दुनिया भर में लोकप्रिय iPhone बनाने वाली अमेरिकी कंपनी Apple ने इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) के लॉन्च की अपनी योजना में बदलाव किया है। कंपनी ने Tesla के व्हीकल्स की तरह 'ड्राइवरलेस' कार डिवेलप करने की योजना बनाई थी। हालांकि, इसने अब कुछ कनेक्टेड फीचर्स के साथ EV लॉन्च करने का फैसला किया है।
Bloomberg की रिपोर्ट में इस प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी रखने वाले सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि
एपल का कार बनाने का प्रोजेक्ट लगभग एक दशक पहले शुरू हुआ था। हालांकि, इसके 2028 से पहले लॉन्च होने की संभावना नहीं है। ऐसी रिपोर्ट है कि कंपनी के बोर्ड ने प्रोटोटाइप के बिना हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर पर लाखों डॉलर खर्च करने के बाद इसके मैनेजमेंट पर प्रेशर डाला है। एपल ने लेवल 5 (फुल ऑटोमेशन) पर सेल्फ-ड्राइविंग कार लॉन्च करने की अपनी योजना में बदलाव किया है। इसे पहले लेवल 4 (फुल ऑटोमेटेड ड्राइविंग) और फिर लेवल 2+ (पार्टली ऑटोमेटेड ड्राइविंग) पर लाया गया है।
टेस्ला जैसे अन्य कार मेकर्स भी अपने ऑटोपायलट फीचर के जरिए लेवल 2 की पेशकश करते हैं। इसका मतलब है कि अगर एपल 2028 तक अपने EV को लॉन्च करने में सक्षम होती है तो इसमें टेस्ला के ऑटोपायलट के जैसे फंक्शंस हो सकते हैं जिनमें ड्राइवर्स को सीट पर बैठकर सड़क की निगरानी करनी होती है जिससे वे जरूरत पड़ने पर व्हीकल का कंट्रोल ले सकें। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि एपल अगले चार वर्षों में अपनी पहली इलेक्ट्रिक कार को लॉन्च कर सकेगी या नहीं। एपल की चाइनीज राइवल
Xiaomi ने पिछले महीने अपनी पहली इलेक्ट्रिक कार SU7 को लॉन्च किया था।
शाओमी की इलेक्ट्रिक कार में कंपनी का ऑपरेटिंग सिस्टम दिया जाएगा। इसे चीन में पेश किया गया है। दुनिया के इस सबसे बड़े ऑटोमोबाइल मार्केट में अधिक कैपेसिटी और कमजोर डिमांड जैसी चुनौतियां बढ़ी हैं। इस वजह से ऑटोमोबाइल कंपनियों के बीच प्राइस घटाने को लेकर कॉम्पिटिशन है। टेस्ला ने चीन में अपने EV के प्राइसेज पर काफी डिस्काउंट दिया है। इसे चीन की बड़ी EV मेकर BYD से कड़ा मुकाबला मिल रहा है। शाओमी के चीफ एग्जिक्यूटिव, Lei Jun ने बताया था कि कंपनी की महत्वाकांक्षा Porsche और Tesla की तुलना वाली कार बनाने की है।