ट करने वाली यह फर्म मालापुरम के दो व्यक्ति चला रहे थे। पिछले कई वर्षों से यह फर्म इंडोनेशिया को फ्लावर्स का एक्सपोर्ट कर रही थी। इन दोनों आरोपियों को बैंकिंग सिस्टम के बजाय क्रिप्टोकरेंसी के जरिए पेमेंट्स मिलती थी। इस मामले में रकम को छिपाने के लिए इन दोनों ने कथित तौर पर स्टूडेंट्स सहित विभिन्न व्यक्तियों के नामों पर कई क्रिप्टो वॉलेट्स बनाए थे।
  • 18.3 करोड़ पासवर्ड लीक! क्या आपका Gmail अकाउंट सुरक्षित है? ऐसे करें चुटकी में चेक
    ऑस्ट्रेलियाई साइबर सिक्योरिटी शोधकर्ता ट्रॉय हंट की ओर से खुलासा किया गया है कि लाखों ईमेल यूजर्स के डेटा पर खतरा मंडरा रहा है। ट्रॉय की वेबसाइट Have I Been Pwned के अनुसार, लगभग 3.5 TB चुराया गया डेटा ऑनलाइन सर्कुलेट हो रहा है और इसका गलत इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • क्रिप्टोकरेंसी को अदालत ने माना प्रॉपर्टी, इनवेस्टर्स को हो सकता है फायदा
    मद्रास हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि Bitcoin, Ethereum और XRP जैसे क्रिप्टो टोकन्स का मालिकाना हक हो सकता है और इन्हें ट्रांसफर किया जा सकता है। यह पहली बार है कि जब देश में किसी कोर्ट ने क्रिप्टोकरेंसी को प्रत्यक्ष तौर पर प्रॉपर्टी के एक प्रकार के तौर पर वर्गीकृत किया है। इससे ट्रेडर्स और इनवेस्टर्स को ट्रांजैक्शंस और विवाद के निपटारे के लिए एक कानूनी आधार मिलेगा।
  • TCS में वर्कर्स की छंटनी को लेकर बढ़ा विवाद, एंप्लॉयी यूनियन ने लगाया प्रेशर डालने का आरोप
    Karnataka State IT/ITES Union (KITU) के जनरल सेक्रेटरी, Suhas Adiga ने बताया कि यूनियन ने TCS के खिलाफ कर्नाटक के एडिशनल कमिश्नर ऑफ लेबर के पास इंडस्ट्रियल डिस्प्यूट का एक मामला दर्ज कराया है। इस मामले की अगली सुनवाई 15 अक्टूबर को होनी है। TCS ने इन आरोपों को गलत बताया है। कंपनी का कहना है कि छंटनी का असर उसकी वर्कफोर्स के दो प्रतिशत तक सीमित है।
  • फाइनेंशियल फ्रॉड की चेतावनी देने के लिए ऑनलाइन पेमेंट्स इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म लॉन्च करेगा RBI
    RBI ने कहा कि यह देश के डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने और फिनटेक इकोसिस्टम की सुरक्षा और विश्वसनीयता को बढ़ाने के प्रयास का हिस्सा है। RBI एक पेमेंट्स इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म को तैयार कर रहा है जिससे फ्रॉड वाली ट्रांजैक्शंस की रियल टाइम में पहचान कर उन्हें रोका जा सकेगा। केंद्र सरकार की योजना RBI की गारंटी वाली एक डिजिटल करेंसी को लॉन्च करने की है।
  • क्रिप्टो मार्केट पर सख्ती कर सकती है सरकार, RBI के सपोर्ट वाली डिजिटल करेंसी होगी लॉन्च
    कॉमर्स मिनिस्टर Piyush Goyal ने कहा है कि प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसीज को सरकार की ओर से सपोर्ट नहीं किया जाता क्योंकि इनके साथ एसेट की कोई वैल्यू नहीं जुड़ी होती। उन्होंने बताया कि क्रिप्टोकरेंसीज पर बैन नहीं लगाया गया है लेकिन अधिक टैक्स लगातार इनके इस्तेमाल को सीमित करने का प्रयास किया जा रहा है। क्रिप्टो इंडस्ट्री के एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह रेगुलेटरी सख्ती बढ़ने का संकेत हो सकता है।
  • Online Banking Tips: डिजिटल बैंकिंग के लिए इन 8 आदतों को अपना लिया तो खत्म हो जाएगा हैकर्स का डर!
    इस आर्टिकल में 7 जरूरी डिजिटल आदतों का ज़िक्र है, जो बैंकिंग से जुड़ी धोखाधड़ी और हैकिंग से बचाने में मदद करेंगी। इसमें 2FA सेट करना, फिशिंग ईमेल पहचानना, VPN का इस्तेमाल करना और ब्राउजिंग के समय URL सिक्योरिटी जैसे कदम शामिल हैं।
  • क्रिप्टो एक्सचेंजों के लिए जरूरी हुआ सायबर सिक्योरिटी ऑडिट, केंद्र सरकार का फैसला
    वर्चुअल डिजिटल एसेट (VDA) सर्विस प्रोवाइडर्स को इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In) के साथ सम्बद्ध ऑडिटर्स को नियुक्त करना होगा। मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के तहत आने वाली नोडल एजेंसी, CERT-In को सायबरस्पेस की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई है। क्रिप्टो एक्सचेंजों को यह निर्देश फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (FIU-IND) ने दिया है।
  • हनी ट्रैप में फंसाकर कोलकाता के कारोबारी से 3 करोड़ रुपये से ज्यादा का क्रिप्टो स्कैम
    इस महिला ने फेसबुक पर खुद को Aadhya Gupta बताया था। दोनों के बीच कई दिनों तक बातचीत होने के बाद, इस महिला ने झावर को अधिक रिटर्न की पेशकश करने वाले एक क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफॉर्म में रकम लगाने की सलाह दी थी। इस पर झावर ने जुलाई में इस क्रिप्टो प्लेटफॉर्म में रकम लगाना शुरू कर दिया था। हालांकि, इसमें प्रॉफिट को विड्रॉ नहीं कर पाने पर उन्हें पता चला कि यह एक स्कैम था।
  • ऑनलाइन डिजिटल स्कैम के शिकार तो नहीं हुए आप? ऐसे करें ऑनलाइन शिकायत
    भारत सरकार इन स्कैम को रोकने के लिए लगातार प्रयास करती रहती है, लेकिन स्कैमर्स नए-नए तरीकों से भोले-भाले लोगों को निशाना बनाते हैं। ऑनलाइन लेन-देन और डिजिटल कम्युनिकेशन में बढ़ोतरी के साथ साइबर क्राइम का शिकार होना आसान हो गया है। कहीं पर लोगों को पार्ट टाइम नौकरी तो कहीं पर लॉटरी का लालच और कहीं पर कोरियर आदि के जरिए फ्रॉड का शिकार बनाया जाता है।
  • सरकार का AI सिस्टम कर रहा है काम, अब तक 2 करोड़ फर्जी मोबाइल कनेक्शन हो चुके हैं ब्लॉक!
    भारत में बढ़ते साइबर फ्रॉड और फर्जी कॉल्स को रोकने के लिए डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्यूनिकेशंस (DoT) ने अब तक 2 करोड़ से ज्यादा मोबाइल कनेक्शन बंद कर दिए हैं। विभाग के सचिव डॉ. नीरज मित्तल के मुताबिक, नई पहल जैसे संचार साथी पोर्टल और डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म ने कॉल स्पूफिंग जैसी समस्याओं पर काफी हद तक लगाम लगाई है, जिसकी वजह से ऐसे कॉल्स में 97% की कमी आई है। AI-आधारित सिस्टम की मदद से लाखों फर्जी कनेक्शन और हजारों प्वॉइंट ऑफ सेल भी खत्म किए जा चुके हैं।
  • फ्रॉड के लिए eSIM का इस्तेमाल कर रहे स्कैमर्स, I4C ने दी चेतावनी
    I4C ने बताया है कि इसमें स्कैमर्स पहले अपने शिकार को कॉल करते हैं और फिर उनके फोन पर eSIM के एक्टिवेशन का लिंक भेजा जाता है। इस लिंक को क्लिक करने पर पीड़ित के फिजिकल SIM को eSIM में बदलने की रिक्वेस्ट को ऑटोमैटिक तरीके से स्वीकार कर लिया जाता है। इसके बाद पीड़ित का फिजिकल SIM बंद हो जाता है और उसे अपने फोन पर मैसेज नहीं मिलते।
  • WhatsApp Screen Share Scam: अनजाने में भी न करें ये गलती, नहीं तो खाली हो जाएगा बैंक अकाउंट
    WhatsApp Screen Share Scam: डिजिटल पेमेंट्स की दुनिया में अब नया खतरा सामने आया है - WhatsApp Screen Share Scam। हाल ही में Canara Bank ने अपने ग्राहकों को चेतावनी दी है कि स्कैमर्स WhatsApp वीडियो कॉल पर स्क्रीन शेयरिंग के बहाने अकाउंट डिटेल्स और OTP तक चुरा लेते हैं। बैंक ने साफ कहा है कि किसी भी हाल में स्क्रीन शेयरिंग न करें और किसी भी अनजान कॉलर पर भरोसा न करें। साथ ही, साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल और 1930 हेल्पलाइन नंबर पर तुरंत शिकायत दर्ज कराने की सलाह दी है।
  • 5G और 6G टेक्नोलॉजी में रिसर्च के लिए सरकार ने खर्च किए 304 करोड़ रुपये  
    TTDF स्कीम के तहत 5G और 6G टेक्नोलॉजी में R&D और इनोवेशन के लिए 304 करोड़ रुपये के फंड का अप्रूवल दिया गया है। इस स्कीम के तहत मंजूर किए गए R&D से जुड़े प्रोजेक्ट्स की अवधि एक से पांच वर्षों की है। ये प्रोजेक्ट्स डिवेलपमेंट के शुरुआती चरण में हैं। TTDF स्कीम में सरकारी और प्राइवेट संस्थानों के साथ ही MSME और स्टार्टअप्स से जुड़े विभिन्न प्रोजेक्ट्स को वित्तीय सहायता दी जा रही है।
  • क्या आपका नंबर अगला हो सकता है? AI की मदद से सरकार ब्लॉक कर रही है SIM, 4 लाख हुए बंद
    अगर आप भी किसी अनजान नंबर से आए इन्वेस्टमेंट या नौकरी के ऑफर पर भरोसा कर लेते हैं, तो यह खबर आपके लिए जरूरी है। एक हालिया रिपोर्ट में बताया गया है कि टेलिकॉम विभाग (DoT) ने एक खास AI-बेस्ड सिस्टम से अब तक 3 से 4 लाख तक SIM कार्ड्स को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। ये सभी नंबर कथित रूप से धोखाधड़ी और स्कैम से जुड़े थे। इसके लिए DoT ने एक खास फाइनेंशियल फ्रॉड रिस्क इंडिकेटर (FRI) सिस्टम तैयार किया है, जिसे कुछ ही महीने पहले लॉन्च किया गया था।

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