Itel A90 को कंपनी ने भारत में लॉन्च कर दिया है। यह Itel का लेटेस्ट स्मार्टफोन है जो ऑक्टाकोर चिपसेट के साथ पेश किया गया है। फोन में 4GB रैम दी गई है और 5000mAh बैटरी है। इसमें 6.6 इंच का डिस्प्ले है जिसमें डाइनेमिक बार फीचर भी कंपनी ने दिया है। फोन 13 मेगापिक्सल के मेन रियर कैमरा के साथ आता है। कीमत Rs. 6,499 से शुरू होती है।
Xiaomi ने अपने घरेलू बाजार में बजट डिवाइस पोर्टफोलियो में एक नया नाम जोड़ दिया है - Wireless Mouse Lite 3, जिसे चीन में 39 युआन में पेश किया गया है, जो भारतीय करेंसी में लगभग 450 रुपये के आसपास बैठती है। शिपिंग 14 मई से शुरू होगी और फिलहाल यह JD.com जैसी साइट्स पर प्री-ऑर्डर के लिए उपलब्ध है। माउस दो कलर ऑप्शन में आता है – Deep Space Black और Plain White Grey।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है। इससे पहले यह ट्रायल मिशन पिछले वर्ष के अंत में और इस वर्ष मार्च में किया जाना था। ISRO के चेयरमैन, V Narayanan ने बताया कि इस वर्ष अक्टूबर से तीन बिना क्रू वाले स्पेस मिशंस का ट्रायल किया जाएगा। इसके बाद दो क्रू वाले ट्रायल मिशन होंगे। एक ऑर्बिटल स्पेस फ्लाइट में देश के पहले एस्ट्रोनॉट 2027 में उड़ान भरेंगे।
कैम्ब्रिज के वैज्ञानिकों ने K2-18b नामक ग्रह पर एक जैविक उत्सर्जन को खोजा है जो बैक्टीरिया से हो रहा है। इस ग्रह के वायुमंडल की केमिकल कम्पोजीशन का विश्लेषण करने के लिए वैज्ञानिकों ने James Webb Space Telescope की मदद ली। वैज्ञानिकों का कहना है कि K2-18b पर जीवन की प्रबल संभावना हो सकती है। हालांकि अभी यह एक शुरुआती नतीजा है जो ग्रह पर जीवन की पुष्टि नहीं करता है।
यूरेनस पर दिन की लम्बाई पृथ्वी के दिन से कम निकल कर आई है। अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने हबल स्पेस टेलीस्कोप (Hubble Space Telescope) द्वारा इकट्ठा किए गए दशकों के डेटा को खंगाला, जिससे पता लग पाया कि यूरेनस (Uranus) पर एक दिन 17 घंटे, 14 मिनट, और 52 सेकंड लम्बा होता है। NASA के स्पेसक्राफ्ट Voyager 2 द्वारा बताया गया समय इससे 28 सेकंड कम था।
नासा ने अपने स्पेस मिशनों से जुड़ी एक समस्या का समाधान मांगा है जिसमें इंसानों के मल को रिसाइकल करना होगा। यानी मल, मूत्र और यहां तक कि स्पेस मिशन में अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा की जाने वाली उल्टी को भी रिसाइकल करने का तरीका निकालना है। नासा ने LunaRecycle Challenge के तहत यह ईनाम देने की घोषणा की है। जो भी व्यक्ति समाधान निकालेगा उसे 25.82 करोड़ रुपये का ईनाम दिया जाएगा।
पृथ्वी की अंतरिक्ष आयु के लिए एक बड़ा खतरा पैदा होता जा रहा है। मनुष्य लगातार पृथ्वी की निचली कक्षा में स्पेसक्राफ्ट और सैटेलाइट्स भेजता है। इसके चलते पृथ्वी की कक्षा में भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है। इसी के साथ यहां पर अंतरिक्षीय कचरा भी घूम रहा है। इनमें पुराने सैटेलाइट्स, स्पेसक्राफ्ट्स के टुकड़े और अन्य तरह का मलबा मंडरा रहा है जो लगातार बढ़ता ही जा रहा है।
पृथ्वी के उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों पर परिक्रमा करने में मनुष्य ने कामयाबी हासिल कर ली है। और इसी की बदौलत पहली बार अंतरिक्ष से पृथ्वी की उस जगह की तस्वीरें सामने आई हैं जो अब से पहले कभी नहीं देखी गई थी। स्पेस से पहली बार पृथ्वी के ध्रुवों का नजारा तस्वीरों में कैद हुआ है जिसे Elon Musk की कंपनी SpaceX ने अपने प्राइवेट मिशन Fram2 के तहत अंजाम दिया है।
अंतरिक्ष से भारत को देखने के बारे में विलियम्स ने कहा, "जब आप पूर्व से आते हैं और गुजरात और मुंबई में जाते हैं तो आपको समुद्र में मछुआरों के बेड़े दिखते हैं। पूरे भारत में मुझे दिखा कि बड़े शहरों में लाइट्स का नेटवर्क नीचे छोटे शहरों की तरफ जा रहा है। भारत को दिन के साथ ही रात में देखना बहुत शानदार है।" उन्होंने भारत आने को लेकर भी उत्साह दिखाया।
सुनीता विलियम्स ने स्पेस में सबसे लंबे मिशनों पर रहने वाले यात्रियों की लिस्ट में टॉप 10 में जगह बना ली है। 19 मार्च को जब सुनीता विलियम्स SpaceX Crew-9 Dragon स्पेसक्राफ्ट पर सवार होकर पृथ्वी पर लौटीं तो अपने साथ एक उपलब्धि भी लेकर लौटीं। सुनीता विलियम्स किसी सिंगल स्पेस मिशन के दौरान इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में सबसे ज्यादा वक्त बिताने वाले अंतरिक्ष यात्रियों की सूचि में शामिल हो गई हैं।
NASA के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने एक और कारनामा कर दिखाया है। जेम्स वेब ने खास प्लेनेटरी सिस्टम यानी एक सौर मंडल में कार्बन डाइऑक्साइड की सीधी इमेज कैप्चर की है। इस प्लेनेटरी सिस्टम का नाम HR 8799 है जो कि एक युवा प्लेनेटरी सिस्टम बताया जा रहा है। यह 130 प्रकाशवर्ष दूर स्थित है। टेलीस्कोप ने इसके ग्रहों के वायुमंडल को सीधे अपने कैमरा में कैद कर लिया है।
यह मिशन चंद्रमा पर वातावरण और अन्य स्थितियों को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध करा सकता है। भारत का लक्ष्य 2040 तक चंद्रमा पर ह्युमन मिशन भेजने का है। चंद्रयान-5 मिशन में लगभग 350 किलोग्राम के रोवर का इस्तेमाल किया जा सकता है। इस मिशन में जापान का भी सहयोग लिया जाएगा। इससे पहले ISRO ने चंद्रयान-4 मिशन के लिए तैयारी शुरू की है।
इन दोनों एस्ट्रोनॉट्स को लाने के लिए बिलिनेयर Elon Musk की कंपनी SpaceX का स्पेसक्राफ्ट पहुंच गया है। NASA का Crew-10 मिशन शुक्रवार को लॉन्च किया गया था। NASA के केनेडी स्पेस सेंटर से Falcon 9 रॉकेट के जरिए Dragon स्पेसक्राफ्ट पर Crew-10 मिशन को लॉन्च किया गया था। इस मिशन में चार एस्ट्रोनॉट्स को भेजा गया है।
यूरोप की स्पेस एजेंसी 10 दिनों के एक्सपेरिमेंट के लिए भागीदारों को 4.75 लाख रुपये देने का दावा कर रही है। भागीदारों से कोई काम नहीं करवाया जाएगा बल्कि उन्हें बस एक खास तरह के बिस्तर के अंदर लेटे रहना होगा। कंपनी अपने विवाल्डी (Vivaldi) एक्सपेरिमेंट का तीसरा और आखिरी कंपैन आयोजित करने जा रही है। यह फ्रांस के टूलूस के मेडेस स्पेस क्लिनिक में होगा।
विलियम्स और उनके साथी एस्ट्रोनॉट Butch Wilmore को लाने के लिए NASA और बिलिनेयर Elon Musk की कंपनी SpaceX ने शुक्रवार को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर एक नया क्रू भेजा है। NASA के केनेडी स्पेस सेंटर से Falcon 9 रॉकेट के जरिए Dragon स्पेसक्राफ्ट पर Crew-10 मिशन को लॉन्च किया गया है। इस क्रू में चार एस्ट्रोनॉट शामिल हैं।