पिछले वर्ष के अंत में बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों में शामिल FTX के दिवालिया होने का मार्केट पर बड़ा असर पड़ा था। इससे बड़ी संख्या में इनवेस्टर्स ने क्रिप्टोकरेंसीज से दूरी बना ली थी
ट्रेडिंग इक्विटी, कमोडिटी डेरिवेटिव्स, करेंसी डेरिवेटिव्स, इक्विटी फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस और सिक्योरिटी लेंडिंग एंड बॉरोइंग (SLB) जैसे विभिन्न सेगमेंट्स में समान अवधि में होगी
पिछले वर्ष नवंबर में बिटकॉइन ने 67,000 डॉलर से अधिक का हाई बनाया था। इसके बाद से इसमें काफी गिरावट आई है। इसका प्राइस गिरने से इनवेस्टर्स के साथ ही इस सेगमेंट से जुड़ी फर्मों को भी बड़ा नुकसान हुआ है
रूस के सेंट्रल बैंक ने प्रतिबंधों के कारण डिजिटल रूबल के ट्रायल की स्पीड बढ़ाने का फैसला किया है। डिजिटल रूबल को 2024 में लॉन्च करने की योजना बनाई गई थी लेकिन अब इसे अगले वर्ष लॉन्च करने की तैयारी की जा रही है
अगर DOGE का प्राइस 0.06 डॉलर से नीचे जाता है तो यह मंदड़ियों के एक बार फिर से नियंत्रण करने की कोशिश का संकेत हो सकता है। इसके बाद इसकी बिक्री बढ़ सकती है और यह 0.04 डॉलर के सपोर्ट से भी नीचे हो सकता है
क्रिप्टो मार्केट पर अमेरिका के फेडरल रिजर्व और कुछ अन्य देशों के सेंट्रल बैंकों की ओर से इंटरेस्ट बढ़ाने का बड़ा असर पड़ा है। पिछले वर्ष मार्केट की तेजी से स्थिति काफी बदल गई है
stETH को लगभग दो वर्ष पहले डीसेंट्रलाइज्ड ऐप Lido Finance ने लॉन्च किया था और इसके बाद से यह DeFi पर लेंडिंग और बॉरोइंग के लिए एक लोकप्रिय कोलेट्रल एसेट बन गया है
PAXG की वैल्यू इस वर्ष लगभग 62.7 करोड़ डॉलर और Tether Gold की 20.9 करोड़ डॉलर से कुछ अधिक पर पहुंची है। इसकी तुलना में डॉलर से जुड़े सबसे बड़े Tether स्टेबलकॉइन का मार्केट कैपिटलाइजेशन 83 अरब डॉलर से अधिक है
Binance के एंप्लॉयीज में से 90 प्रतिशत को अपनी इनकम का एक हिस्सा BNB में मिलता है। इस क्रिप्टो फर्म ने हाल ही में फोर्ब्स में 20 करोड़ डॉलर (लगभग 1,520 करोड़ रुपये) का इनवेस्टमेंट किया है
पिछले साल, भारत सरकार ने चीन और भारत के बीच भू-राजनीतिक तनाव के चलते सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 69A के तहत 250 से अधिक ऐप्स और वेबसाइटों पर प्रतिबंध लगा दिया था।