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भारत में इलेक्ट्रिक कारों की सेल्स पहली बार हुई 4 प्रतिशत से ज्यादा

फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन का कहना है कि इंटरनेशनल सप्लाई चेन में रुकावटों और कुछ देशों के बीच तनाव बढ़ने का असर EV की मैन्युफैक्चरिंग पर हो सकता है

भारत में इलेक्ट्रिक कारों की सेल्स पहली बार हुई 4 प्रतिशत से ज्यादा

इलेक्ट्रिक कारों के मार्केट में Tata Motors की सबसे अधिक हिस्सेदारी है

ख़ास बातें
  • मई में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री 12,304 यूनिट्स की रही है
  • पिछले वर्ष के इसी महीने में यह 8,029 यूनिट्स की थी
  • इलेक्ट्रिक कारों के मार्केट में Tata Motors की सबसे अधिक हिस्सेदारी है
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देश में पिछले कुछ वर्षों में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) की बिक्री तेजी से बढ़ी है। पिछले महीने इलेक्ट्रिक कारों की सेल्स ने पहली बार चार प्रतिशत का आंकड़ा पार किया है। पिछले वर्ष के इसी महीने में यह 2.6 प्रतिशत की थी। इस वर्ष अप्रैल में इलेक्ट्रिक कारों की सेल्स लगभग 3.5 प्रतिशत रही थी। 

फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) के डेटा के अनुसार, मई में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री 12,304 यूनिट्स की रही है। पिछले वर्ष के इसी महीने में यह 8,029 यूनिट्स की थी। हालांकि, पैसेंजर व्हीकल्स की सेल्स में गिरावट हुई है। इसके पीछे कंज्यूमर सेंटीमेंट कमजोर होना, इनवेंटरी बढ़ना, पाकिस्तान के साथ युद्ध जैसी स्थिति की वजह से पंजाब, जम्मू और कश्मीर, राजस्थान और गुजरात जैसे सीमावर्ती राज्यों में तनाव प्रमुख कारण हैं। इलेक्ट्रिक कारों के मार्केट में Tata Motors की सबसे अधिक हिस्सेदारी है। 

हालांकि, FADA का कहना है कि इंटरनेशनल सप्लाई चेन में रुकावटों और कुछ देशों के बीच तनाव बढ़ने का असर EV की मैन्युफैक्चरिंग पर हो सकता है। इससे इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की कॉस्ट में बढ़ोतरी होने का अनुमान है। हाल ही में एक रिपोर्ट में बताया गया था कि उत्तर प्रदेश में रजिस्टर्ड EVs की सबसे अधिक संख्या है। उत्तर प्रदेश में लगभग 4.14 लाख रजिस्टर्ड EVs हैं। इसके बाद राजधानी दिल्ली लगभग 1.83 लाख EVs हैं। महाराष्ट्र लगभग 1.79 लाख EVs के साथ तीसरे स्थान पर है। केंद्र सरकार की FAME स्कीम और राज्यों की EV पॉलिसीज से इन राज्यों में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स खरीदने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। 

केंद्र सरकार की FAME (Faster Adoption and Manufacturing of Hybrid and Electric Vehicles) I और FAME II स्कीम्स से उत्तर प्रदेश को सबसे अधिक फायदा हुआ है। इससे राज्य सरकार की इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ाने की कोशिशें भी मजबूत हुई हैं। उत्तर प्रदेश के पास अपनी इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग एंड मोबिलिटी पॉलिसी भी है। इस पॉलिसी का उद्देश्य EVs की संख्या बढ़ाना और मजबूत चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना है। राज्य सरकार को इस पॉलिसी के साथ इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के सेक्टर में लगभग 30,000 करोड़ रुपये का इनवेस्टमेंट हासिल करने और लगभग 10 लाख जॉब्स बनने का अनुमान है। हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने बताया था कि उसने 16 नगर निकायों में 300 से अधिक नए EV चार्जिंग स्टेशंस लगाने की स्वीकृति दी है। 
 
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आकाश आनंद

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। उनके पास प्रमुख ...और भी

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