ऐप के जरिए कैब सर्विसेज देने वाली Ola ने अपनी मैपिंग सर्विस बनाई है। इससे पहले यह Google Maps का इस्तेमाल कर रही थी। हाल ही में ओला ने Microsoft का Azure प्लेटफॉर्म छोड़ा था। देश में ओला की टक्कर Uber से होती है। कंपनी ने बताया है कि गूगल मैप्स की सर्विस छोड़ने से उसे वार्षिक 100 करोड़ रुपये की बचत होगी।
ओला के CEO, Bhavish Aggarwal ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में बताया, "पिछले महीने Azure को छोड़ने के बाद, हम गूगल मैप्स से पूरी तरह बाहर निकल गए हैं। हम इस पर लगभग 100 करोड़ रुपये खर्च करते थे। हमारी इन-हाउस ओला मैप्स सर्विस पर शिफ्ट होने से यह खर्च शून्य हो गया है।"
इसकी इलेक्ट्रिक व्हीकल यूनिट
Ola Electric ने अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर्स के लिए सॉलिड-स्टेट बैटरी डिवेलप करने का प्रयास तेज कर दिया है। अग्रवाल ने कहा कि अगले वर्ष की शुरुआत से कंपनी के इलेक्ट्रिक स्कूटर्स में ओला के अपने सेल्स का इस्तमाल किया जा सकता है। कंपनी तमिलनाडु में इसके लिए फैक्टरी लगा रही है। पिछले महीने ओला इलेक्ट्रिक की सेल्स वर्ष-दर-वर्ष आधार पर लगभग 107 प्रतिशत बढ़ी है। पिछले महीने कंपनी के इलेक्ट्रिक स्कूटर्स की 36,716 यूनिट्स का रजिस्ट्रेशन हुआ है। कंपनी का दावा है कि इस सेगमेंट में उसकी हिस्सेदारी लगभग 46 प्रतिशत की है।
मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ओला इलेक्ट्रिक की बिक्री लगभग 57 प्रतिशत बढ़ी है। इस कैलेंडर वर्ष की पहली छमाही में
कंपनी की सेल्स दो लाख यूनिट्स से अधिक की रही है। यह इस आंकड़े तक इतनी कम अवधि में पहुंचने वाली पहली इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर कंपनी है। पिछले महीने कंपनी ने अपने S1 X इलेक्ट्रिक स्कूटर को नए फीचर्स के साथ अपडेट किया था। इन फीचर्स में फाइंड माय स्कूटर और वैकेशन मोड शामिल हैं। इस इलेक्ट्रिक स्कूटर को सॉफ्टवेयर अपडेट के लिए सर्विस सेंटर पर नहीं ले जाना पड़ेगा। वैकेशन मोड कस्टमर के इलेक्ट्रिक स्कूटर का लंबी अवधि तक इस्तेमाल नहीं करने पर एक्टिवेट होता है। इसके अलावा S1 X राइड से जुड़े आंकड़े और बैटरी की स्थिति की भी जानकारी मिलेगी। S1 X को 2 kW, 3 kW और 4 kW की बैटरी के विकल्पों में उपलब्ध कराया गया है।