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  • भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला पहुंचे स्पेस स्टेशन, Dragon स्पेसक्राफ्ट की हुई डॉकिंग
    Axiom-4 मिशन के क्रू के सदस्य ISS पर कई एक्सपेरिमेंट्स करेंगे। इनमें से सात एक्सपेरिमेंट्स की अगुवाई शुक्ला करेंगे। इस मिशन में 31 देशों की भागीदारी है इस मिशन को सुरक्षा के साथ ISS पर पहुंचाने के लिए NASA और अमेरिकी स्पेस इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपर Axiom Space ने कड़ी तैयारी की थी। इन एस्ट्रोनॉट्स के साथ शून्य ग्रेविटी के उनके संकेतक के तौर पर Joy कहे जाने वाले एक स्वैन टॉय को भी भेजा गया है।
  • Axiom-4 मिशन कल ISS पर पहुंचेगा, भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला हैं मिशन के पायलट
    Axiom-4 मिशन को धरती से लगभग 400 किलोमीटर ऊपर मौजूद ISS पर डॉकिंग करने में लगभग 29 घंटे लगेंगे। Falcon 9 रॉकेट पर स्थित SpaceX का Dragon स्पेसक्राफ्ट शुरुआत में ISS से नीचे के एक ऑर्बिट में पहुंचेगा। ISS के साथ डॉकिंग (जुड़ना) के लिए इस स्पेसक्राफ्ट को अपने रास्ते और ऊंचाई में बदलाव करने होंगे। यह प्रक्रिया आसान नहीं है क्योंकि ISS लगभग 28,000 km/h की रफ्तार से चक्कर लगा रहा है।
  • Axiom स्पेस मिशन के कल लॉन्च की तैयारी, भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला क्रू में शामिल
    NASA, Axiom Space औ बिलिनेयर Elon Musk की SpaceX ने इस मिशन के लिए 25 जून को बुधवार 12.01 PM (भारतीय समयानुसार) पर लॉन्च का टारगेट रखा है। अमेरिका में कैलिफोर्निया के Kennedy Space Centre से SpaceX का Falcon 9 रॉकेट इस मिशन के स्पेसक्राफ्ट Dragon के साथ उड़ान भरेगा। यह Dragon स्पेसक्राफ्ट की पहली और Falcon 9 रॉकेट की दूसरी उड़ान होगी।
  • अमेरिकी पॉर्लियामेंट के स्टाफ के लिए बैन हुआ WhatsApp, ये है कारण....
    अमेरिका के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स के स्टाफ के लिए जारी किए गए एक मेमो में कहा गया है कि ऑफिस ऑफ सायबरसिक्योरिटी वॉट्सऐप को यूजर्स के लिए अधिक रिस्क वाला ऐप मानता है। इसका कारण यूजर डेटा के प्रोटेक्शन को लेकर ट्रांसपेरेंसी की कमी, स्टोर किए गए डेटा का एनक्रिप्शन न होना और इसके इस्तेमाल से सिक्योरिटी को लेकर आशंका प्रमुख कारण हैं।
  • भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला का स्पेस मिशन फिर टला, लॉन्च की नई तिथि का इंतजार
    Axiom-4 मिशन के जरिए ISS पर भारतीय एस्ट्रोनॉट, Shubhanshu Shukla के साथ अमेरिका की Peggy Whitson, पोलैंड के Slawosz Uznanski Wisniewski और हंगरी के Tibor Kapu को जाना है। अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA, Axiom Space और SpaceX की ओर से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर ऑपरेशनल और सेफ्टी से जुड़ी आशंकाओं को दूर किया जा रहा है।
  • डेटा की बड़ी चोरी में 16 अरब लॉगिन डिटेल्स हुई लीक, Apple और गूगल के यूजर्स के लिए खतरा
    इसे डेटा की चोरी के सबसे बड़े मामलों में से एक बताया जा रहा है। इससे Apple और Google सहित बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों के साथ ही कई देशों की सरकारी वेबसाइट्स पर असर पड़ा है। डेटा की इस चोरी से पर्सनल डिटेल्स तक हैकर्स की पहुंच का खतरा है, जिसका इस्तेमाल एकाउंट्स पर कंट्रोल करने, आइडेंटिटी की चोरी और फिशिंग अटैक्स के लिए किया जा सकता है।
  • भारत के एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला को स्पेस में ले जाने वाला Axiom-4 मिशन 22 जून तक टला
    बिलिनेयर Elon Musk की रॉकेट कंपनी SpaceX ने बताया कि अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA और Axiom ने मिशन के लिए 22 जून के लॉन्च की तिथि तय की है। इस मिशन के टलने से NASA को ISS के Zvezda सर्विस मॉड्यूल के अंदर ऑपरेशंस की समीक्षा करने में सहायता मिलेगी। अमेरिका में कैलिफोर्निया के Kennedy Space Centre से SpaceX का Falcon 9 रॉकेट इस मिशन के स्पेसक्राफ्ट Dragon के साथ उड़ान भरेगा।
  • भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला को ISS पर ले जाने वाले Axiom-4 मिशन का 19 जून को लॉन्च
    Axiom Mission 4 को 12 जून को एक लीक की वजह से टाल दिया गया था। अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA, Axiom Space और बिलिनेयर Elon Musk की SpaceX ने इस मिशन के लॉन्च के लिए 19 जून को तय किया है। NASA ने बताया है कि Falcon 9 रॉकेट में लिक्विड ऑक्सिजन लीक की रिपेयर की गई है। इसके बाद SpaceX ने इसकी टेस्टिंग भी की है। अमेरिका में Kennedy Space Centre से इस रॉकेट को लॉन्च किया जाएगा।
  • भारतीय एस्ट्रोनॉट Shubhanshu Shukla का Axiom-4 मिशन 19 जून को होगा लॉन्च
    बिलिनेयर Elon Musk की रॉकेट कंपनी SpaceX की एक टीम ने यह पुष्टि की है कि इस Axiom-4 मिशन को टालने के पीछे की समस्या का समाधान किया गया है। इस स्पेस मिशन को 29 मई को लॉन्च किया जाना था। हालांकि, इसके बाद इसे 8 जून, 10 जून और 11 जून को टाला गया था। SpaceX ने बताया था कि Falcon-9 रॉकेट में एक लिक्विड ऑक्सिजन लीक की वजह से 11 जून को इस मिशन का लॉन्च टाला गया था।
  • सोलर तूफानों से Elon Musk की Starlink के सैटेलाइट्स आसमान से गिर रहे
    अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के Goddard Space Flight Centre में स्पेस फिजिसिस्ट, Denny Oliveira ने पिछले कुछ वर्षों में धरती पर वापस गिरे स्टारलिंक के 523 सैटेलाइट्स पर एक स्टडी की अगुवाई की है। इस स्टडी में पता चला है कि सूर्य में विस्फोटों से बनने वाले जियोमैग्नेटिक तूफानों से वातावरण में खिंचाव बढ़ता है और इससे सैटेलाइट्स ऑर्बिट से गिरकर तेजी से वातावरण में दोबारा एंट्री करते हैं।
  • भारतीय एस्ट्रोनॉट Shubhanshu Shukla की स्पेसफ्लाइट का लॉन्च टला, Falcon बूस्टर में लीकेज
    इस मिशन को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर भेजा जाना है। इस मिशन में देश के शुभांशु शुक्ला के अलावा अमेरिका की Peggy Whitson, पोलैंड के Slawosz Uznanski Wisniewski और हंगरी के Tibor Kapu शामिल हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के चेयरमैन, V Narayanan ने बताया कि टेस्ट के दौरान प्रोपल्शन बे में एक LOx लीक मिलने के कारण इस स्पेसफ्लाइट को टाला गया है।
  • Apple के iOS 26 के नए डिजाइन को Elon Musk ने बताया 'कूल'
    एपल का कहना है कि नया डिजाइन ग्लास की ऑप्टिकल क्वालिटीज को फ्लुडिटी के साथ मिलाता है। यह यूजर के कंटेंट या संदर्भ के आधार पर बदलाव करता है। नए यूजर इंटरफेस के साथ ही एपल ने टैब बार्स और साइडबार्स के डिजाइन को भी बदला है। यह एपल के डिवाइसेज में कैमरा, फोटोज, Safari, FaceTime और Apple News सहित नेटिव ऐप्स के लिए लागू होगा।
  • Apple के iOS, iPadOS और macOS और अन्य ऑपरेटिंग सिस्टम्स को वर्ष से पहचाना जाएगा
    कंपनी के ऑपरेटिंग सिस्टम्स को क्रमानुसार नंबरिंग के बजाय वर्ष के आधार पर टाइटल दिया जाएगा। इसकी शुरुआत iOS 26, iPadOS 26 और macOS 26 के साथ की जाएगी। एपल ने बताया कि नए सिस्टम से iPhone, iPad, Mac, Apple Watch, Apple TV और Vision Pro सॉफ्टवेयर के लिए वर्जन नंबर्स को सिंक्रोनाइज किया जाएगा। एपल के iOS 26 में 'लिक्विड ग्लास' कहा जाने वाला नया इंटरफेस दिया जाएगा।
  • James Webb टेलीस्कोप की बड़ी खोज, यंग स्टार सिस्टम में मिला जमा हुआ पानी
    Science Alert में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, यह स्टार सिस्टम केवल 2.3 करोड़ वर्ष पुराना है, जो लगभग 4.6 अरब वर्ष पुराने सोलर सिस्टम की तुलना में काफी युवा है। यह स्टार सिस्टम अभी अपने शुरुआती दौर में है। अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के James Webb Telescope ने जमे हुए पानी के साथ ही पारदर्शी पानी वाली बर्फ को भी खोजा है।
  • AI का इस्तेमाल बढ़ने के बावजूद इंजीनियर्स की हायरिंग जारी रखेगी Google
    गूगल के CEO, Sundar Pichai ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल बढ़ने के बावजूद यह वर्कर्स की जगह नहीं ले सकता। Bloomberg Tech conference में पिचाई ने बताया कि ह्युमन टैलेंट के विकल्प के बजाय AI एक एक्सेलरेटर के तौर पर कार्य करता है। इससे कंपनी को टेक्नोलॉजी के इमर्जिंग एरिया में अधिक मौकों का फायदा उठाने में आसानी होती है।

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