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Nasa - ख़बरें

  • चांद पर दौड़ लगाएगी यह गाड़ी! किसने बनाई? नाम-खूबियां क्‍या हैं? सब जान लें
    अमेरिकी कंपनी इंट्यूटिव मशीन्स (Intuitive Machines) जिस तरह की गाड़ी को चांद पर दौड़ाना चाहती है, उसकी एक झलक गुरुवार को सामने आई। इसे मून रेसर भी कहा जा रहा है। यह एक इलेक्‍ट्र‍िक रोवर है, जिसे रौश (Roush) ने तैयार किया है। 14 फुट लंबा, 8.5 फुट ऊंचा और 12 फुट चौड़ा मून रेसर काफी पावरफुल है। यह 108 फुट लंबे ट्रेलर को खींच सकता है।
  • भारत का गगनयान मिशन 2026 तक टला, सेफ्टी और एस्ट्रोनॉट्स की ट्रेनिंग पर ISRO का फोकस
    भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के प्रमुख, S Somanath ने गगनयान मिशन को एक वर्ष के लिए टालने की जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष में देश के एस्ट्रोनॉट मिशन से पहले बिना क्रू वाली कई टेस्ट फ्लाइट की जाएंगी। हाल ही में एयरोस्पेस इंडस्ट्री को लगे कुछ झटकों की वजह से गगनयान मिशन की तैयारी को लेकर ISRO पूरी सतर्कता बरत रहा है।
  • NASA को मंगल पर सूर्य ग्रहण में दिखी यह किसकी आंख!
    Perseverance रोवर ने मंगल पर घूमते हुए आसमान में एक गजब नजारा देखा और उसे अपने कैमरा में कैद कर लिया। दरअसल मंगल पर उस समय आंशिक सूर्य ग्रहण घटित हो रहा था। इस दौरान मंगल का उपग्रह यानी चंद्रमा Phobos, सूर्य और मंगल के बीच में आ गया। जिससे कि उसने एक आंख की आकृति ले ली। नासा ने इसे Googly Eye नाम दिया।
  • NASA का Voyager 1 स्पेसक्राफ्ट 43 साल पुरानी तकनीकी की मदद से फिर लौटा!
    NASA के स्पेसक्राफ्ट Voyager 1 ने हाल ही में धरती से फिर से संपर्क साधकर वैज्ञानिकों को हैरान कर दिया। यह स्पेसक्राफ्ट 47 साल से अंतरिक्ष की यात्रा पर निकला हुआ है। जिस रेडियो ट्रांसमीटर के माध्यम से इसने संपर्क साधा वह आखिरी बार 1981 में इस्तेमाल किया गया था। यानी 43 साल पुराने ट्रांसमीटर की मदद से इसने मैसेज भेजा।
  • 232 दिनों तक अंतरिक्ष में रहने के बाद धरती पर लौटे 4 अंतरिक्ष यात्री, देखें Video
    इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन (ISS) में कई दिनों तक रुकने के बाद चार अंतरिक्ष यात्री सकुशल पृथ्‍वी पर लौट आए हैं। क्रू8 (Crew-8) के एस्‍ट्रोनॉट्स- मैथ्यू डोमिनिक, माइकल बैरेट, जीनेट एप्स और अलेक्जेंडर ग्रेबेनकिन ने शुक्रवार को फ्लोरिडा के पेंसाकोला के तट से दूर मैक्सिको की खाड़ी में लैंड किया। ये अंतरिक्ष यात्री 232 दिनों तक स्‍पेस में रुके। उन्‍हें दो हफ्तों से ज्‍यादा वक्‍त तक इंतजार करना पड़ा, क्‍योंकि मौसम साथ नहीं दे रहा था।
  • बर्फ पर ‘एलियंस’ की तलाश! Nasa के Europa Clipper मिशन का लॉन्‍च आज, जानें इसके बारे में
    अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा आज एक अहम मिशन को लॉन्‍च करने जा रही है। यूरोपा क्लिपर स्‍पेसक्राफ्ट को बृहस्‍पति ग्रह के एक चंद्रमा यूरोपा (Europa) के लिए रवाना किया जाएगा। यूरोपा को बृहस्‍पति का बर्फीला चांद भी कहते हैं। वैज्ञानिकों को लगता है कि यूरोपा पर मौजूद बर्फीले महासागर के नीचे जीवन के सबूत मौजूद हो सकते हैं। फ्लोरिडा स्थित कैनेडी स्‍पेस सेंटर के लॉन्‍च कॉम्‍प्‍लेक्‍स 39A से इसे उड़ाया जाएगा।
  • ISRO और NASA को एक बड़े ब्लैक होल के पास यह क्या दिखा!
    अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने एक अद्भुत खगोलीय घटना का पता लगाया है जिसमें एक विशाल ब्लैक होल 2 खगोलीय पिंडों को प्रभावित करता हुआ दिख रहा है। इनमें से एक कोई तारा है। यह खोज नासा की कई ऑब्जर्वेट्री ने मिलकर की है जिसमें Chandra, NICER और Hubble शामिल हैं। साथ ही इसमें भारत के AstroSat का भी बड़ा योगदान है।
  • धरती से 400km ऊपर वैज्ञानिकों ने लगाए 4K कैमरा, रिकॉर्ड हुआ ‘महातूफान’ Milton का नजारा
    इस साल की शुरुआत में इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन (ISS) पर एक कार्गो के जरिए स्पेसटीवी-1 नाम का पेलोड भेजा गया था। यह पेलोड, स्‍पेस वीडियो स्ट्रीमिंग कंपनी सेन (Sen) का था, जिसमें 4K कैमरों का एक सेट था। उसे आईएसएस के बाहरी हिस्‍से में लगाया जाना था। कैमरों को स्‍टेशन पर सेट किया जा चुका है और इन्‍होंने पृथ्‍वी के कुछ हैरान करने वाले दृश्‍य कैप्‍चर किए हैं, जिनमें मिल्टन तूफान का दृश्‍य प्रमुख है।
  • धरती से 400km ऊपर ‘स्‍पेस स्‍टेशन’ से लीक हो रही हवा, टेंशन में Nasa!
    धरती से 400 किलोमीटर ऊपर पृथ्‍वी का चक्‍कर लगा रहे इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन (ISS) से हवा का लीक होना लगातार जारी है। साल 2019 में सबसे पहले लीकेज का पता चला था। नासा की एक हालिया रिपोर्ट में लीकेज को लेकर फ‍िर से चिंता जताई गई है। कहा गया है कि अप्रैल 2024 में यह लीकेज रोजाना 1.7 किलोग्राम तक पहुंच गया। नासा रिपेयर वर्क से नासा संतुष्‍ट दिख रही है, पर इसका स्‍थायी समाधान चाहती है।
  • मंगल ग्रह पर 500 दिन तक रहेगा इंसान, Nasa ने फाइनल की तारीख! आप भी जानें
    अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा, मंगल ग्रह को लेकर कई मिशन प्‍लान कर रही है, जिसमें अंतरिक्ष यात्र‍ियों को मंगल ग्रह पर भेजना भी शामिल है। नासा साल 2035 तक इंसानों को मंगल पर भेजना है। यह सफर आसान नहीं होने वाला। सिर्फ एक तरफ का सफर यानी पृथ्‍वी से मंगल तक पहुंचने में 6 से 7 महीने लगेंगे और 40 करोड़ किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी। योजना है कि मंगल ग्रह की सतह पर एस्‍ट्रोनॉट 500 दिन रहें।
  • आज अंतरिक्ष में उड़ेगा ‘हेरा’, 2026 में वहां पहुंचेगा, जहां एस्‍टरॉयड से टकराया था Nasa का स्‍पेसक्राफ्ट, मकसद क्‍या है?
    नासा ने साल 2022 में DART (डबल एस्‍टरॉयड रीडायरेक्‍शन टेस्‍ट) मिशन को टेस्‍ट किया था। एक स्‍पेसक्राफ्ट को डिमोर्फोस एस्‍टरॉयड से टकराया था। शुरुआती नतीजे उत्‍साहजनक रहे थे और नासा ने कन्‍फर्म किया था कि टक्‍कर के कारण एस्‍टरॉयड के पथ में बदलाव हुआ। नासा अपने मकसद में कितना कामयाब रही, यह पता लगाने के लिए SpaceX हेरा स्‍पेसक्राफ्ट को लॉन्‍च करने जा रही है। यह साल 2026 में डिमोर्फोस तक पहुंचकर उसे हुए इम्‍पैक्‍ट का आकलन करेगा।
  • टूटता हुआ तारा…चमकते हुए ग्रह…अक्‍टूबर में बहुत कुछ दिखाएगा आसमां! जानें
    अक्‍टूबर में आकाश में एक नया धूमकेतु दिखाई देगा। कई ग्रह भी नजर आएंगे। धूमकेतु को C/2023 A3 (Tsuchinshan-ATLAS) नाम से जाना जाता है, जो 14 अक्टूबर के बाद शाम के समय दिखाई दे सकता है। इसके अलावा, सूर्यास्त के बाद पश्चिम दिशा की तरफ शुक्र ग्रह को देखा जा सकता है। अंधेरा होने के बाद दक्षिण-पूर्व में शनि दिखाई दे सकता है। मंगल और बृहस्पति रात में दिखाई देंगे।
  • वो घड़ी आ गई… कभी भी फट सकता है 80 साल से ‘खामोश’ तारा, धरती से देख पाएंगे!
    कई महीनों से वैज्ञानिक जिसका इंतजार कर रहे हैं, वो घड़ी अब नजदीक आ गई है। वैज्ञानिकों की टीमें पृथ्‍वी से 3 हजार प्रकाश वर्ष दूर कोरोना बोरेलिस तारामंडल की ओर टकटकी लगाए हुए हैं। उन्‍हें उम्‍मीद है कि वहां एक पावरफुल विस्‍फोट होने वाला है। इस विस्‍फोट के बाद टी कोरोना बोरियालिस नाम के ‘ब्लेज स्टार' की चमक पृथ्‍वी से भी देखी जा सकेगी। इस तारे में हर 79 से 80 साल में विस्‍फोट होता है।
  • सूरज में 2 बड़े धमाके! 4 अक्टूबर को पहुंच रहा सौर तूफान, NASA ने किया अलर्ट
    सूरज में भारी विस्फोट हुआ है जिससे एक बड़ा सौर तूफान उठा है। इसे X7.1 क्लास में वर्गीकृत किया गया है। सूर्य से उठा यह तूफान इसकी 25वीं साइकल के सबसे बड़े सौर तूफानों में से है। यह AR3842 नामक सनस्पॉट से उठा है। इसका असर पृथ्वी पर 4 अक्टूबर को दिख सकता है। इससे पृथ्वी के नेविगेशन सिस्टम, पावर ग्रिड्स, और सैटेलाइट कम्युनिकेशन को नुकसान हो सकता है।
  • Nasa दे रही Rs 25 करोड़ जीतने का मौका! पूरा करना होगा यह चैलेंज, जानें
    नासा ने लूनारिसाइकल चैलेंज का ऐलान किया है, जिसे जीतने वाले को 3 मिलियन डॉलर का प्राइज दिया जाएगा। रिपोर्ट्स के अनुसार, फ्यूचर में जब एस्‍ट्रोनॉट्स लंबे समय के लिए चंद्रमा पर रहेंगे, तब कई तरह का कचरा वहां होगा जैसे- फूड पैकेजिंग का वेस्‍ट, एस्‍ट्रोनॉट्स के बेकार कपड़े, साइंस एक्‍सपेरिमेंट से जुड़े मटीरियल्‍स आदि। इससे निपटने के लिए ऐसी तकनीक चाहिए जो ज्‍यादा बिजली ना खर्च करे और यूज में हल्‍की हो।

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