भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो (ISRO) का Spadex मिशन कामयाब हो गया। कई दिनों से देशवासी जिसका इंतजार कर रहे थे, वह गुड न्यूज गुरुवार सुबह आई। इसरो ने बताया कि उसने अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक दो स्पेसक्राफ्टों को आपस में जोड़ दिया है, जिसे स्पेस डॉकिंग कहा जाता है। ऐसा करने वाला भारत अब दुनिया का चौथा देश बन गया है। यह कामयाबी अबतक सिर्फ अमेरिका, रूस और चीन के नाम थी।
भारत की स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) ने एक बार फिर से अंतरिक्ष की दुनिया में कारनामा कर दिखाया है। इसरो ने स्पेस में लोबिया के बीजों को उगते दिखाया है। इसरो का कहना है कि केवल चार दिन में ही ये बीज माइक्रोग्रेविटी में अंकुरित हो गए। दरअसल यह संस्था के CROPS मिशन का हिस्सा है। भविष्य में दूसरे ग्रहों पर खेती की संभावनाओं को इसके जरिए तलाशा जा सकता है।
ISRO ने स्पेस डॉकिंग प्रोग्राम के तहत दो सैटेलाइट्स की डॉकिंग करने की कोशिश की। जिसमें दो भारतीय सैटेलाइट्स एक दूसरे के 3 मीटर तक करीब आ गए! डाटा विश्लेषण के बाद डॉकिंग की फिर से कोशिश की जाएगी। इसरो की यह तीसरी कोशिश थी। इससे पहले भी डॉकिंग प्रोसेस को दो बार टाला जा चुका है।
भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो (ISRO) ने अंतरिक्ष में एक और इतिहास रच दिया है। इसरो ने अंतरिक्ष में लोबिया के बीज अंकुरित करवाए थे, जिनसे अब पत्तियां निकल आई हैं। इसरो ने बताया है कि ‘PSLV-C60 पीओईएम-4 प्लेटफॉर्म’ पर अंतरिक्ष में भेजे गए लोबिया के बीजों में अंकुरण के बाद पहली पत्तियां निकल आई हैं। इसरो ने कहा है कि यह अंतरिक्ष बेस्ड प्लांट रिसर्च में मील का एक पत्थर है।
इस सैटेलाइट से स्पेस से सीधे फोन कॉल्स की जा सकेंगी। यह मौजूदा सैटेलाइट टेलीफोन सर्विसेज की तुलना में कम्युनिकेशन का एक अधिक इनोवेटिव और मॉडर्न तरीका होगा। यह पहली बार है कि जब एक अमेरिकी कंपनी एक भारतीय रॉकेट पर देश से एक बड़ा कम्युनिकेशंस सैटेलाइट लॉन्च कर रही है। ISRO की ओर से Gaganyaan मिशन को सफल बनाने के लिए तैयारी की जा रही है।
भारत के अंतरिक्ष संगठन ‘इसरो’ (ISRO) ने सोमवार की रात इतिहास रचा। इसरो का SpaDeX मिशन आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया। इस काम में पीएसएलवी रॉकेट की मदद ली गई, जिसने दो छोटे सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में पहुंचाया। मिशन की खास बात यह है कि दोनों सैटेलाइट्स धरती से करीब 470 किलोमीटर की ऊंचाई पर डॉकिंग और अनडॉकिंग करेंगे।
ISRO ने इस मिशन के लिए ह्युमन रेटेड लॉन्च व्हीकल Mark-3 (HLVM3) की असेंबलिंग शुरू कर दी है। यह असेंबलिंग आंध्र प्रदेश में ISRO के सतीश धवन स्पेस सेंटर पर की जा रही है। देश के महत्वाकांक्षी गगनयान ह्युमन स्पेसफ्लाइट मिशन के तहत बिना क्रू वाले पहले मिशन की यह शुरुआत है। ISRO ने S200 सॉलिड रॉकेट मोटर के नोजल एंड सेगमेंट की स्टैकिंग के साथ असेंबलिंग शुरू की है।
अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA ने बताया है कि SpaceX के Crew-10 मिशन में देरी के कारण इनकी वापसी को टाला गया है। Crew-10 मिशन में NASA के एस्ट्रोनॉट्स Anne McClain और Nichole Ayers के साथ JAXA के Takuya Onishi और Roscosmos के कॉस्मोनॉट Kirill Peskov जाएंगे। इस मिशन को SpaceX के Falcon 9 रॉकेट के जरिए मार्च के अंत में लॉन्च किया जाएगा।
भारत अपने गगनयान मिशन को बेहतर बनाने के लिए काम कर रहा है। बीते सप्ताह एक नकली गगनयान क्रू मॉड्यूल को पानी में डालकर उसे उठाया गया। यह एक प्रकार की एक्सरसाइज थी यह देखने के लिए कि जब एस्ट्रोनॉट्स अंतरिक्ष से पानी में लैंड करेंगे, तब किस प्रकार की तैयारियां चाहिए होंगी। इसरो ने इंडियन नेवी के साथ मिलकर आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम के तट पर बंगाल की खाड़ी में यह एक्सरसाइज की।
इस स्टेशन का नाम "भारत अंतरिक्ष स्टेशन" होगा। इसकी स्थापना 2035 तक की जा सकती है। साइंस एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्टर जितेन्द्र सिंह ने बताया कि यह स्पेस स्टेशन 2035 तक बन जाएगा। इसके बाद 2040 तक एक भारतीय को चंद्रमा पर लैंड कराया जा सकता है। देश के पहले ह्युमन स्पेस फ्लाइट मिशन Gaganyaan के तहत 2026 की शुरुआत तक पहला भारतीय एस्ट्रोनॉट स्पेस की यात्रा करेगा।
भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो (ISRO) के PSLV रॉकेट ने यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के ‘प्रोबा-3’ (PROBA-3) सैटेलाइट्स को लेकर सफल उड़ान भर ली है। यह लॉन्च अब से थोड़ी देर पहले आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से किया गया है। इससे पहले बुधवार को आखिरी समय में लॉन्च कैंसल कर दिया गया था। स्पेसक्राफ्ट में मिली एक ‘‘विसंगति’’ के कारण लॉन्च को टाला गया था।
भारत की स्पेस एजेंसी इसरो (ISRO) आज एक बड़ा लॉन्च करने जा रही है। वह यूरोपीय स्पेस एजेंसी (ESA) के प्रोबा-3 (PROBA-3) मिशन को अंतरिक्ष के लिए रवाना करेगी। इसरो के मुताबिक यह लॉन्च 4 दिसंबर की शाम 4:06 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से होगा। मिशन का नाम PSLV-C59/PROBA-3 है, जिसमें PSLV-C59 वह रॉकेट है, जो PROBA-3 सैटेलाइट को लेकर जाएगा। इस लॉन्च को आप घर बैठे लाइव देख पाएंगे।
भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो बुधवार को एक बड़े लॉन्च के लिए तैयार है। वह यूरोपीय स्पेस एजेंसी (ESA) के प्रोबा-3 (PROBA-3) मिशन को रवाना करेगी। इसरो ने बताया है कि PSLV-C59/PROBA-3 मिशन सैटेलाइट्स को 4 दिसंबर को शाम 4:06 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से रवाना किया जाएगा। इस काम में PSLV-C59 रॉकेट की मदद ली जाएगी, जोकि करीब 550 किलो के सैटेलाइट्स को लेकर उड़ान भरेगा।
इसका कारण चंद्रमा की गुरुत्वाकर्षण की शक्ति धरती से कमजोर होना है। चंद्रमा पर घड़ी की चाल धरती की तुलना में लगभग 56 माइक्रोसेकेंड्स प्रति अर्थ डे या 0.00056 सेकेंड्स तेज होती है। Astronomical Journal में प्रकाशित यह स्टडी Albert Einstein की जनरल रिलेटिविटी थ्योरी पर आधारित है। जनरल रिलेटिविटी की थ्योरी में बताया गया है कि एक सामान्य घड़ी की दर पर उसके स्थान और उससे जुड़ी गति पर गुरुत्वाकर्षण की क्षमता का असर होता है।
केंद्र सरकार ने भारत ने शुक्र ग्रह मिशन को हरी झंडी दे दी है। ISRO ने इसे वीनस ऑर्बिटर मिशन (VOM) नाम दिया है। शुक्रयान-1 इस मिशन का पहला भाग होगा जो 2028 में लॉन्च होगा। इसी के साथ सरकार ने भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (BAS) को भी मंजूरी दे दी है। यह भारत का अपना स्पेस स्टेशन होगा। ISRO के निदेशक नीलेश एम देसाई ने यह जानकारी साझा की।