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Moon - ख़बरें

  • बृहस्पति पर चलते हैं ऑस्ट्रेलिया के साइज से भी बड़े चक्रवात! Juno स्पेसक्राफ्ट की नई खोज
    NASA का जूनो (Juno) स्पेसक्राफ्ट लगातार जुपिटर के बारे में खोजबीन कर रहा है। स्पेसक्राफ्ट ने नई खोजें वैज्ञानिकों के पास भेजी हैं। रेडियो सिग्नल, माइक्रोवेव सेंसर, और इंफ्रारेड इमेजिंग के माध्यम से जुपिटर का यह छुपा हुआ चेहरा वैज्ञानिकों के सामने आया है। यह ग्रह ऑस्ट्रेलिया से भी बड़े विशाल ध्रुवीय चक्रवातों का घर है, यहां भयंकर जेट धाराएं बहती हैं। चंद्रमा Io पर अभी भी मैग्मा मौजूद है।
  • Smiley Face Moon: 25 अप्रैल की सुबह आसमान में दिखेगा मुस्कुराता चांद, साथ होंगे वीनस और सैटर्न
    अगर आप आसमान में दिखने वाली दुर्लभ घटनाओं को देखने का शौक रखते हैं, तो 25 अप्रैल की सुबह का नजारा आपके लिए खास हो सकता है। उस दिन चांद, शुक्र और शनि एक खास लाइनअप में दिखेंगे, जो एक स्माइली फेस जैसा शेप बनाएगा। यह खगोलीय नजारा सुबह के वक्त कुछ ही समय के लिए देखा जा सकेगा।
  • Hanuman Jayanti 2025: हनुमान जयंती पर दिखेगा 'पिंक मून!' बैसाखी के साथ भी संयोग, जानें क्यों है खास
    आज हनुमान जयंती है और अंतरिक्ष में चांद अपने खास अंदाज में दिखाई देगा। इसे पिंक मून (Pink Moon) या माइक्रोमून (Micromoon) कहा जाता है। इस दिन चंद्रमा गुलाबी नहीं दिखाई देगा, लेकिन वसंत में इसकी मौजूदगी आध्यात्मिक महत्व रखती है। चंद्रमा पृथ्वी के चारों ओर अंडाकार कक्षा में घूमता है और इस दिन अपनी कक्षा में सबसे दूर स्थित बिंदु पर पहुँच जाता है। यहां चंद्रमा काफी छोटा और धीमे चमकता है।
  • 'अंतरिक्ष से शानदार दिखता है भारत', NASA की एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स ने जानकारी
    अंतरिक्ष से भारत को देखने के बारे में विलियम्स ने कहा, "जब आप पूर्व से आते हैं और गुजरात और मुंबई में जाते हैं तो आपको समुद्र में मछुआरों के बेड़े दिखते हैं। पूरे भारत में मुझे दिखा कि बड़े शहरों में लाइट्स का नेटवर्क नीचे छोटे शहरों की तरफ जा रहा है। भारत को दिन के साथ ही रात में देखना बहुत शानदार है।" उन्होंने भारत आने को लेकर भी उत्साह दिखाया।
  • चंद्रयान-5 के लिए सरकार ने दिया ISRO को अप्रूवल
    यह मिशन चंद्रमा पर वातावरण और अन्य स्थितियों को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध करा सकता है। भारत का लक्ष्य 2040 तक चंद्रमा पर ह्युमन मिशन भेजने का है। चंद्रयान-5 मिशन में लगभग 350 किलोग्राम के रोवर का इस्तेमाल किया जा सकता है। इस मिशन में जापान का भी सहयोग लिया जाएगा। इससे पहले ISRO ने चंद्रयान-4 मिशन के लिए तैयारी शुरू की है।
  • चंद्रयान-3 मिशन ने खोले चांद के गहरे राज, कई हिस्सों पर हो सकती है बर्फ!
    चंद्रयान-3 मिशन की मदद से वैज्ञानिकों को चांद के बारे में एक अहम जानकारी मिलने की बात सामने आ रही है। चंद्रयान मिशन के द्वारा डेटा इकट्ठा किया गया, उसकी स्टडी से यह सामने आया है कि चांद पर कई और ऐसी जगहें हो सकती हैं जहां पर बर्फ मौजूद हो सकती है। ये जगहें इसकी सतह के नीचे बताई जा रही हैं।
  • चंद्रमा पर पानी की खोज के लिए NASA ने लॉन्च किया सैटेलाइट
    अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA ने चंद्रमा पर पानी की खोज के लिए Lunar Trailblazer सैटेलाइट लॉन्च किया है। इसका भार लगभग 200 किलोग्राम का है। इसके सोलर पैनल पूरी तरह खुले होने पर यह लगभग 3.5 मीटर चौड़ा है। इस सैटेलाइट को फ्लोरिडा में Kennedy Space Center से स्पेस में लॉन्च किया गया है।
  • सिंगल चार्ज में 16 दिन चलने वाली Oppo Watch X2 हुई लॉन्च, AMOLED डिस्प्ले से लैस, जानें कीमत
    Oppo Watch X2 स्मार्टवॉच को कंपनी ने चीन समेत ग्लोबल मार्केट में लॉन्च कर दिया है। यह एडवांस हेल्थ ट्रैकिंग फीचर्स से लैस है। इसमें टाइटेनियम एलॉय डिजाइन मिलता है। वियरेबल में 1.5 इंच का LTPO AMOLED डिस्प्ले दिया गया है। इसमें कंपनी ने 100 से ज्यादा स्पोर्ट्स मोड दिए हैं। स्मार्टवॉच में 648mAh की बैटरी है जो कि 16 दिन तक बैकअप दे सकती है। कीमत 2599 युआन (लगभग 31,000 रुपये) है।
  • OnePlus 13 यूजर्स के लिए खुशखबरी! Instagram कैमरा में मिलेगा Night Mode, ऐसे करें इस्तेमाल
    OnePlus और इंस्टाग्राम ने भागीदारी के तहत नया फीचर पेश किया है जिसमें यूजर्स Instagram के कैमरा ऐप में ही OnePlus 13 फोन का नाइट मोड इस्तेमाल कर सकेंगे। कम रोशनी में इंस्टाग्राम के कैमरा ऐप में खुद ही एक मून आइकन (moon icon) दिखाई देने लगता है। फोटो लेते समय फोन को कुछ पल होल्ड रखना होगा और फोटो प्रोसेस हो जाएगी। यह कम रोशनी में बेहतर रिजल्ट दे सकता है।
  • चंद्रमा पर 2027 में पहुंचेगा भारत का चंद्रयान-4, धरती पर लाए जाएंगे सैम्पल
    चंद्रयान-4 का कुल भार लगभग 9,200 किलोग्राम का होगा। यह चंद्रयान-3 की तुलना में दोगुने से अधिक है। इसका साइज अधिक होने की वजह से दो लॉन्च व्हीकल मार्क- III (LVM 3) रॉकेट्स का इस्तेमाल जरूरी है। ये रॉकेट पांच विभिन्न मॉड्यूल्स को धरती के ऑर्बिट में ले जाएंगे, जहां चंद्रमा की यात्रा से पहले इन मॉड्यूल्स की डॉकिंग की जाएगी।
  • NASA आर्टिमिस (Artemis) मून मिशन के लिए इन 9 कंपनियों पर खर्च करेगी 2.10 अरब रुपये!
    नासा चांद पर अपना महत्वाकांक्षी मिशन भेजने की तैयारी कर रही है। इस मिशन का नाम Artemis मिशन है जिसमें नासा का साथ 9 और कंपनियां देंगी। नासा के Artemis मिशन में 9 कंपनियां शामिल होंगी जो एजेंसी की मदद इस मिशन के सफल होने में करेंगी। नासा ने इस कॉन्ट्रैक्ट के लिए 24 मिलियन डॉलर खर्च करने की योजना बनाई है।
  • भारत की 2027 में चंद्रयान-4 के लॉन्च की तैयारी, चंद्रमा से लाए जाएंगे सैम्पल
    देश के स्पेस एक्सप्लोरेशन के प्रयासों में यह एक महत्वपूर्ण कदम होगा। इस मिशन का उद्देश्य चंद्रमा से सैम्पल वापस धरती पर लाना होगा। इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट में पांच अलग कंपोनेंट्स को ले जाने के लिए LVM-3 रॉकेट के कम से कम दो लॉन्च की जरूरत होगी। यह चंद्रमा से सैम्पल लाने की देश की पहली कोशिश होगी। इससे स्पेस रिसर्च में भारत की वैज्ञानिक और तकनीकी क्षमताएं बढ़ेंगी।
  • SpaceX लॉन्च करेगी Lunar Trailblazer स्पेसक्राफ्ट, चांद पर पानी की करेगा तलाश
    एलन मस्क की कंपनी SpaceX स्पेसक्राफ्ट Lunar Trailblazer को लॉन्च करने की तैयारी कर रही है जो चांद पर जाकर पानी की तलाश करेगा। यह चांद की सतह पर विचरण करने के लिए डिजाइन किया गया खास स्पेसक्राफ्ट है। स्पेसएक्स इसे 26 फरवरी को लॉन्च करेगी। स्पेसक्राफ्ट को NASA के Kennedy Space Center से लॉन्च किया जाएगा। चांद पर जीवन की संभावनाओं को तलाशने में यह स्पेसक्राफ्ट महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
  • चांद पर उड़ने वाला रोबोट भेजेगा चीन, करना क्‍या चाहता है? जानें
    चंद्रमा के लिए कई मिशन तैयार हो रहे हैं। अमेरिका आर्टिमिस मिशन भेजकर वहां दोबारा से इंसान को उतारना चाहता है, तो चीन एक रोबोटिक मिशन भेजने की योजना बना रहा है। ड्रैगन, चांद पर पानी की खोज करना चाहता है और उसने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर एक स्मार्ट रोबोटिक ‘फ्लायर डिटेक्टर’ भेजने की योजना का खुलासा किया है।
  • चंद्रमा पर वैक्‍यूम क्‍लीनर भेज रहे वैज्ञानिक, क्‍या काम करेगा? जानें
    अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने एक अभूतपूर्व तकनीक को दुनिया को दिखाया है। इसका नाम लूनार प्‍लैनेटवैक (Lunar PlanetVac (LPV) है। इससे वैज्ञानिकों के चंद्रमा और अन्य ग्रहों पर मिट्टी और चट्टान के सैंपल इकट्ठा करने और उन्‍हें स्‍टडी करने के तरीके में बदलाव आएगा। रिपोर्टों के अनुसार, इस तकनीक को हनीबी रोबोटिक्स ने डेवलप किया है।

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