सरकारी टेलीकॉम कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) के 4G नेटवर्क का जल्द देश भर में लॉन्च किया जा सकता है। इसके लिए 93,450 टावर्स को इंस्टॉल किया जा चुका है। BSNL के 4G नेटवर्क के लिए स्वदेशी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है। इस नेटवर्क को अपग्रेड कर 5G में कन्वर्ट किया जाएगा।
टेलीकॉम मिनिस्टर Jyotiraditya Scindia ने बताया, "हमने लगभग 93,450 टावर्स को इंस्टॉल किया है। इसमें C-DoT एक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी, BSNL एक सरकारी कंपनी, Tejas Networks एक प्राइवेट सेक्टर की कंपनी और Tata Consultancy Services (TCS) ने सिस्टम इंटीग्रेटर के तौर पर शामिल हैं। इन चारों ने एक साथ मिलकर 22 महीनों में देश का पहला स्टैक तैयार किया है।" उन्होंने बताया कि दुनिया में
4G के लिए भारत स्वदेशी टेलीकॉम स्टैक वाला पांचवां देश बन गया है। इस लिस्ट में चीन, फिनलैंड, दक्षिण कोरिया और स्वीडन शामिल हैं।
TCS की अगुवाई वाले एक कंसोर्शियम को BSNL के लिए एक लाख 4G साइट्स को इंस्टॉल करने से जुड़ा लगभग 19,000 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था। BSNL की योजना जून में 4G सर्विस को लॉन्च करने का है। इसके बाद कंपनी 4G साइट्स को अपग्रेड कर 5G नेटवर्क लॉन्च करेगी। इससे पहले केंद्र सरकार की ओर से कंपनी को 4G नेटवर्क के एक्सपैंशन के लिए 6,000 करोड़ रुपये की फंडिंग की अनुमति दी गई थी। इस फंड का इस्तेमाल कंपनी की सब्सिडियरी महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (MTNL) के 4G नेटवर्क के लिए भी किया जाएगा।
Reliance Jio और Bharti Airtel जैसी बड़ी टेलीकॉम कंपनियों का 5G नेटवर्क देश के बड़े हिस्से में मौजूद है। इन कंपनियों का मुकाबला करने के लिए
BSNL को जल्द 5G सर्विस लॉन्च करने की जरूरत है। हाल ही में BSNL के वर्कर्स ने 4G सर्विसेज और 5G नेटवर्क के लॉन्च में देरी के खिलाफ प्रदर्शन किया था। कंपनी के वर्कर्स फाइबर-टु-होम (FTTH) के खराब प्रदर्शन और केंद्र सरकार के BharatNet प्रोजेक्ट में देरी से भी नाराज हैं। पिछले कुछ वर्षों में BSNL के लाखों सब्सक्राइबर्स प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों के नेटवर्क पर शिफ्ट हुए हैं। इससे BSNL को रेवेन्यू का बड़ा नुकसान हुआ है। हाल ही में BSNL को 700 MHz और 3,300 MHz जैसे प्रीमियम बैंड्स में स्पेक्ट्रम मिला था, जो 5G नेटवर्क के लिए महत्वपूर्ण है।