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Nasa - ख़बरें

  • ISRO और NASA को एक बड़े ब्लैक होल के पास यह क्या दिखा!
    अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने एक अद्भुत खगोलीय घटना का पता लगाया है जिसमें एक विशाल ब्लैक होल 2 खगोलीय पिंडों को प्रभावित करता हुआ दिख रहा है। इनमें से एक कोई तारा है। यह खोज नासा की कई ऑब्जर्वेट्री ने मिलकर की है जिसमें Chandra, NICER और Hubble शामिल हैं। साथ ही इसमें भारत के AstroSat का भी बड़ा योगदान है।
  • धरती से 400km ऊपर वैज्ञानिकों ने लगाए 4K कैमरा, रिकॉर्ड हुआ ‘महातूफान’ Milton का नजारा
    इस साल की शुरुआत में इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन (ISS) पर एक कार्गो के जरिए स्पेसटीवी-1 नाम का पेलोड भेजा गया था। यह पेलोड, स्‍पेस वीडियो स्ट्रीमिंग कंपनी सेन (Sen) का था, जिसमें 4K कैमरों का एक सेट था। उसे आईएसएस के बाहरी हिस्‍से में लगाया जाना था। कैमरों को स्‍टेशन पर सेट किया जा चुका है और इन्‍होंने पृथ्‍वी के कुछ हैरान करने वाले दृश्‍य कैप्‍चर किए हैं, जिनमें मिल्टन तूफान का दृश्‍य प्रमुख है।
  • धरती से 400km ऊपर ‘स्‍पेस स्‍टेशन’ से लीक हो रही हवा, टेंशन में Nasa!
    धरती से 400 किलोमीटर ऊपर पृथ्‍वी का चक्‍कर लगा रहे इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन (ISS) से हवा का लीक होना लगातार जारी है। साल 2019 में सबसे पहले लीकेज का पता चला था। नासा की एक हालिया रिपोर्ट में लीकेज को लेकर फ‍िर से चिंता जताई गई है। कहा गया है कि अप्रैल 2024 में यह लीकेज रोजाना 1.7 किलोग्राम तक पहुंच गया। नासा रिपेयर वर्क से नासा संतुष्‍ट दिख रही है, पर इसका स्‍थायी समाधान चाहती है।
  • मंगल ग्रह पर 500 दिन तक रहेगा इंसान, Nasa ने फाइनल की तारीख! आप भी जानें
    अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा, मंगल ग्रह को लेकर कई मिशन प्‍लान कर रही है, जिसमें अंतरिक्ष यात्र‍ियों को मंगल ग्रह पर भेजना भी शामिल है। नासा साल 2035 तक इंसानों को मंगल पर भेजना है। यह सफर आसान नहीं होने वाला। सिर्फ एक तरफ का सफर यानी पृथ्‍वी से मंगल तक पहुंचने में 6 से 7 महीने लगेंगे और 40 करोड़ किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी। योजना है कि मंगल ग्रह की सतह पर एस्‍ट्रोनॉट 500 दिन रहें।
  • आज अंतरिक्ष में उड़ेगा ‘हेरा’, 2026 में वहां पहुंचेगा, जहां एस्‍टरॉयड से टकराया था Nasa का स्‍पेसक्राफ्ट, मकसद क्‍या है?
    नासा ने साल 2022 में DART (डबल एस्‍टरॉयड रीडायरेक्‍शन टेस्‍ट) मिशन को टेस्‍ट किया था। एक स्‍पेसक्राफ्ट को डिमोर्फोस एस्‍टरॉयड से टकराया था। शुरुआती नतीजे उत्‍साहजनक रहे थे और नासा ने कन्‍फर्म किया था कि टक्‍कर के कारण एस्‍टरॉयड के पथ में बदलाव हुआ। नासा अपने मकसद में कितना कामयाब रही, यह पता लगाने के लिए SpaceX हेरा स्‍पेसक्राफ्ट को लॉन्‍च करने जा रही है। यह साल 2026 में डिमोर्फोस तक पहुंचकर उसे हुए इम्‍पैक्‍ट का आकलन करेगा।
  • टूटता हुआ तारा…चमकते हुए ग्रह…अक्‍टूबर में बहुत कुछ दिखाएगा आसमां! जानें
    अक्‍टूबर में आकाश में एक नया धूमकेतु दिखाई देगा। कई ग्रह भी नजर आएंगे। धूमकेतु को C/2023 A3 (Tsuchinshan-ATLAS) नाम से जाना जाता है, जो 14 अक्टूबर के बाद शाम के समय दिखाई दे सकता है। इसके अलावा, सूर्यास्त के बाद पश्चिम दिशा की तरफ शुक्र ग्रह को देखा जा सकता है। अंधेरा होने के बाद दक्षिण-पूर्व में शनि दिखाई दे सकता है। मंगल और बृहस्पति रात में दिखाई देंगे।
  • वो घड़ी आ गई… कभी भी फट सकता है 80 साल से ‘खामोश’ तारा, धरती से देख पाएंगे!
    कई महीनों से वैज्ञानिक जिसका इंतजार कर रहे हैं, वो घड़ी अब नजदीक आ गई है। वैज्ञानिकों की टीमें पृथ्‍वी से 3 हजार प्रकाश वर्ष दूर कोरोना बोरेलिस तारामंडल की ओर टकटकी लगाए हुए हैं। उन्‍हें उम्‍मीद है कि वहां एक पावरफुल विस्‍फोट होने वाला है। इस विस्‍फोट के बाद टी कोरोना बोरियालिस नाम के ‘ब्लेज स्टार' की चमक पृथ्‍वी से भी देखी जा सकेगी। इस तारे में हर 79 से 80 साल में विस्‍फोट होता है।
  • सूरज में 2 बड़े धमाके! 4 अक्टूबर को पहुंच रहा सौर तूफान, NASA ने किया अलर्ट
    सूरज में भारी विस्फोट हुआ है जिससे एक बड़ा सौर तूफान उठा है। इसे X7.1 क्लास में वर्गीकृत किया गया है। सूर्य से उठा यह तूफान इसकी 25वीं साइकल के सबसे बड़े सौर तूफानों में से है। यह AR3842 नामक सनस्पॉट से उठा है। इसका असर पृथ्वी पर 4 अक्टूबर को दिख सकता है। इससे पृथ्वी के नेविगेशन सिस्टम, पावर ग्रिड्स, और सैटेलाइट कम्युनिकेशन को नुकसान हो सकता है।
  • Nasa दे रही Rs 25 करोड़ जीतने का मौका! पूरा करना होगा यह चैलेंज, जानें
    नासा ने लूनारिसाइकल चैलेंज का ऐलान किया है, जिसे जीतने वाले को 3 मिलियन डॉलर का प्राइज दिया जाएगा। रिपोर्ट्स के अनुसार, फ्यूचर में जब एस्‍ट्रोनॉट्स लंबे समय के लिए चंद्रमा पर रहेंगे, तब कई तरह का कचरा वहां होगा जैसे- फूड पैकेजिंग का वेस्‍ट, एस्‍ट्रोनॉट्स के बेकार कपड़े, साइंस एक्‍सपेरिमेंट से जुड़े मटीरियल्‍स आदि। इससे निपटने के लिए ऐसी तकनीक चाहिए जो ज्‍यादा बिजली ना खर्च करे और यूज में हल्‍की हो।
  • सुनीता विलियम्‍स को लाने अंतरिक्ष में पहुंचा ‘फ्रीडम’, कब तक होगी वापसी? जानें
    अंतरिक्ष में ‘फंसी’ भारतीय मूल की एस्‍ट्रोनॉट सुनीता विलियम्‍स जिस स्‍पेसक्राफ्ट से वापस लौटेंगी, वह इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन पर पहुंच गया है। स्‍पेसएक्‍स के क्रू-9 मिशन ने आईएसएस पर डॉक किया है। क्रू-9 के ड्रैगन कैप्‍सूल का नाम फ्रीडम है। दो अंतरिक्ष यात्री स्‍पेस स्‍टेशन पहुंचे हैं। जब ये वापस लौटेंगे तो कुल यात्रियों की संख्‍या 4 होगी, जिसमें सुनीता विल‍ियम्‍स और उनके साथी बुच विल्‍मोर भी होंगे। वापसी अगले साल फरवरी में हो सकती है।
  • पृथ्‍वी के पास आ रहा ‘दूसरा चंद्रमा’, 29 सितंबर से शुरू करेगा परिक्रमा, जानें पूरा मामला
    अमेरि‍की अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अनुमान लगाया है कि इस वीक‍ेंड 29 सितंबर को पृथ्‍वी को उसका ‘दूसरा चंद्रमा’ नजर आएगा। यह एक एस्‍टरॉयड है, जिसका नाम 2024 PT5 रखा गया है। इसे सेकंड मून इसलिए कहा जा रहा है, क्‍योंकि एस्‍टरॉयड अगले कुछ महीनों तक हमारे पृथ्‍वी के पास घूमता रहेगा। यह 25 नवंबर को पृथ्‍वी से दूर हो जाएगा।
  • NASA की एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स ने संभाली इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की कमान
    यह दूसरी बार है कि जब विलियम्स ने ISS की कमान संभाली है। इससे पहले वह 2012 में भी एक मिशन की अगुवाई कर चुकी हैं। जून में विलियम्स और उनके साथी एस्ट्रोनॉट Butch Wilmore केवल आठ दिन के मिशन पर Boeing के Starliner स्पेसक्राफ्ट के जरिए ISS पर पहुंचे थे।हालांकि, स्टारलाइन में तकनीकी समस्या के कारण विलियम्स और विल्मोर की वापसी अगले वर्ष फरवरी तक टल गई है।
  • 25 करोड़ प्रकाशवर्ष दूर सुपर ब्लैकहोल से आ रहीं डरावनी आवाजें! NASA ने जारी किया ऑडियो
    NASA ने अंतरिक्ष में से एक ऐसी आवाज रिकॉर्ड की है जो काफी डरावनी बताई जा रही है। आवाज एक विशाल ब्लैक होल के पास से आ रही है जो पृथ्वी से 25 करोड़ प्रकाशवर्ष दूर मौजूद है। इस पूरे ब्रह्मांड में मनुष्यों द्वारा खोजी गईं ये अबतक की सबसे लो-नोट तरंगें हैं, यानी ये बहुत ही ज्यादा धीमी हैं और मनुष्य के कानों की पकड़ में नहीं आ सकती हैं।
  • चंद्रयान 3 की सफलता के बाद चंद्रयान-4 के लिए ISRO को सरकार से मिली हरी झंडी
    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नए मून मिशन को स्वीकृति दी है। इस मिशन में चंद्रमा पर एक भारतीय की लैंडिंग और धरती पर सुरक्षित वापसी के लिए जरूरी तकनीकी क्षमताओं का आकलन किया जाएगा। इस मिशन में चंद्रमा से सैम्प्ल एकत्र कर उसका विश्लेषण किया जाएगा। यह दुनिया का पहला ऐसा स्पेस मिशन होगा, जिसे दो भागों में लॉन्च किया जाएगा।
  • अंतरिक्ष में महीनों से फंसे होने के बावजूद खुश हैं सुनीता विलियम्स
    इन दोनों एस्ट्रोनॉट को लेकर गया Starliner स्पेसक्राफ्ट पिछले सप्ताह धरती पर विलियम्स और Wilmore के बिना वापस आ गया था। ये दोनों एस्ट्रोनॉट अगले वर्ष फरवरी में SpaceX की Crew-9 फ्लाइट से वापसी कर सकते हैं। सुनीता विलियम्स ने एक वीडियो प्रेस कॉन्फ्रेंस में ISS को एक 'खुशगवार स्थान' बताया।

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