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Nasa - ख़बरें

  • ISRO की बड़ी कामयाबी, देश का सबसे भारी कम्युनिकेशन सैटेलाइट CMS-03 किया लॉन्च
    देश का सबसे भारी कम्युनिकेशन सैटेलाइट CMS-03 को रविवार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया है। इस सैटेलाइट का भार लगभग 4,410 किलोग्राम का है। LVM3 (लॉन्च व्हीकल मार्क-3) एक थ्री-स्टेज लॉन्च व्हीकल है। इस हेवी व्हीकल लॉन्च व्हीकल से ISRO को भारी कम्युनिकेशन सैटेलाइट्स को GTO में भेजने में आसानी हो गई है।
  • ISRO का मल्टी-बैंड कम्युनिकेशन सैटेलाइट इस सप्ताह होगा लॉन्च
    इस मल्टी-बैंड कम्युनिकेशन सैटेलाइट का डिजाइन भारत सहित ओशियानिक क्षेत्र में सर्विसेज उपलब्ध कराने के लिए तैयार किया गया है। CMS-03 का भार लगभग 4,400 किलोग्राम का है। यह भारत से जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट में लॉन्च किया जाने वाला सबसे भारी कम्युनिकेशन सैटेलाइट होगा। ISRO ने बताया कि LVM3 का पिछला मिशन Chandrayaan-3 था।
  • गगनयान मिशन जल्द होगा टेस्ट फ्लाइट के लिए तैयार, ISRO ने दी जानकारी
    इस मिशन में तीन एस्ट्रोनॉट्स के क्रू को 400 किलोमीटर के ऑर्बिट में तीन दिन के लिए भेजा जाएगा और इसके बाद उनकी समुद्र पर सुरक्षित वापसी होगी। भारत की योजना अंतरिक्ष में अपना स्टेशन बनाने की भी इस स्टेशन का नाम "भारत अंतरिक्ष स्टेशन" होगा। इसकी स्थापना 2035 तक हो सकती है। भारत की योजना अंतरिक्ष में अपना स्टेशन बनाने की भी है।
  • क्यों ठप्प पड़े अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA की वेबसाइट्स और एजुकेशन प्रोग्राम? जानें वजह
    अमेरिका की मशहूर स्पेस एजेंसी NASA को भी अब सरकारी बजट फ्रीज का झटका लग गया है। एजेंसी ने अपनी वेबसाइट और पब्लिक कम्युनिकेशन को फिलहाल बंद कर दिया है। मतलब अब NASA की वेबसाइट पर कोई नया अपडेट, प्रेस रिलीज या पब्लिक नोटिफिकेशन नहीं दिखेगा, जब तक कि अमेरिका की सरकार नया बजट पास नहीं कर देती। हालांकि एजेंसी के महत्वपूर्ण मिशन और सेफ्टी ऑपरेशंस जारी हैं।
  • आसमान से बरसेंगे तारे! इन तारीखों में दिखाई देगा Orionid Meteor Shower का जलवा
    सितंबर का अंत और अक्टूबर की शुरुआत हमेशा एस्ट्रोनोमी-लवर्स के लिए खास रहती है क्योंकि इसी समय शुरू होता है Orionid Meteor Shower का खेल। यह वार्षिक खगोलीय घटना इस साल भी बीते गुरुवार, 2 अक्टूबर से शुरू हो चुकी है और पूरे अक्टूबर के महीने में देखने को मिलेगी। इसका पीक यानी सबसे ज्यादा उल्कापिंड गिरने का समय अक्टूबर के तीसरे हफ्ते में रहेगा। NASA और एस्ट्रोनोमर्स का कहना है कि Orionid Meteor Shower 2025 में दर्शकों को साफ आसमान के साथ एक शानदार अनुभव देगा।
  • NASA के जेम्स वेब टेलीस्कोप को दिखे रहस्य भरे लाल चमकते बिंदु!
    नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने अंतरिक्ष में छोटे छोटे लाल रंग के कुछ बिंदु अंतरिक्ष में देखे हैं। ये बिंदु अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के लिए एक रहस्य बने हुए हैं। 2022 से ही वैज्ञानिक इनके बारे में जानने की कोशिश कर रहे हैं। एक नई स्टडी प्रकाशित की गई है जो बताती है कि ये बिंदु ब्लैक होल के चारों ओर गैस के सिंगल विशाल गोले हो सकते हैं। यह एक नए प्रकार का ब्लैक होल तारा हो सकता है।
  • इस वर्ष का अंतिम सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को: भारत में दिखेगा या नहीं.... 
    सूर्य ग्रहण तब होता है जब धरती और सूर्य के बीच से चंद्रमा गुजरता है। इससे धरती तक सूर्य की रोशनी का पहुंचना आंशिक तौर पर या पूरी तरह अवरुद्ध हो जाता है। यह अलाइनमेंट के आधार पर पूर्ण, आंशिक या गोले के आकार का हो सकता है। आंशिक सूर्य ग्रहण में सूर्य का केवल एक हिस्सा चंद्रमा की ओर से धुंधला होता है। यह एक आकर्षक खगोलीय दृश्य बनाता है।
  • NASA ने बना लिया मंगल पर घर! देखें अंदर से कैसा है ये 3D प्रिंटेड हैबिटेट
    NASA ने इंसानों को मंगल पर भेजने की तैयारी में नया कदम उठाया है। एजेंसी ने अपना 3D-printed habitat ‘Mars Dune Alpha’ दिखाया है, जिसे Houston के Johnson Space Center में तैयार किया गया है। यहां पर इंसानों को सीमित संसाधन, कम्युनिकेशन देरी और अलगाव जैसी चुनौतियों के बीच रहना पड़ता है। इस हैबिटेट में चार लोगों के लिए रहने की जगह, मेडिकल स्टेशन और ग्रीनहाउस जैसी सुविधाएं मौजूद हैं। NASA का कहना है कि इन मिशनों से मिलने वाला डेटा मंगल पर भविष्य की मानव बस्ती बसाने में मदद करेगा।
  • ISRO के NISAR सैटेलाइट का सफल लॉन्च, धरती की निगरानी में होगा मददगार
    इस सैटेलाइट को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के साथ मिलकर बनाया है।इस सैटेलाइट के ऑर्बिट में पहुंचने के बाद इसके डुअल-फ्रीक्वेंसी राडार एक दिन में धरती का 14 बार चक्कर लगाएंगे। इससे प्रत्येक 12 दिनों में धरती पर सभी जमीन और बर्फ की सतहों की स्कैनिंग की जाएगी। यह सैटेलाइट धरती की सतह पर 1 सेंटीमीटर जितने बदलाव को भी रिकॉर्ड कर सकेगा।
  • भारत-अमेरिका का अंतरिक्ष मिशन NISAR सैटेलाइट आज होगा लॉन्च, दुनिया को इस खतरे से बचाएगा, ऐसे देखें लॉन्च इवेंट
    भारत की NASA-ISRO NISAR सैटेलाइट आज लॉन्च होने जा रही है। यह मिशन स्पेस साइंस, अर्थ ऑब्जर्वेशन और क्लाइमेट स्टडी में “गेमचेंजर” माना जा रहा है। अमेरिका की NASA और भारत की ISRO ने पहली बार इस स्तर की हाई-टेक राडार सैटेलाइट के लिए साझेदारी की है। NISAR की खासियत इसकी डुअल-बैंड Synthetic Aperture Radar तकनीक है, जो हर 12 दिन में पूरे पृथ्वी के सर्वे को संभव बनाएगी। इस सैटेलाइट के जरिए भूकंप, सुनामी, भूस्खलन जैसे आपदाओं का अलर्ट व मैपिंग के साथ कई अन्य कार्यों में मदद मिलेगी। आइए जानते हैं यह सैटेलाइट क्या करेगा, क्यों इतना अहम है और आप इसका लॉन्च लाइव कैसे देख सकते हैं।
  • धरती की निगरानी के लिए कल NISAR सैटेलाइट लॉन्च करेंगे ISRO और NASA
    NISAR सैटेलाइट को आंध्र प्रदेश में सतीश धवन स्पेस सेंटर से 30 जुलाई को 8:10 a.m. (भारतीय समय के अनुसार) लॉन्च किया जाएगा। इसके लिए पिकअप ट्रक के साइज के स्पेसक्राफ्ट का इस्तेमाल होगा। इस सैटेलाइट के ऑर्बिट में पहुंचने के बाद इसके डुअल-फ्रीक्वेंसी राडार एक दिन में धरती का 14 बार चक्कर लगाएंगे। इससे प्रत्येक 12 दिनों में धरती पर सभी जमीन और बर्फ की सतहों की स्कैनिंग की जाएगी।
  • NASA के Perseverance रोवर ने बनाया मंगल ग्रह पर सबसे लंबी ड्राइव का रिकॉर्ड
    पिछले डेढ़ महीने से यह रोवर Jezero क्रेटर रिम की बाहरी ढलानों पर मौजूद Krokodillen पठार पर मिट्टी वाली चट्टानों की खोज कर रहा है। अगर चट्टानों के नमूनों में 'फिलोसिलिकेट्स' कहे जाने वाले मिनरल्स पाए जाते हैं तो इसका मतलब हो सकता है कि पहले इस ग्रह पर बड़ी मात्रा में पानी की मौजूदगी थी। NASA के Curiosity और Opportunity जैसे मंगल ग्रह पर अन्य रोवर्स की तुलना में इसकी स्पीड भी अधिक रही है।
  • भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष से धरती पर वापसी से लेकर टेस्ला के मुंबई में शोरूम खोलने तक, ये हैं आज की महत्वपूर्ण खबरें
    Axiom-4 मिशन के क्रू के सदस्यों के साथ SpaceX का क्रू कैप्सूल Grace अमेरिका में कैलिफोर्निया के तट पर सैन डिएगो के निकट दोपहर 3 pm (भारतीय समय के अनुसार) उतरा है। इस क्रू कैप्सूल को धरती पर वापसी में लगभग 22.5 घंटे लगे हैं। इस मिशन के क्रू में शुक्ला के अलावा अमेरिका की Peggy Whitson, पोलैंड के Slawosz Uznanski Wisniewski और हंगरी के Tibor Kapu शामिल हैं।
  • भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला की ऐतिहासिक स्पेस मिशन के बाद धरती पर हुई वापसी, प्रधानमंत्री मोदी ने दी बधाई
    इस मिशन के क्रू ने ISS पर कई एक्सपेरिमेंट्स किए हैं। इनमें से सात एक्सपेरिमेंट्स की अगुवाई शुक्ला ने की थी। इन एस्ट्रोनॉट्स के साथ शून्य ग्रेविटी के उनके संकेतक के तौर पर Joy कहे जाने वाले एक स्वैन टॉय को भी भेजा गया था। इस मिशन से भारतीय स्पेस एजेंसी ISRO को गगनयान की तैयारी के लिए महत्वपूर्ण सबक मिल सकते हैं।
  • भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष से वापसी से लेकर एमेजॉन की प्राइम डे सेल, ये हैं आज की महत्वपूर्ण खबरें
    पिछले महीने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर पहुंचे Axiom-4 मिशन के चार क्रू मेंबर्स की 14 जुलाई को धरती पर वापसी की यात्रा शुरू होगी। इनमें भारतीय एस्ट्रोनॉट Shubhanshu Shukla भी शामिल हैं। ISS का विजिट करने वाले शुक्ला पहले भारतीय हैं। हालांकि, विंग कमांडर Rakesh Sharma के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले वह देश के दूसरे एस्ट्रोनॉट हैं

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