• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • अंतरिक्ष में अपना स्टेशन बनाएगा भारत, अगले वर्ष लॉन्च हो सकता है गगनयान मिशन

अंतरिक्ष में अपना स्टेशन बनाएगा भारत, अगले वर्ष लॉन्च हो सकता है गगनयान मिशन

पिछले दशक में भारत ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से 397 विदेशी सैटेलाइट को लॉन्च किया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का श्रीहरिकोटा में सैटेलाइट लॉन्च सेंटर है

अंतरिक्ष में अपना स्टेशन बनाएगा भारत, अगले वर्ष लॉन्च हो सकता है गगनयान मिशन

पिछले दशक में भारत ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से 397 विदेशी सैटेलाइट को लॉन्च किया है

ख़ास बातें
  • इस स्टेशन का नाम "भारत अंतरिक्ष स्टेशन" होगा
  • इसकी स्थापना 2035 तक की जा सकती है
  • पिछले दशक में भारत ने 397 विदेशी सैटेलाइट को लॉन्च किया है
विज्ञापन
देश ने पिछले कुछ वर्षों में स्पेस मिशंस में काफी प्रगति की है। भारत की योजना अब अपना स्पेस स्टेशन बनाने की है। साइंस एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्टर Jitendra Singh ने बुधवार को बताया कि इस स्टेशन का नाम "भारत अंतरिक्ष स्टेशन" होगा। इसकी स्थापना 2035 तक की जा सकती है। 

सिंह ने एक संवाददाता सम्मेलन में देश की अंतरिक्ष से जुड़ी महत्वाकांक्षी योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया, "हमारा अपना स्पेस स्टेशन बनने जा रहा है। इसे भारत अंतरिक्ष स्टेशन कहा जाएगा। यह 2035 तक बन जाएगा। हम 2040 तक एक भारतीय को चंद्रमा पर लैंड करा सकते हैं।" देश के पहले ह्युमन स्पेस फ्लाइट मिशन Gaganyaan के बारे में सिंह ने बताया कि 2026 की शुरुआत तक पहला भारतीय एस्ट्रोनॉट इस मिशन के तहत स्पेस की यात्रा करेगा। उन्होंने कहा कि पिछले दशक में भारत ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से 397 विदेशी सैटेलाइट को लॉन्च किया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का श्रीहरिकोटा में सैटेलाइट लॉन्च सेंटर है। 

हाल ही में ISRO के प्रमुख, S Somanath ने गगनयान मिशन को एक वर्ष के लिए टालने की जानकारी दी थी। उन्होंने बताया था कि अंतरिक्ष में देश के एस्ट्रोनॉट मिशन से पहले बिना क्रू वाली कई टेस्ट फ्लाइट की जाएंगी। गगनयान मिशन की तैयारी को लेकर ISRO पूरी सतर्कता बरत रहा है। इस मिशन के लॉन्च होने पर अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत अंतरिक्ष में एस्ट्रोनॉट्स को भेजने वाला चौथा देश बन जाएगा। ISRO के विस्तृत ट्रेनिंग प्रोसीजर और बिना क्रू वाली चौथी फ्लाइट को जोड़ना भी इस मिशन को टालने के कारणों में शामिल है। गगनयान मिशन में एक या दो एस्ट्रोनॉट्स को धरती से लगभग 400 किलोमीटर ऊपर लो अर्थ ऑर्बिट में ले जाया जाएगा। 

अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के एस्ट्रोनॉट्स Sunita Williams और Butch Wilmore की इंटनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से वापसी को Boeing के Starliner स्पेसक्राफ्ट में तकनीकी समस्या के कारण अगले वर्ष फरवरी तक टाला गया है। इस वर्ष जून में विलियम्स और उनके साथी एस्ट्रोनॉट विल्मोर केवल आठ दिन के मिशन पर ISS पर पहुंचे थे। हालांकि, स्टाइलाइनर में तकनीकी समस्या के कारण इनकी वापसी को टालना पड़ा है। इस मामले से ISRO ने भी सीख ली है। गगनयान मिशन की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए ISRO ने कई टेस्ट किए हैं। इनमें इमरजेंसी की स्थिति में निकलने का मैकेनिज्म और रिकवरी के सिस्टम का आकलन भी शामिल है। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

आकाश आनंद

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। उनके पास प्रमुख ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Vivo Y19s 5G vs iQOO Z10 Lite 5G vs Moto G45 5G: 12 हजार में कौन है बेस्ट
  2. 22 हजार रुपये सस्ता मिल रहा 48 मेगापिक्सल कैमरा वाला iPhone
  3. UPI ट्रांजैक्शंस ने बनाया रिकॉर्ड, 27 लाख करोड़ से अधिक की वैल्यू
  4. क्रिप्टोकरेंसी की इंटरनेशनल माइनिंग में चौथा सबसे बड़ा देश बना ईरान
  5. Vivo X300 Ultra हो सकता है डुअल 200 मेगापिक्सल कैमरों वाला पहला स्मार्टफोन
  6. Royal Enfield ने पेश की Flying Flea S6 इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल, जबरदस्त लुक और भरपूर स्मार्ट फीचर्स!
  7. Moto G67 Power 5G में होगी 6.7 इंच LCD स्क्रीन, 7,000mAh बैटरी
  8. Beaver Moon: 5 नवंबर को आसमान में खिलेगा 'बीवर मून', क्यों खास है चांद का यह रूप, जानें
  9. बोतल में बंद हो रहा है 'सूरज', AI से होगा कंट्रोल, NVIDIA के इस प्रोजेक्ट ने उड़ा डाले होश!
  10. भारत के स्मार्टफोन मार्केट की सेल्स 5 प्रतिशत बढ़ी, 30,000 रुपये से ज्यादा के हैंडसेट्स की मजबूत डिमांड 
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »