यह मामला क्रिप्टो एक्सचेंज WazirX पर याचिकाकर्ता के एकाउंट से लगभग 3,522 XRP टोकन्स को कथित तौर पर बिना ऑथराइजेशन के ट्रांसफर करने से जुड़ा था
इससे क्रिप्टो मार्केट पर इनवेस्टर्स का विश्वास बढ़ सकता है
देश में पिछले कुछ वर्षों में क्रिप्टो का सेगमेंट तेजी से बढ़ा है। हालांकि, क्रिप्टोकरेंसीज के कानूनी दर्जे को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं होने से इस सेगमेंट से जुड़े ट्रेडर्स को मुश्किलों का भी सामना करना पड़ता है। इस समस्या का समाधान जल्द हो सकता है। मद्रास हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में क्रिप्टोकरेंसी को प्रॉपर्टी के तौर पर माना है।
जस्टिस N Anand Venkatesh ने Rhutikumari बनाम WazirX के मामले में अपने फैसले में कहा कि Bitcoin, Ethereum और XRP जैसे क्रिप्टो टोकन्स का मालिकाना हक हो सकता है और इन्हें ट्रांसफर किया जा सकता है। यह पहली बार है कि जब देश में किसी कोर्ट ने क्रिप्टोकरेंसी को प्रत्यक्ष तौर पर प्रॉपर्टी के एक प्रकार के तौर पर वर्गीकृत किया है। इससे ट्रेडर्स और इनवेस्टर्स को ट्रांजैक्शंस और विवाद के निपटारे के लिए एक कानूनी आधार मिलेगा। इस फैसले में कहा गया है कि क्रिप्टोकरेंसी एक कानूनी करेंसी नहीं है लेकिन इसमें मालिकाना हक, ट्रांसफर किए जाने और विश्वास में रखे जाने जैसे प्रॉपर्टी के गुण हैं।
यह मामला क्रिप्टो एक्सचेंज WazirX पर याचिकाकर्ता के एकाउंट से लगभग 3,522 XRP टोकन्स को कथित तौर पर बिना ऑथराइजेशन के ट्रांसफर करने से जुड़ा था। याचिकाकर्ता ने कोर्ट से क्रिप्टोकरेंसीज को प्रॉपर्टी के तौर पर मान्यता देने का निवेदन किया था जिससे उन्हें इसे रखने के लिए कानूनी संरक्षण मिल सके। मद्रास हाई कोर्ट ने इस मामले में एक अस्थायी आदेश जारी कर विवाद वाले क्रिप्टो टोकन्स को ट्रांसफर या किसी तरीके से बेचे जाने पर रोक लगाई है। इस फैसले से क्रिप्टोकरेंसी के मालिकाना हक को लेकर अधिकारों को स्वीकृति दी गई है। इससे इस सेगमेंट में फ्रॉड, गलत इस्तेमाल या एक्सचेंज के दिवालिया होने की स्थिति में कानूनी विकल्प का इस्तेमाल किया जा सकेगा।
इससे क्रिप्टो एक्सचेंजों को सामान्य फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस की तरह कड़े मापदंडों का पालन करने की जरूरत होगी। इससे क्रिप्टो मार्केट पर इनवेस्टर्स का विश्वास बढ़ सकता है। इस बारे में क्रिप्टो एक्सचेंज Mudrex के CEO, Edul Patel ने Gadgets 360 से कहा कि यह इनवेस्टर्स की सुरक्षा के लिए एक जीत है और इससे रेगुलेशन की जरूरत का भी संकेत मिला है। अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों में क्रिप्टो सेगमेंट को प्रॉपर्टी के तौर पर स्वीकार किया जाता है।
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