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Mission - ख़बरें

  • What is Samudrayaan Mission? समुद्र में 6000 मीटर गहराई तक जाएंगे भारतीय वैज्ञानिक, जानें समुद्रयान मिशन की खूबियां
    भारत गगनयान मिशन के अलावा समुद्रयान मिशन पर भी काम कर रहा है। यह भारत का पहला गहरा समुद्री मिशन होगा, जिसमें वैज्ञानिक भी गोता लगाएंगे। जिस पनडुब्‍बी का इस्‍तेमाल होगा, उसका नाम मत्स्य-6000 (Matsya-6000) रखा गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, इस मिशन के अहम मॉड्यूल को इसरो डेवलप कर रहा है। उसे बनाने में टाइटेनियम का इस्‍तेमाल हो रहा है। मॉड्यूल पानी में 6 हजार मीटर गहराई तक जा सकेगा।
  • मंगल ग्रह पर 500 दिन तक रहेगा इंसान, Nasa ने फाइनल की तारीख! आप भी जानें
    अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा, मंगल ग्रह को लेकर कई मिशन प्‍लान कर रही है, जिसमें अंतरिक्ष यात्र‍ियों को मंगल ग्रह पर भेजना भी शामिल है। नासा साल 2035 तक इंसानों को मंगल पर भेजना है। यह सफर आसान नहीं होने वाला। सिर्फ एक तरफ का सफर यानी पृथ्‍वी से मंगल तक पहुंचने में 6 से 7 महीने लगेंगे और 40 करोड़ किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी। योजना है कि मंगल ग्रह की सतह पर एस्‍ट्रोनॉट 500 दिन रहें।
  • आज अंतरिक्ष में उड़ेगा ‘हेरा’, 2026 में वहां पहुंचेगा, जहां एस्‍टरॉयड से टकराया था Nasa का स्‍पेसक्राफ्ट, मकसद क्‍या है?
    नासा ने साल 2022 में DART (डबल एस्‍टरॉयड रीडायरेक्‍शन टेस्‍ट) मिशन को टेस्‍ट किया था। एक स्‍पेसक्राफ्ट को डिमोर्फोस एस्‍टरॉयड से टकराया था। शुरुआती नतीजे उत्‍साहजनक रहे थे और नासा ने कन्‍फर्म किया था कि टक्‍कर के कारण एस्‍टरॉयड के पथ में बदलाव हुआ। नासा अपने मकसद में कितना कामयाब रही, यह पता लगाने के लिए SpaceX हेरा स्‍पेसक्राफ्ट को लॉन्‍च करने जा रही है। यह साल 2026 में डिमोर्फोस तक पहुंचकर उसे हुए इम्‍पैक्‍ट का आकलन करेगा।
  • टूटता हुआ तारा…चमकते हुए ग्रह…अक्‍टूबर में बहुत कुछ दिखाएगा आसमां! जानें
    अक्‍टूबर में आकाश में एक नया धूमकेतु दिखाई देगा। कई ग्रह भी नजर आएंगे। धूमकेतु को C/2023 A3 (Tsuchinshan-ATLAS) नाम से जाना जाता है, जो 14 अक्टूबर के बाद शाम के समय दिखाई दे सकता है। इसके अलावा, सूर्यास्त के बाद पश्चिम दिशा की तरफ शुक्र ग्रह को देखा जा सकता है। अंधेरा होने के बाद दक्षिण-पूर्व में शनि दिखाई दे सकता है। मंगल और बृहस्पति रात में दिखाई देंगे।
  • Chandrayaan 4 : चंद्रयान 4 करेगा कमाल! चांद से 2-3 किलो मिट्टी-पत्‍थर लाएगा धरती पर
    चंद्रयान-3 मिशन की कामयाबी ने चंद्रयान-4 मिशन में तेजी ला दी है। इसरो ने मिशन को साल 2029 तक लॉन्‍च करने का लक्ष्‍य है। इसकी अनुमानित लागत 2,104.06 करोड़ रुपये है। रिपोर्ट्स के अनुसार, चंद्रयान-4 मिशन इसलिए खास होने वाला है क्‍योंकि यह चांद से 2 से 3 किलो सैंपल लेकर लौटेगा। ऐसा पहली बार होगा जब कोई भारतीय स्‍पेस किसी खगोलीय पिंड से सैंपल जुटाएगा।
  • Nasa दे रही Rs 25 करोड़ जीतने का मौका! पूरा करना होगा यह चैलेंज, जानें
    नासा ने लूनारिसाइकल चैलेंज का ऐलान किया है, जिसे जीतने वाले को 3 मिलियन डॉलर का प्राइज दिया जाएगा। रिपोर्ट्स के अनुसार, फ्यूचर में जब एस्‍ट्रोनॉट्स लंबे समय के लिए चंद्रमा पर रहेंगे, तब कई तरह का कचरा वहां होगा जैसे- फूड पैकेजिंग का वेस्‍ट, एस्‍ट्रोनॉट्स के बेकार कपड़े, साइंस एक्‍सपेरिमेंट से जुड़े मटीरियल्‍स आदि। इससे निपटने के लिए ऐसी तकनीक चाहिए जो ज्‍यादा बिजली ना खर्च करे और यूज में हल्‍की हो।
  • सुनीता विलियम्‍स को लाने अंतरिक्ष में पहुंचा ‘फ्रीडम’, कब तक होगी वापसी? जानें
    अंतरिक्ष में ‘फंसी’ भारतीय मूल की एस्‍ट्रोनॉट सुनीता विलियम्‍स जिस स्‍पेसक्राफ्ट से वापस लौटेंगी, वह इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन पर पहुंच गया है। स्‍पेसएक्‍स के क्रू-9 मिशन ने आईएसएस पर डॉक किया है। क्रू-9 के ड्रैगन कैप्‍सूल का नाम फ्रीडम है। दो अंतरिक्ष यात्री स्‍पेस स्‍टेशन पहुंचे हैं। जब ये वापस लौटेंगे तो कुल यात्रियों की संख्‍या 4 होगी, जिसमें सुनीता विल‍ियम्‍स और उनके साथी बुच विल्‍मोर भी होंगे। वापसी अगले साल फरवरी में हो सकती है।
  • 200 किलो का स्‍पेसक्राफ्ट अंतरिक्ष में करेगा सुसाइड! वैज्ञानिकों का ‘अजीबोगरीब’ मिशन, क्‍या है मकसद? जानें
    यूरोपीय स्‍पेस एजेंसी (ESA) अंतरिक्ष में एक सैटेलाइट को बर्बाद करने के लिए लॉन्‍च करना चाहती है। वह देखना चाहती है कि कोई सैटेलाइट पृथ्‍वी पर री-एंट्री के दौरान कैसे टूटता है। मिशन का नाम डिस्‍ट्रक्टिव रीएंट्री असेसमेंट कंटेनर ऑब्‍जेक्‍ट (DRACO) रखा गया है। DRACO का लक्ष्‍य होगा कि जब वह पृथ्‍वी पर री-एंट्री करके बर्बाद होगा, तो उससे जुड़ा डेटा जुटाएगा। इसे 2027 में लॉन्‍च किए जाने की योजना है।
  • NASA की एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स ने संभाली इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की कमान
    यह दूसरी बार है कि जब विलियम्स ने ISS की कमान संभाली है। इससे पहले वह 2012 में भी एक मिशन की अगुवाई कर चुकी हैं। जून में विलियम्स और उनके साथी एस्ट्रोनॉट Butch Wilmore केवल आठ दिन के मिशन पर Boeing के Starliner स्पेसक्राफ्ट के जरिए ISS पर पहुंचे थे।हालांकि, स्टारलाइन में तकनीकी समस्या के कारण विलियम्स और विल्मोर की वापसी अगले वर्ष फरवरी तक टल गई है।
  • गगनयान मिशन की लॉन्चिंग इसी साल, इसरो चीफ ने दिया बड़ा अपडेट
    भारत का गगनयान मिशन इसी साल लॉन्‍च हो सकता है। इसरो चीफ एस सोमनाथ ने शुक्रवार को कहा कि गगनयान मिशन इसी साल लॉन्च के लिए तैयार है। इसका मकसद कम से कम 3 भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्‍वी की निचली कक्षा में भेजना है। यात्री तीन दिनों तक स्‍पेस में रहेंगे और फ‍िर समुद्र में एक तय लोकेशन पर लैंडिंग करेंगे। इसरो ने 3 मिशन प्‍लान किए हैं। पहले 2 मिशनों में रोबोट ‘व्‍योममित्र’ को भेजने की तैयारी है।
  • चंद्रयान 3 की सफलता के बाद चंद्रयान-4 के लिए ISRO को सरकार से मिली हरी झंडी
    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नए मून मिशन को स्वीकृति दी है। इस मिशन में चंद्रमा पर एक भारतीय की लैंडिंग और धरती पर सुरक्षित वापसी के लिए जरूरी तकनीकी क्षमताओं का आकलन किया जाएगा। इस मिशन में चंद्रमा से सैम्प्ल एकत्र कर उसका विश्लेषण किया जाएगा। यह दुनिया का पहला ऐसा स्पेस मिशन होगा, जिसे दो भागों में लॉन्च किया जाएगा।
  • अंतरिक्ष में महीनों से फंसे होने के बावजूद खुश हैं सुनीता विलियम्स
    इन दोनों एस्ट्रोनॉट को लेकर गया Starliner स्पेसक्राफ्ट पिछले सप्ताह धरती पर विलियम्स और Wilmore के बिना वापस आ गया था। ये दोनों एस्ट्रोनॉट अगले वर्ष फरवरी में SpaceX की Crew-9 फ्लाइट से वापसी कर सकते हैं। सुनीता विलियम्स ने एक वीडियो प्रेस कॉन्फ्रेंस में ISS को एक 'खुशगवार स्थान' बताया।
  • स्पेस में गूंजी वायलिन की धुन! Polaris Dawn अंतरिक्ष यात्री Sarah Gillis ने बजाया Star Wars का गाना, देखें Viral Video
    कमर्शियल स्पेस मिशन Polaris Dawn की अंतरिक्ष यात्री Sarah Gillis ने स्पेस में ही गाना बजाकर पूरी दुनिया का ध्यान खींचा। सारा ने Rey's Theme को परफॉर्म किया जो जॉन विलियम्स द्वारा Star Wars: The Force Awakens मूवी के लिए लिखा गया है। सबसे खास बात यह थी कि उनके साथ ही दुनियाभर के अलग-अलग हिस्सों में ऑर्केस्ट्रा उस वक्त बजाए जा रहे थे। यह अपने आप में एक अद्भुत लम्हा था।
  • अरबपति जेरेड इसाकमैन ने अंतरिक्ष में नहीं की स्‍पेसवॉक, वह एक SEVA था, जानें इसका मतलब
    पृथ्‍वी से 700 किलोमीटर ऊपर अंतर‍िक्ष में गुरुवार को इतिहास रचा गया। पहली बार एक प्राइवेट कमर्शल ‘स्टैंड-अप एक्स्ट्रावेहिकुलर एक्टिविटी’ (SEVA) की गई। ज्‍यादातर खबरों में इसे स्‍पेसवॉक कहा जा रहा है। ऐसा नहीं है। स्‍पेसवॉक के लिए विज्ञान में EVA (एक्स्ट्रावेहिकुलर एक्टिविटी) टर्म इस्‍तेमाल होता है, जबकि गुरुवार को किया गया प्रयास एक ‘स्टैंड-अप एक्स्ट्रावेहिकुलर एक्टिविटी’ थी। EVA में अंतरिक्ष स्‍पेसक्राफ्ट को पूरी तरह से छोड़ देता है, जबकि SEVA में वह पूरी तरह स्‍पेसक्राफ्ट से नहीं निकलता।
  • नया रिकॉर्ड, अंतरिक्ष में इस समय 19 एस्‍ट्रोनॉट, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ
    पृथ्‍वी की कक्षा में इस वक्‍त रिकॉर्ड संख्‍या में अंतरिक्ष यात्री मौजूद हैं। बुधवार को तीन लोग रूस के सोयुज कैप्सूल पर सवार होकर इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन के लिए रवाना हुए। इसके बाद अंतरिक्ष में एस्‍ट्रोनॉट्स की संख्‍या ने नया रिकॉर्ड बनाया। एक रिपोर्ट के अनुसार, नासा के एक्‍सपर्ट ने लाइव वेबकास्‍ट के दौरान बताया कि रूसी एस्‍ट्रोनॉट्स के ऑर्बिट में पहुंचने के बाद ऑर्बिट में पहुंचने वाले एस्‍ट्रोनॉट्स की संख्‍या 19 पहुंच गई। पिछला रिकॉर्ड 17 यात्रियों का था।

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