बड़ी इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) कंपनियों में शामिल Tesla की अगले वर्ष भारत में एंट्री होने की संभावना है। दुनिया के सबसे रईस व्यक्ति Elon Musk की इस कंपनी को जल्द केंद्र सरकार की ओर से अप्रूवल मिल सकता है। टेस्ला की योजना भारत में इलेक्ट्रिक कारें बनाने की फैक्टरी लगाने की है। यह देश में बिक्री के साथ ही एक्सपोर्ट भी कर सकती है।
एक मीडिया
रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में प्रधानमंत्री कार्यालय ने (PMO) की ओर से बुलाई गई एक मीटिंग में देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की मैन्युफैक्चरिंग के अगले चरण का आकलन किया गया था। इसमें टेस्ला का देश में इनवेस्टमेंट का प्रपोजल भी शामिल है। कुछ महीने पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अमेरिका दौरे के दौरान मस्क ने उनसे मीटिंग की थी। इसके बाद से टेस्ला के सीनियर एग्जिक्यूटिव्स देश में इलेक्ट्रिक कार और बैटरी की मैन्युफैक्चरिंग को लेकर बातचीत कर रहे हैं।। इससे पहले टेस्ला ने पूरी तरह असेंबल की गई इलेक्ट्रिक कारों पर 40 प्रतिशत की इम्पोर्ट ड्यूटी की मांग की थी। देश में इन 40,000 डॉलर से कम की इम्पोर्टेड इलेक्ट्रिक कारों पर 60 प्रतिशत और इससे अधिक प्राइस वाली कारों पर 100 प्रतिशत की इम्पोर्ट ड्यूटी लगती है।
इस रिपोर्ट में एक सरकारी अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि सरकारी विभागों को
टेस्ला की देश में मैन्युफैक्चरिंग की योजना में आ रही रुकावटों को दूर करने के लिए कहा गया है। टेस्ला जैसी EV कंपनियों के लिए इम्पोर्ट टैक्स को घटाने पर विचार कर रही है। कंपनी ने भारत से 1.7-1.9 अरब डॉलर के कंपोनेंट्स खरीदने की योजना बनाई है। हाल ही में ट्रेड मिनिस्टर Piyush Goyal ने बताया था, "पिछले वर्ष टेस्ला ने देश से लगभग एक अरब डॉलर के कंपोनेंट्स खरीदे थे। मेरे पास उन कंपनियों की लिस्ट है जिन्होंने टेस्ला को कंपोनेंट्स की सप्लाई की है। इस वर्ष टेस्ला का टारगेट 1.7-1.9 अरब डॉलर के कंपोनेंट्स खरीदने का है।"
कंपनी के सीनियर एग्जिक्यूटिव्स ने देश में फैक्टरी लगाने की योजना के बारे में गोयल के साथ मीटिंग भी की थी। इस फैक्टरी में बनने वाले EV का प्राइस लगभग 24,000 डॉलर का होगा। टेस्ला की देश में यूनिट Tesla India Motor and Energy ने महाराष्ट्र में पुणे के विमान नगर में एक ऑफिस स्पेस लीज पर लिया है। कंपनी ने लगभग दो वर्ष पहले बेंगलुरु में अपनी सब्सिडियरी को रजिस्टर्ड कराया था।