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Space - ख़बरें

  • NASA ने बना लिया मंगल पर घर! देखें अंदर से कैसा है ये 3D प्रिंटेड हैबिटेट
    NASA ने इंसानों को मंगल पर भेजने की तैयारी में नया कदम उठाया है। एजेंसी ने अपना 3D-printed habitat ‘Mars Dune Alpha’ दिखाया है, जिसे Houston के Johnson Space Center में तैयार किया गया है। यहां पर इंसानों को सीमित संसाधन, कम्युनिकेशन देरी और अलगाव जैसी चुनौतियों के बीच रहना पड़ता है। इस हैबिटेट में चार लोगों के लिए रहने की जगह, मेडिकल स्टेशन और ग्रीनहाउस जैसी सुविधाएं मौजूद हैं। NASA का कहना है कि इन मिशनों से मिलने वाला डेटा मंगल पर भविष्य की मानव बस्ती बसाने में मदद करेगा।
  • itel ZENO 20 भारत में लॉन्च: 5000mAh बैटरी, 128GB तक स्टोरेज और बड़ा डिस्प्ले, कीमत Rs 5,999 से शुरू
    भारत में बजट स्मार्टफोन की रेंज में एक नया ऑप्शन जुड़ गया है। itel ने ZENO 20 लॉन्च किया है, जिसे अल्ट्रा-ड्यूरेबिलिटी, AI असिस्टेंट और स्टाइलिश डिजाइन के साथ पेश किया गया है। itel ZENO 20 को कंपनी ने दो वेरिएंट्स में पेश किया है - 64GB स्टोरेज के साथ 3GB RAM और 128GB स्टोरेज के साथ 4GB RAM और दोनों की कीमत क्रमश: 5,999 रुपये और 6,899 रुपये है। फोन को Starlit Black, Space Titanium और Aurora Blue कलर ऑप्सन में Amazon के जरिए 25 अगस्त से खरीदा जा सकता है। बेस और हाई-एंड दोनों वेरिएंट्स में क्रमश: 250 रुपये और 300 रुपये के कूपन भी मिलेंगे।
  • Kingbull Discover 2.0 हुई लॉन्च: बिना पेडल चलाए आपको 96 Km ले जाएगी ये इलेक्ट्रिक साइकिल!
    Kingbull ने अपनी नई टॉर्क-सेंसिंग इलेक्ट्रिक बाइक सीरीज Discover 2.0 को पेश किया है, जिसमें दो मॉडल शामिल हैं - Discover 2.0 (स्टेप-ओवर फ्रेम) और Discover ST 2.0 (स्टेप-थ्रू फ्रेम)। दोनों ई-बाइक मॉडल्स की कीमत $1,299 (लगभग 1.13 लाख रुपये) रखी गई है। कंपनी सीमित समय के लिए दो बाइक्स खरीदने पर $200 की एक्स्ट्रा छूट भी दे रही है। Discover 2.0 मॉडल Space Grey कलर में मिलेगा, जबकि ST 2.0 वेरिएंट White और Pink कलर में उपलब्ध होगा। ये बाइक्स फिलहाल कंपनी की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।
  • ISRO के NISAR सैटेलाइट का सफल लॉन्च, धरती की निगरानी में होगा मददगार
    इस सैटेलाइट को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के साथ मिलकर बनाया है।इस सैटेलाइट के ऑर्बिट में पहुंचने के बाद इसके डुअल-फ्रीक्वेंसी राडार एक दिन में धरती का 14 बार चक्कर लगाएंगे। इससे प्रत्येक 12 दिनों में धरती पर सभी जमीन और बर्फ की सतहों की स्कैनिंग की जाएगी। यह सैटेलाइट धरती की सतह पर 1 सेंटीमीटर जितने बदलाव को भी रिकॉर्ड कर सकेगा।
  • धरती की निगरानी के लिए कल NISAR सैटेलाइट लॉन्च करेंगे ISRO और NASA
    NISAR सैटेलाइट को आंध्र प्रदेश में सतीश धवन स्पेस सेंटर से 30 जुलाई को 8:10 a.m. (भारतीय समय के अनुसार) लॉन्च किया जाएगा। इसके लिए पिकअप ट्रक के साइज के स्पेसक्राफ्ट का इस्तेमाल होगा। इस सैटेलाइट के ऑर्बिट में पहुंचने के बाद इसके डुअल-फ्रीक्वेंसी राडार एक दिन में धरती का 14 बार चक्कर लगाएंगे। इससे प्रत्येक 12 दिनों में धरती पर सभी जमीन और बर्फ की सतहों की स्कैनिंग की जाएगी।
  • NASA के Perseverance रोवर ने बनाया मंगल ग्रह पर सबसे लंबी ड्राइव का रिकॉर्ड
    पिछले डेढ़ महीने से यह रोवर Jezero क्रेटर रिम की बाहरी ढलानों पर मौजूद Krokodillen पठार पर मिट्टी वाली चट्टानों की खोज कर रहा है। अगर चट्टानों के नमूनों में 'फिलोसिलिकेट्स' कहे जाने वाले मिनरल्स पाए जाते हैं तो इसका मतलब हो सकता है कि पहले इस ग्रह पर बड़ी मात्रा में पानी की मौजूदगी थी। NASA के Curiosity और Opportunity जैसे मंगल ग्रह पर अन्य रोवर्स की तुलना में इसकी स्पीड भी अधिक रही है।
  • भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष से धरती पर वापसी से लेकर टेस्ला के मुंबई में शोरूम खोलने तक, ये हैं आज की महत्वपूर्ण खबरें
    Axiom-4 मिशन के क्रू के सदस्यों के साथ SpaceX का क्रू कैप्सूल Grace अमेरिका में कैलिफोर्निया के तट पर सैन डिएगो के निकट दोपहर 3 pm (भारतीय समय के अनुसार) उतरा है। इस क्रू कैप्सूल को धरती पर वापसी में लगभग 22.5 घंटे लगे हैं। इस मिशन के क्रू में शुक्ला के अलावा अमेरिका की Peggy Whitson, पोलैंड के Slawosz Uznanski Wisniewski और हंगरी के Tibor Kapu शामिल हैं।
  • भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला की ऐतिहासिक स्पेस मिशन के बाद धरती पर हुई वापसी, प्रधानमंत्री मोदी ने दी बधाई
    इस मिशन के क्रू ने ISS पर कई एक्सपेरिमेंट्स किए हैं। इनमें से सात एक्सपेरिमेंट्स की अगुवाई शुक्ला ने की थी। इन एस्ट्रोनॉट्स के साथ शून्य ग्रेविटी के उनके संकेतक के तौर पर Joy कहे जाने वाले एक स्वैन टॉय को भी भेजा गया था। इस मिशन से भारतीय स्पेस एजेंसी ISRO को गगनयान की तैयारी के लिए महत्वपूर्ण सबक मिल सकते हैं।
  • भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला 14 जुलाई को शुरू करेंगे धरती पर वापसी की यात्रा
    इस मिशन के पायलट की जिम्मेदारी शुक्ला ने सभाली है, जबकि और मिशन कमांडर के तौर पर कमान Peggy Whitson के पास थी। अनडॉकिंग के कई घंटे बाद Axiom-4 मिशन का स्पलैशडाउन अमेरिका के कैलिफोर्निया में प्रशांत महासागर के तट के निकट होगा। Axiom-4 मिशन में 31 देशों की भागीदारी है इस मिशन को सुरक्षा के साथ ISS पर पहुंचाने के लिए NASA और Axiom Space ने कड़ी तैयारी की थी।
  • धरती के घूमने की रफ्तार जुलाई और अगस्त में 3 दिनों पर हो सकती है तेज
    वैज्ञानिकों का मानना है कि धरती के अपनी धुरी पर घूमने की रफ्तार पर ग्लेशियर्स का पिघलना भी असर डाल सकता है। धरती पर अल नीनो और ला नीना जैसी मौसम से जुड़ी स्थितियां भी एक कारण हो सकती हैं। इनसे धरती पर भार का वितरण बदलता है जिससे इसके घूमने की गति पर असर हो सकता है। इसके लिए चंद्रमा भी जिम्मेदार हो सकता है।
  • टेक्नोलॉजी की दुनिया से आपके लिए आज की 5 महत्वपूर्ण खबरें
    अमेरिका में कैलिफोर्निया के Kennedy Space Centre से बुधवार को SpaceX का Falcon 9 रॉकेट इस मिशन के स्पेसक्राफ्ट Dragon के साथ बुधवार को 12.01 PM पर लॉन्च किया गया था। इस स्पेसक्राफ्ट की लगभग 29 घंटे की उड़ान के बाद गुरुवार को 4.01 पर ISS के साथ डॉकिंग हुई है। Axiom-4 मिशन के क्रू के सदस्य ISS पर कई एक्सपेरिमेंट्स करेंगे।
  • भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला पहुंचे स्पेस स्टेशन, Dragon स्पेसक्राफ्ट की हुई डॉकिंग
    Axiom-4 मिशन के क्रू के सदस्य ISS पर कई एक्सपेरिमेंट्स करेंगे। इनमें से सात एक्सपेरिमेंट्स की अगुवाई शुक्ला करेंगे। इस मिशन में 31 देशों की भागीदारी है इस मिशन को सुरक्षा के साथ ISS पर पहुंचाने के लिए NASA और अमेरिकी स्पेस इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपर Axiom Space ने कड़ी तैयारी की थी। इन एस्ट्रोनॉट्स के साथ शून्य ग्रेविटी के उनके संकेतक के तौर पर Joy कहे जाने वाले एक स्वैन टॉय को भी भेजा गया है।
  • Axiom-4 मिशन कल ISS पर पहुंचेगा, भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला हैं मिशन के पायलट
    Axiom-4 मिशन को धरती से लगभग 400 किलोमीटर ऊपर मौजूद ISS पर डॉकिंग करने में लगभग 29 घंटे लगेंगे। Falcon 9 रॉकेट पर स्थित SpaceX का Dragon स्पेसक्राफ्ट शुरुआत में ISS से नीचे के एक ऑर्बिट में पहुंचेगा। ISS के साथ डॉकिंग (जुड़ना) के लिए इस स्पेसक्राफ्ट को अपने रास्ते और ऊंचाई में बदलाव करने होंगे। यह प्रक्रिया आसान नहीं है क्योंकि ISS लगभग 28,000 km/h की रफ्तार से चक्कर लगा रहा है।
  • टेक्नोलॉजी की दुनिया से आपके लिए आज की 5 महत्वपूर्ण खबरें
    अमेरिकी स्पेस इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपर Axiom Space ने बताया है कि पिछले 40 वर्षों से अधिक में यह पहली बार है कि जब अमेरिका की सरकार ने भारत, पोलैंड या हंगरी के एस्ट्रोनॉट्स वाली एक स्पेसफ्लाइट के लिए स्वीकृति दी है। भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री Rakesh Sharma ने 1984 में अंतरिक्ष में पहुंचकर इतिहास बनाया था।
  • शुभांशु शुक्ला ने भरी स्पेस में उड़ान, Ax-4 मिशन में पायलट; 40 साल बाद कोई भारतीय पहुंचा ISS
    आज, 25 जून की सुबह Axiom Space के "Ax‑4" मिशन ने फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से अपने चारों अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की ओर रवाना किया, जिसमें ISRO के ग्रुप कप्तान शुभांशु शुक्ला (Shubhanshu Shukla) भी शामिल हैं। इस मिशन के जरिए वह राकेश शर्मा (1984) के बाद भारत के दूसरे और ISS पर भेजे गए पहले अंतरिक्ष यात्री बनेंगे।

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