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Security - ख़बरें

  • 1 साल में 25 हजार करोड़ की चोरी! 2025 में Crypto हैक्स ने बनाया नया रिकॉर्ड
    2025 क्रिप्टोकरेंसी इंडस्ट्री के लिए अब तक का सबसे खराब साल साबित हुआ है। ब्लॉकचेन एनालिसिस फर्म्स Chainalysis और TRM Labs के मुताबिक, इस साल साइबर हैक्स और अटैक्स के जरिए करीब $2.7 बिलियन की क्रिप्टो चोरी हुई है। सबसे बड़ा मामला दुबई स्थित Bybit एक्सचेंज से जुड़ा रहा, जहां अकेले $1.4 बिलियन की डिजिटल एसेट्स चोरी की गईं। रिपोर्ट्स में उत्तर कोरिया से जुड़े हैकर ग्रुप्स को इन हमलों का मुख्य जिम्मेदार बताया गया है। लगातार बढ़ते ये आंकड़े क्रिप्टो सिक्योरिटी पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं।
  • आपका WhatsApp डेटा खतरे में? 56 हजार डाउनलोड्स के बाद खुला राज, एक्सपर्ट ने दी सलाह
    npm रजिस्ट्री पर मौजूद एक खतरनाक पैकेज ने खुद को WhatsApp Web API लाइब्रेरी बताकर हजारों डेवलपर्स को निशाना बनाया है। lotusbail नाम का यह पैकेज पिछले छह महीनों से उपलब्ध था और अब तक 56 हजार से ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका है। सिक्योरिटी रिसर्चर्स के मुताबिक, यह पैकेज WhatsApp के मैसेज, कॉन्टैक्ट्स और ऑथेंटिकेशन टोकन चोरी कर सकता है और अटैकर के डिवाइस को अकाउंट से लिंक कर देता है। डेवलपर्स को इसे तुरंत हटाने की सलाह दी गई है।
  • घर में बेकार पड़ा है पुराना फोन? चंद स्टेप्स में उसे बनाएं सिक्योरिटी कैमरा, देखें फुल गाइड
    अगर आपके पास कोई पुराना स्मार्टफोन बेकार पड़ा है, तो उसे आप सिक्योरिटी कैमरा की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। सही ऐप्स और बेसिक सेटअप की मदद से Android या iPhone दोनों को निगरानी के लिए बदला जा सकता है। इस तरीके में लाइव वीडियो फीड, मोशन डिटेक्शन और अलर्ट जैसे फीचर्स मिलते हैं, जिससे घर या ऑफिस की सिक्योरिटी बढ़ाई जा सकती है। इंटरनेट कनेक्शन और चार्जिंग की व्यवस्था के साथ यह तरीका काफी किफायती साबित होता है। महंगे CCTV सिस्टम की बजाय पुराने फोन को सिक्योरिटी टूल बनाना एक स्मार्ट ऑप्शन है।
  • SIM बदला तो WhatsApp बंद, सरकार के इस नियम से जनता नाखुश! जानें सर्वे में क्या पता चला
    WhatsApp और Telegram जैसे मैसेजिंग ऐप्स के लिए प्रस्तावित SIM-बाइंडिंग नियम को लेकर यूजर्स में असहमति बढ़ रही है। LocalCircles के सर्वे में 60% लोगों ने कहा कि यह बदलाव उनकी रोजमर्रा की चैटिंग को मुश्किल बना देगा, खासकर मल्टी-डिवाइस यूजर्स के लिए।
  • अपने कंप्यूटर पर छिपे हुए ऐप्स कैसे खोजें, ये है आसान ट्रिक
    साइबर क्रिमिनल नए-नए तरीके अपनाकर आपकी कीमती डाटा, निजी जानकारी और वित्तीय नुकसान करने के लिए लगे रहते हैं। अब अगर आपका लैपटॉप या पीसी इंटरनेट से कनेक्ट है तो कई बार इंटरनेट ब्राउज करते हुए कुछ ऐप्स गलती से डाउनलोड हो जाते हैं। गलती से सिस्टम में डाउनलोड होने वाले ये ऐप्स आपके लिए और आपके कंप्यूटर के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं।
  • पब्लिक वाई-फाई इस्तेमाल करते हुए अपने लैपटॉप और डाटा को कैसे रखें सुरक्षित
    पब्लिक वाई-फाई का उपयोग करने वाले यूजर्स अक्सर साइबर हमलावरों के लिए सबसे आसान लक्ष्य होते हैं। अगर आप बिना सुरक्षा के पब्लिक वाई-फाई से कनेक्ट होते हैं तोकुछ ही मिनटों में आपकी बैंकिंग जानकारी, प्राइवेट मैसेज और निजी फाइल गलत हाथों में जा सकती हैं। ऐसे में संभावित खतरों से बचने के लिए पब्लिक वाई-फाई का उपयोग करने से पहले अपने लैपटॉप को सुरक्षित करना बेहद जरूरी है।
  • 2030 तक AI बनेगा भारत की नेशनल सिक्योरिटी का इंजन, IFSEC India 2025 में दिखा टेक्नोलॉजी का दबदबा!
    दिल्ली के भारत मंडपम में IFSEC India 2025 का 18वां एडिशन आज शुरू हुआ और इस बार फोकस 'भारत की सिक्योरिटी और सर्विलांस इंडस्ट्री के हाई-टेक मोड़' पर है। AI, IoT, डेटा-ड्रिवन एनालिटिक्स, स्मार्ट कमांड प्लेटफॉर्म्स और अगली पीढ़ी के फायर एंड लाइफ सेफ्टी सिस्टम्स इस पूरे Expo की दिशा तय करते दिखे। यह इवेंट अब तक का सबसे बड़ा एडिशन है, जिसमें 150 से अधिक प्रदर्शक, 350 से ज्यादा ब्रांड्स और करीब 20,000 प्रोफेशनल्स के शामिल होने की तैयारी है।
  • CP Plus और Qualcomm ने मिलाया हाथ, भारत में तैयार होंगे नेक्स्ट जेनरेशन AI वीडियो सिक्योरिटी सिस्टम!
    CP Plus और Qualcomm Technologies ने भारत में AI-ड्रिवन वीडियो सिक्योरिटी सॉल्यूशन्स पेश करने के लिए नई पार्टनरशिप का ऐलान किया है। Qualcomm Dragonwing प्रोसेसर और Insight Platform के साथ, CP Plus का VMS अब रियल-टाइम, ऑन-डिवाइस AI एनालिटिक्स सपोर्ट करेगा, जिससे डेटा कभी भी बाहरी नेटवर्क पर नहीं जाएगा। यह एयर-गैप्ड मॉडल इंडस्ट्रियल यूनिट्स, एंटरप्राइजेज, पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर और होम सिक्योरिटी में खास उपयोगी रहेगा। प्लेटफॉर्म में जेनरेटिव AI असिस्टेंट भी शामिल है, जो नैचुरल लैंग्वेज में क्वेरी लेकर घटनाओं का विश्लेषण बताता है। कंपनियों का कहना है कि यह नया सिस्टम भारत में अगली पीढ़ी की वीडियो इंटेलिजेंस तैयार करेगा।
  • स्मार्टफोन्स में प्री-इंस्टॉल्ड नहीं होगा Sanchar Saathi ऐप, सरकार ने वापस लिया ऑर्डर
    विपक्षी दलों ने सरकार के इस आदेश का कड़ा विरोध किया था। कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने कहा था कि इससे नागरिकों के प्राइवेसी से जुड़े अधिकारों का उल्लंघन होगा और इस ऐप का इस्तेमाल लोगों की जासूसी करने के लिए हो सकता है। हालांकि, इस विवाद के बाद टेलीकॉम मिनिस्टर Jyotiraditya Scindia ने बताया था कि स्मार्टफोन्स में इस ऐप को डिलीट किया जा सकेगा।
  • Maruti Suzuki ने पेश की e Vitara, 500 किलोमीटर से ज्यादा की रेंज 
    मारूति सुजुकी ने बताया है कि e Vitara को अगले वर्ष जनवरी में लॉन्च किया जाएगा। इसके लिए जल्द बुकिंग्स शुरू हो सकती हैं। e Vitara को चार डुअल-टोन विकल्पों सहित 10 कलर ऑप्शंस में उपलब्ध कराया जा सकता है। कंपनी ने इसके प्राइसेज की जानकारी नहीं दी है। e Vitara में 10.1 इंच टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम और 10.25 इंच डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर शामिल है।
  • स्मार्टफोन्स में Sanchar Saathi ऐप को डिलीट करने का मिलेगा ऑप्शनः टेलीकॉम मिनिस्टर
    स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरर्स को इन बदलावों को लागू करने के लिए 90 दिनों की समयसीमा दी गई है। इस ऑर्डर के तहत, नया मोबाइल डिवाइस (Android या iPhone) को खरीदने पर सरकार का संचार साथी ऐप पहले से उसमें इंटीग्रेटेड होगा। DoT के ऑर्डर में यह भी कहा गया है कि यूजर्स को डिवाइसेज के पहली बार सेटअप करने के दौरान यह ऐप तुरंत दिखना चाहिए।
  • WhatsApp, Telegram जैसे ऐप्स पर करना होगा प्रत्येक छह घंटे में लॉगिन, जल्द लागू होगा रूल!
    इससे यह पक्का किया जा सकेगा कि जो व्यक्ति किसी कम्युनिकेशन ऐप पर वेब सेशन का इस्तेमाल कर रहा है वह उस एकाउंट से जुड़े SIM का वास्तविक एक्सेस रखता है। इससे दूरदराज के इलाकों से आपराधिक गतिविधियों को चलाने वाले स्कैमर्स पर नियंत्रण किया जा सकेगा। इस प्रकार का एक सिक्योरिटी फीचर Google Pay और PhonePe जैसे पेमेंट सर्विसेज से जुड़े ऐप्स में पहले से एक स्टैंडर्ड के तौर पर मौजूद है।
  • Aadhaar ऐप में यूजर्स को जल्द मिलेगा मोबाइल नंबर अपडेट करने का फीचर, सेंटर पर जाने की नहीं होगी जरूरत 
    इस फीचर के लिए यूजर की पहचान की पुष्टि फेश ऑथेंटिकेशन और OTP के जरिए की जाएगी। इससे आधार से जुड़े मोबाइल नंबर को अपडेट करने के लिए व्यक्तिगत तौर पर ऑथराइज्ड सेंटर पर जाने की जरूरत नहीं रहेगी। आधार नंबर को अपडेट करने की मौजूदा प्रक्रिया में यूजर्स को एनरोलमेंट सेंटर पर जाकर कतार में खड़ा होना पड़ता और इसके लिए पेपरवर्क की भी जरूरत होती है।
  • Aadhaar के डेटाबेस में दूर होगी गड़बड़ियां, 2 करोड़ से ज्यादा मृत लोगों की ID हुई डिसएबल
    यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) ने आधार के डेटाबेस को अपडेट करने के लिए मृत लोगों से जुड़े दो करोड़ से ज्यादा आधार नंबर्स को डीएक्टिवेट किया है। UIDAI ने मृत्यु पंजीकरण के अलावा रजिस्ट्रेशन जनरल ऑफ इंडिया, केंद्र सरकार के मंत्रालयों और विभागों और राज्य सरकारों की ओर से मिले डेटा का आधार के रिकॉर्ड से मिलान करने के बाद ये डीएक्टिवेशन किए हैं।
  • आपके नाम पर जारी SIM के गलत इस्तेमाल के लिए आप होंगे जिम्मेदार!
    जाली दस्तावेजों, फ्रॉड के जरिए SIM कार्ड खरीदने वाले भी मुश्किल में फंस सकते हैं। अगर किसी व्यक्ति के नाम पर जारी SIM कार्ड को गैर कानूनी गतिविधियों में शामिल किसी अपराधी को दिया जाता है जो जिसके नाम पर वह SIM कार्ड जारी किया गया है, वह व्यक्ति भी दोषी माना जा सकता है। DoT ने मोबाइल सब्सक्राइबर्स को कॉलिंग लाइन आइडेंटिटी में बदलाव करने वाले मोबाइल एप्लिकेशंस का इस्तेमाल नहीं करने की भी सलाह दी है।

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