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EV खरीदने वाले 90 प्रतिशत से अधिक लोगों का दोबारा पेट्रोल, डीजल व्हीकल लेने का इरादा नहीं

इस सर्वे में EV खरीदने के कारणों पर भी जोर दिया गया था। इसमें अधिकतर लोगों का कहना था कि इलेक्ट्रिक व्हीकल को चलाने का खर्च कम होना उनके इसे खरीदने का बड़ा कारण था

EV खरीदने वाले 90 प्रतिशत से अधिक लोगों का दोबारा पेट्रोल, डीजल व्हीकल लेने का इरादा नहीं

भारत में भी केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को बढ़ावा देने के उपाय किए हैं

ख़ास बातें
  • इस सर्वे में 18 देशों में लगभग 23,000 EV मालिकों से प्रश्न पूछे गए थे
  • भारत में भी केंद्र सरकार ने EV को बढ़ावा देने के उपाय किए हैं
  • देश में बहुत सी ऑटोमोबाइल कंपनियां अपने EV पेश कर रही हैं
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पिछले कुछ वर्षों में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स ( EV) की संख्या तेजी से बढ़ी है। EV से पॉल्यूशन नहीं होता और इसे चलाने की कॉस्ट भी कम है। इन व्हीकल्स को लेकर एक इंटरनेशनल सर्वे में शामिल अधिकतर लोगों ने कहा है कि वे दोबारा पेट्रोल या डीजल इंजन वाले व्हीकल को नहीं खरीदेंगे। 

Global EV Driver Survey को कुछ इलेक्ट्रिक व्हीकल ड्राइवर्स एसोसिएशंस के नेटवर्क Global EV Alliance ने आयोजित किया था। इस सर्वे में भारत सहित 18 देशों में लगभग 23,000 EV मालिकों से प्रश्न पूछे गए थे। एक मीडिया रिपोर्ट में इस सर्वे के हवाले से बताया गया है कि 97 प्रतिशत EV मालिकों का कहना है कि वे अपने इलेक्ट्रिक व्हीकल से संतुष्ट हैं। यह पूछने पर कि क्या वे अपने मौजूदा EV को बदलना चाहेंगे, लगभग 92 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे एक अन्य EV से इसे बदलेंगे और चार प्रतिशत का कहना था कि उनका नया व्हीकल प्लग-इन हाइब्रिड होगा। इस सर्वे में शामिल लगभग एक प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनकी अगली कार पेट्रोल या डीजल इंजन वाली होगी। 

इस सर्वे में EV खरीदने के कारणों पर भी जोर दिया गया था। इसमें अधिकतर लोगों का कहना था कि इलेक्ट्रिक व्हीकल को चलाने का खर्च कम होना उनके इसे खरीदने का बड़ा कारण था। इसके अलावा बड़ी संख्या में लोगों ने एनवायरमेंट के लिए बेहतर होने की वजह से भी इन व्हीकल्स को चुना है। EV की चार्जिंग के लिए प्रमुख लोकेशन के प्रश्न पर, सर्वे में शामिल लगभग 72 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे होम-चार्जिंग प्वाइंट का इस्तेमाल करते हैं। लगभग 13 प्रतिशत ने बताया कि वे फास्ट चार्जर्स से अपने EV को चार्ज करते हैं। इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को लेकर चुनौतियों के बारे में पूछने पर, अधिकतर लोगों ने बताया कि उन्हें कोई बड़ी चुनौती नहीं दिखती। हालांकि, बहुत से अन्य लोगों का कहना था कि फास्ट-चार्जिंग प्वाइंट और चार्जिंग धीमी होना जैसी चुनौतियां हैं। 

भारत में भी केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को बढ़ावा देने के उपाय किए हैं। हाल ही में केंद्र सरकार ने 14,335 करोड़ रुपये की दो योजनाओं को स्वीकृति दी थी। इसका उद्देश्य बसों,  एंबुलेंस और ट्रकों सहित EV को बढ़ावा देना और पॉल्यूशन को घटाना है। इन योजनाओं में PM Electric Drive Revolution in Innovative Vehicle Enhancement (PM E-DRIVE) और PM-eBus Sewa-Payment Security Mechanism (PSM) शामिल हैं। PM E-DRIVE के लिए लगभग 10,900 करोड़ रुपये और PSM के लिए लगभग 3,435 करोड़ रुपये का आवंटन किया जाएगा। पॉल्यूशन को घटाने के लिए PM E-DRIVE काफी मददगार हो सकती है। इस स्कीम के तहत, इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स, इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर्स, इलेक्ट्रिक एंबुलेंस और इलेक्ट्रिक ट्रकों के लिए 3,679 करोड़ रुपये की सब्सिडी/डिमांड इंसेंटिव उपलब्ध कराए जाएंगे। 
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आकाश आनंद

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। उनके पास प्रमुख ...और भी

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