देश की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ( TCS) का मौजूदा फाइनेंशियल ईयर की तीसरी तिमाही में प्रॉफिट उम्मीद से कम रहा है। इकोनॉमिक स्लोडाउन के कारण बहुत से क्लाइंट्स के खर्च में कमी करने से कंपनी के प्रॉफिट पर असर पडा है। IT सेक्टर में TCS तिमाही नतीजों की घोषणा करने वाली पहली बड़ी कंपनी है। इससे इस सेक्टर के लिए स्थितियों का संकेत मिल रहा है।
कंपनी ने बताया कि वह शेयरहोल्डर्स को 8 रुपये के इंटरिम डिविडेंड के अलावा 67 रुपये का स्पेशल डिविडेंड भी देगी। TCS का तीसरी तिमाही में कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट बढ़कर 10,846 करोड़ रुपये रहा। कंपनी ने पिछले फाइनेंशियल ईयर की इसी तिमाही में लगभग 9,800 करोड़ रुपये का प्रॉफिट हासिल किया था। कंपनी की अक्टूबर-दिसंबर की अवधि के दौरान ऑर्डर बुक 7.8 अरब डॉलर की रही। यह सितंबर तिमाही में 8.1 अरब डॉलर की थी। एनालिस्ट्स ने तीसरी तिमाही में कंपनी का प्रॉफिट 11,046 करोड़ रुपये रहने का अनुमान दिया था। IT सेक्टर पर अमेरिका और यूरोप में स्लोडाउन का असर पड़ा है, जहां से इसे अपने रेवेन्यू का बड़ा हिस्सा मिलता है।
TCS की वर्कफोर्स दिसंबर के अंत में 2,197 घटकर 6,13,974 की थी। TCS ने विमेन एंप्लॉयमेंट के लिहाज से एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। यह देश में महिलाओं को सबसे अधिक
रोजगार देने वाली कंपनी बन गई है। TCS की कुल वर्कफोर्स में लगभग 2.1 लाख या लगभग 35 प्रतिशत विमेन एंप्लॉयीज हैं।
हाल ही में Burgundy Private और Hurun ने देश में टॉप 10 विमेन एंप्लॉयर्स की इस वर्ष की लिस्ट जारी की थी। इसमें TCS का पहला स्थान है। इसके बाद Infosys, Wipro, HCL Technologies और Reliance Industries हैं। इस लिस्ट में टेक महिंद्रा और HDFC Bank भी शामिल हैं। इस लिस्ट में देश की 500 सबसे अधिक वैल्यू वाली कंपनियों को शामिल किया गया है। TCS के पास लगभग छह लाख एंप्लॉयीज हैं और कंपनी ने पिछले वर्ष लगभग 1.35 लाख फ्रेशर्स को हायर किया है। कंपनी ने अपने ऐसे एंप्लॉयीज को लेकर सख्त रवैया नहीं अपनाने का संकेत दिया था जो कंपनी में रहते हुए किसी अन्य क्लाइंट के लिए भी काम कर रहे हैं। एक कंपनी का एंप्लॉयी होने के बावजूद दूसरी जॉब करने को 'मूनलाइटिंग' कहा जाता है।