भारत से जल्द हजारों वर्कर्स को ताइवान भेजने की योजना है
इससे ताइवान का पड़ोसी देश चीन नाराज हो सकता है
ताइवान ने भारतीय वर्कर्स को स्थानीय लोगों के समान वेतन की पेशकश की है
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पिछले कुछ वर्षों में भारत और ताइवान के बीच कारोबार में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। भारत से जल्द हजारों वर्कर्स को ताइवान भेजने की योजना है। हालांकि, इससे ताइवान का पड़ोसी देश चीन नाराज हो सकता है। भारत और ताइवान के बीच अगले महीने एक एंप्लॉयमेंट मोबिलिटी एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए जा सकते हैं।
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय वर्कर्स को ताइवान में फैक्टरियों, हॉस्पिटल्स और खेतों में रोजगार दिया जा सकता है। ताइवान की जनसंख्या में उम्रदराज लोगों की संख्या बढ़ रही है। हालांकि, भारत में करोडों युवाओं के रोजगार के लिए इकोनॉमी तेजी से नहीं बढ़ रही। अगले कुछ वर्षों में ताइवान की जनसंख्या में बूढ़े लोगों की संख्या 20 प्रतिशत से अधिक होने का अनुमान है। ताइवान के साथ एंप्लॉयमेंट को लेकर एग्रीमेंट से चीन की नाराजगी बढ़ सकती है। ताइवान एक स्व-शासित आइलैंड है और चीन इसके साथ किसी आधिकारिक एक्सचेंज का विरोध करता है। चीन और ताइवान के बीच समुद्री सीमा है। पिछले कुछ वर्षों में ताइवान के अमेरिका के साथ संबंध मजबूत हुए हैं। अमेरिका की ओर से इसे हथियार और अन्य साजो सामान भी दिया गया है। इससे चीन की नाराजगी बढ़ी है।
पिछले दो दशकों में भारत का चीन से इम्पोर्ट बढ़ा है। हालांकि, ताइवान के साथ एग्रीमेंट का यह मतलब नहीं हौगा कि भारत की ओर से 'वन इंडिया पॉलिसी' को अनदेखा कर रहा है। इस पॉलिसी के तहत ताइवान को चीन के हिस्से के तौर पर माना जाता है। भारत ने इस पॉलिसी को लेकर आधिकारिक तौर पर अपनी स्थिति पर जोर नहीं दिया है और ताइवान के साथ कारोबार को बढ़ाया है। ताइवान के साथ एंप्लॉयमेंट से जुड़े एग्रीमेंट को लेकर बातचीत अंतिम चरण में है। ताइवान वाले वर्कर्स के स्वास्थ्य को प्रमाणित करने के लिए एक मैकेनिज्म बनाया जा रहा है।
ताइवान में बेरोजगारी दर पिछले दो दशक से अधिक में सबसे निचले स्तर पर चली गई है और सरकार को इकोनॉमी की ग्रोथ बरकरार रखने के लिए वर्कर्स की जरूरत है। भारतीय वर्कर्स को ताइवान ने स्थानीय लोगों के समान वेतन और इंश्योरेंस की भी पेशकश की है। भारत में केंद्र सरकार ऐसे देशों के साथ एंप्लॉयमेंट से जुड़े एग्रीमेंट करने पर जोर दे रही जो वर्कफोर्स की कमी से जूझ रहे हैं।