केंद्र सरकार की योजना RBI की गारंटी वाली एक डिजिटल करेंसी को लॉन्च करने की है। इससे पेमेंट्स को तेज किया जा सकेगा
केंद्र सरकार ने क्रिप्टो एक्सचेंजों, कस्टोडियं, इंटरमीडियरी को सायबर सिक्योरिटी ऑडिट कराने का निर्देश भी दिया था
देश में पिछले कुछ वर्षों में क्रिप्टोकरेंसीज का मार्केट तेजी से बढ़ा है। हालांकि, केंद्र सरकार का क्रिप्टो सेगमेंट को लेकर सख्त रवैया है। कॉमर्स मिनिस्टर Piyush Goyal ने कहा है कि प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसीज को सरकार की ओर से सपोर्ट नहीं किया जाता क्योंकि इनके साथ एसेट की कोई वैल्यू नहीं जुड़ी होती। उन्होंने बताया कि क्रिप्टोकरेंसीज पर बैन नहीं लगाया गया है लेकिन अधिक टैक्स लगातार इनके इस्तेमाल को सीमित करने का प्रयास किया जा रहा है।
इससे पहले भी सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने क्रिप्टो सेगमेंट को लेकर आशंका जताई है। गोयल ने बताया कि सरकार की योजना RBI की गारंटी वाली एक डिजिटल करेंसी को लॉन्च करने की है। इससे पेमेंट्स को तेज किया जा सकेगा। कुछ देशों में सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) को पेश किया गया है। लगभग तीन वर्ष पहले RBI ने डिजिटल करेंसी का ट्रायल शुरू किया था। इस वर्ष मार्च तक इस डिजिटल करेंसी का सर्कुलेशन बढ़कर लगभग 1,016 करोड़ रुपये पर पहुंच गया था।
क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर गोयल के इस बयान को क्रिप्टो इंडस्ट्री के एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह रेगुलेटरी सख्ती बढ़ने का संकेत हो सकता है। India Blockchain Alliance के CEO, Raj Kapoor ने Decrypt को बताया कि इस घोषणा से CBDC को फिनटेक स्ट्रैटेजी का अहम हिस्सा बनाने को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता का संकेत मिल रहा है। उन्होंने कहा कि RBI की गारंटी वाली डिजिटल करेंसी का मुख्य उद्देश्य किसी एसेट की वैल्यू नहीं रखने वाली क्रिप्टोकरेंसीज से निपटना होगा।
इस सेगमेंट में फ्रॉड के मामले भी बढ़ रहे हैं। हाल ही में केंद्र सरकार ने सभी क्रिप्टो एक्सचेंजों, कस्टोडियंस और इंटरमीडियरीज को सायबर सिक्योरिटी ऑडिट कराने का निर्देश दिया था। वर्चुअल डिजिटल एसेट (VDA) सर्विस प्रोवाइडर्स को इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In) के साथ सम्बद्ध ऑडिटर्स को नियुक्त करना होगा। मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के तहत आने वाली नोडल एजेंसी, CERT-In को सायबरस्पेस की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई है। क्रिप्टो एक्सचेंजों को यह निर्देश फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (FIU-IND) ने दिया है। प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत कम्प्लायंस की निगरानी की जिम्मेदारी FIU-IND के पास है। FIU-IND के पास रजिस्टेशन कराने के लिए VDA सर्विस प्रोवाइडर्स को सायबर सिक्योरिटी ऑडिट कराने की जरूरत होगी।
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