Nasa

Nasa - ख़बरें

  • हवाई जहाज जितना साइज, बिजली सी रफ्तार! पृथ्वी की ओर बढ़ रही हैं पांच चट्टानें
    NASA की Jet Propulsion Laboratory ने 19 और 20 दिसंबर 2025 को पृथ्वी के पास से गुजरने वाले एस्टेरॉयड्स को लेकर अलर्ट जारी किया है। नासा के मुताबिक, इन दो दिनों में कुल पांच एस्टेरॉयड धरती के नजदीक से गुजरेंगे, जिनमें कुछ का साइज एयरप्लेन के बराबर बताया गया है। हालांकि ये सभी एस्टरॉयड सुरक्षित दूरी से निकल जाएंगे और किसी तरह के टकराव की आशंका नहीं है।
  • नासा की चेतावनी! 4 एस्टरॉयड आज होंगे पृथ्वी के करीब, जानें कितना है खतरा
    नासा ने आज पृथ्वी के करीब आने वाले 4 एस्टरॉयड्स को लेकर अलर्ट जारी किया है। ये एस्टरॉयड धरती के करीब उस सीमा क्षेत्र में प्रवेश करने वाले हैं जिसमें इनका ज्यादा नजदीक आना खतरनाक हो सकता है। एस्टरॉयड चट्टानी टुकड़े होते हैं और सौरमंडल में अलग-अलग कक्षाओं में विचरण करते रहते हैं। ये छोटे ग्रहों के समान होते हैं जो किसी बड़े तारे के इर्द-गिर्द परिक्रमा करते रहते हैं।
  • एस्टरॉयड में चीनी! NASA की नई खोज ने चौंकाया
    Asteroid Bennu पर अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने ऐसे शर्करा (sugar) खोजे हैं जो जीवन के निर्माण के लिए आवश्यक होते हैं। एस्‍टरॉयड बेन्नु में बहुत सारे कार्बनिक अणु हैं, जिनमें जीवन के लिए जरूरी कई ‘बिल्डिंग ब्‍लॉक्‍स' शामिल हैं। 2023 में नासा का ओसिरिस-रेक्स (Osiris-Rex) अंतरिक्ष यान पृथ्वी के निकट मौजूद एस्टरॉयड बेन्नु से 122 ग्राम धूल और कंकड़ लेकर आया था। तभी से वैज्ञानिक इसे स्टडी कर रहे हैं। एस्टरॉयड पर कई सारे खनिज अणु पहले ही खोजे जा चुके हैं।
  • इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन ने बनाया रिकॉर्ड, एक साथ डॉक हुए 8 स्पेसक्राफ्ट
    ISS का इस्तेमाल माइक्रोगेविटी में वैज्ञानिक रिसर्च, टेक्नोलॉजी की टेस्टिंग और मानव पर अंतरिक्ष के प्रवाहों की स्टडी करने के लिए होता है। इस वर्ष जून में भारतीय एस्ट्रोनॉट Shubhanshu Shukla ने Axiom-4 मिशन के साथ इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर पहुंचकर एक बड़ी सफलता हासिल की थी। भारत की योजना भी स्पेस स्टेशन बनाने की है।
  • भारत का 2028 में चंद्रयान-4 लॉन्च करने का टारगेट
    केंद्र सरकार ने चंद्रयान-4 मिशन के लिए स्वीकृति दे दी है। इस मिशन में चंद्रमा से सैम्प्ल को लाया जाएगा। यह देश का सबसे जटिल लूनर मिशन होगा। इससे पहले अमेरिका, चीन और रूस ने चंद्रमा से सैम्प्ल लाने की क्षमता को प्रदर्शित किया है। Chandrayaan-4 मिशन को 2028 में लॉन्च करने का टारगेट है। ISRO की योजना अगले तीन वर्षों में स्पेसक्राफ्ट के मैन्युफैक्चरिंग की अपनी कैपेसिटी को तिगुना करने की है।
  • गगनयान मिशन में हुई बड़ी प्रगति, ISRO ने किया क्रू मॉड्यूल के लिए पैराशूट टेस्ट
    ISRO ने यह टेस्ट उत्तर प्रदेश में झांसी की बबीना फील्ड फायरिंग रेंज में किया है। इसमें भारतीय वायु सेना के IL-76 एयरक्राफ्ट से 2.5 किलोमीटर की ऊंचाई से लगभग 2.5 टन के क्रू मॉड्यूल को गिराया था। क्रू मॉड्यूल के नीचे उतरने पर पैराशूट सिस्टम बिना किसी मुश्किल के खुला जिससे इसकी वास्तविक मिशन के दौरान अत्यधिक मुश्किल स्थिति को संभालने में इसकी क्षमता साबित हो गई है।
  • ISRO की बड़ी कामयाबी, देश का सबसे भारी कम्युनिकेशन सैटेलाइट CMS-03 किया लॉन्च
    देश का सबसे भारी कम्युनिकेशन सैटेलाइट CMS-03 को रविवार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया है। इस सैटेलाइट का भार लगभग 4,410 किलोग्राम का है। LVM3 (लॉन्च व्हीकल मार्क-3) एक थ्री-स्टेज लॉन्च व्हीकल है। इस हेवी व्हीकल लॉन्च व्हीकल से ISRO को भारी कम्युनिकेशन सैटेलाइट्स को GTO में भेजने में आसानी हो गई है।
  • ISRO का मल्टी-बैंड कम्युनिकेशन सैटेलाइट इस सप्ताह होगा लॉन्च
    इस मल्टी-बैंड कम्युनिकेशन सैटेलाइट का डिजाइन भारत सहित ओशियानिक क्षेत्र में सर्विसेज उपलब्ध कराने के लिए तैयार किया गया है। CMS-03 का भार लगभग 4,400 किलोग्राम का है। यह भारत से जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट में लॉन्च किया जाने वाला सबसे भारी कम्युनिकेशन सैटेलाइट होगा। ISRO ने बताया कि LVM3 का पिछला मिशन Chandrayaan-3 था।
  • गगनयान मिशन जल्द होगा टेस्ट फ्लाइट के लिए तैयार, ISRO ने दी जानकारी
    इस मिशन में तीन एस्ट्रोनॉट्स के क्रू को 400 किलोमीटर के ऑर्बिट में तीन दिन के लिए भेजा जाएगा और इसके बाद उनकी समुद्र पर सुरक्षित वापसी होगी। भारत की योजना अंतरिक्ष में अपना स्टेशन बनाने की भी इस स्टेशन का नाम "भारत अंतरिक्ष स्टेशन" होगा। इसकी स्थापना 2035 तक हो सकती है। भारत की योजना अंतरिक्ष में अपना स्टेशन बनाने की भी है।
  • क्यों ठप्प पड़े अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA की वेबसाइट्स और एजुकेशन प्रोग्राम? जानें वजह
    अमेरिका की मशहूर स्पेस एजेंसी NASA को भी अब सरकारी बजट फ्रीज का झटका लग गया है। एजेंसी ने अपनी वेबसाइट और पब्लिक कम्युनिकेशन को फिलहाल बंद कर दिया है। मतलब अब NASA की वेबसाइट पर कोई नया अपडेट, प्रेस रिलीज या पब्लिक नोटिफिकेशन नहीं दिखेगा, जब तक कि अमेरिका की सरकार नया बजट पास नहीं कर देती। हालांकि एजेंसी के महत्वपूर्ण मिशन और सेफ्टी ऑपरेशंस जारी हैं।
  • आसमान से बरसेंगे तारे! इन तारीखों में दिखाई देगा Orionid Meteor Shower का जलवा
    सितंबर का अंत और अक्टूबर की शुरुआत हमेशा एस्ट्रोनोमी-लवर्स के लिए खास रहती है क्योंकि इसी समय शुरू होता है Orionid Meteor Shower का खेल। यह वार्षिक खगोलीय घटना इस साल भी बीते गुरुवार, 2 अक्टूबर से शुरू हो चुकी है और पूरे अक्टूबर के महीने में देखने को मिलेगी। इसका पीक यानी सबसे ज्यादा उल्कापिंड गिरने का समय अक्टूबर के तीसरे हफ्ते में रहेगा। NASA और एस्ट्रोनोमर्स का कहना है कि Orionid Meteor Shower 2025 में दर्शकों को साफ आसमान के साथ एक शानदार अनुभव देगा।
  • NASA के जेम्स वेब टेलीस्कोप को दिखे रहस्य भरे लाल चमकते बिंदु!
    नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने अंतरिक्ष में छोटे छोटे लाल रंग के कुछ बिंदु अंतरिक्ष में देखे हैं। ये बिंदु अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के लिए एक रहस्य बने हुए हैं। 2022 से ही वैज्ञानिक इनके बारे में जानने की कोशिश कर रहे हैं। एक नई स्टडी प्रकाशित की गई है जो बताती है कि ये बिंदु ब्लैक होल के चारों ओर गैस के सिंगल विशाल गोले हो सकते हैं। यह एक नए प्रकार का ब्लैक होल तारा हो सकता है।
  • इस वर्ष का अंतिम सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को: भारत में दिखेगा या नहीं.... 
    सूर्य ग्रहण तब होता है जब धरती और सूर्य के बीच से चंद्रमा गुजरता है। इससे धरती तक सूर्य की रोशनी का पहुंचना आंशिक तौर पर या पूरी तरह अवरुद्ध हो जाता है। यह अलाइनमेंट के आधार पर पूर्ण, आंशिक या गोले के आकार का हो सकता है। आंशिक सूर्य ग्रहण में सूर्य का केवल एक हिस्सा चंद्रमा की ओर से धुंधला होता है। यह एक आकर्षक खगोलीय दृश्य बनाता है।
  • NASA ने बना लिया मंगल पर घर! देखें अंदर से कैसा है ये 3D प्रिंटेड हैबिटेट
    NASA ने इंसानों को मंगल पर भेजने की तैयारी में नया कदम उठाया है। एजेंसी ने अपना 3D-printed habitat ‘Mars Dune Alpha’ दिखाया है, जिसे Houston के Johnson Space Center में तैयार किया गया है। यहां पर इंसानों को सीमित संसाधन, कम्युनिकेशन देरी और अलगाव जैसी चुनौतियों के बीच रहना पड़ता है। इस हैबिटेट में चार लोगों के लिए रहने की जगह, मेडिकल स्टेशन और ग्रीनहाउस जैसी सुविधाएं मौजूद हैं। NASA का कहना है कि इन मिशनों से मिलने वाला डेटा मंगल पर भविष्य की मानव बस्ती बसाने में मदद करेगा।
  • ISRO के NISAR सैटेलाइट का सफल लॉन्च, धरती की निगरानी में होगा मददगार
    इस सैटेलाइट को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के साथ मिलकर बनाया है।इस सैटेलाइट के ऑर्बिट में पहुंचने के बाद इसके डुअल-फ्रीक्वेंसी राडार एक दिन में धरती का 14 बार चक्कर लगाएंगे। इससे प्रत्येक 12 दिनों में धरती पर सभी जमीन और बर्फ की सतहों की स्कैनिंग की जाएगी। यह सैटेलाइट धरती की सतह पर 1 सेंटीमीटर जितने बदलाव को भी रिकॉर्ड कर सकेगा।

Nasa - वीडियो

विज्ञापन

Follow Us
विज्ञापन
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »