मंगल ग्रह पर दिखा हैरतअंगेज सूर्यास्त, NASA के Perseverance रोवर ने कैप्चर की इमेज

यह इमेज धरती पर होने वाले सूर्यास्त से बिल्कुल अलग है। इसके पीछे एक बड़ा कारण भी है। मंगल ग्रह की सूर्य से दूरी धरती की तुलना में अधिक है

मंगल ग्रह पर दिखा हैरतअंगेज सूर्यास्त, NASA के Perseverance रोवर ने कैप्चर की इमेज

Perseverance रोवर इस ग्रह के भूविज्ञान और पिछले क्लाइमेट के बारे में भी जानकारी जुटाएगा

ख़ास बातें
  • मंगल ग्रह की सूर्य से दूरी धरती की तुलना में अधिक है
  • इस पर सूर्य की रोशनी अधिक नहीं पड़ती
  • मंगल का वातावरण भी धरती से काफी अलग है
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अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के Perseverance रोवर ने मंगल ग्रह की बहुत सी हैरान करने वाली इमेज कैप्चर की हैं। इसी कड़ी में Perseverance ने मंगल ग्रह पर सूर्यास्त की एक हैरतअंगेज इमेज ली है। इसमें इस ग्रह के आसमान पर सूर्यास्त एक अनूठी नीली चमक के साथ दिख रहा है। 

साइंस अलर्ट पोर्टल के अनुसार, यह इमेज धरती पर होने वाले सूर्यास्त से बिल्कुल अलग है। इसके पीछे एक बड़ा कारण भी है। मंगल ग्रह की सूर्य से दूरी धरती की तुलना में अधिक है। इसका मतलब है कि इस पर सूर्य की रोशनी अधिक नहीं पड़ती। यह धरती की तुलना में आधे से भी कम होती है। मंगल का वातावरण भी धरती से काफी अलग है। इसका बड़ा हिस्सा कार्बन डाइऑक्साइड से बना है और इसमें नाइट्रोजन की मामूली मात्रा है। मंगल पर ऑक्सिजन की मौजूदगी बहुत ही कम है। NASA ने बताया है कि Perseverance के मिशन का मुख्य उद्देश्य एस्ट्रोबायोलॉजी है। इसमें माइक्रोबायल जीवन के संकेतों की खोज करना शामिल है। 

Perseverance रोवर इस ग्रह के भूविज्ञान और पिछले क्लाइमेट के बारे में भी जानकारी जुटाएगा। इससे मंगल ग्रह पर मानवीय मिशन के पहुंचने का रास्ता बन सकता है। यह इस ग्रह से चट्टान और धूल एकत्र करने वाला पहला मिशन होगा। NASA की योजना यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) के साथ मिलकर मंगल से इनके सील किए गए सैम्पल को धरती पर गहराई से विश्लेषण के लिए लाने की है। इसके लिए स्पेसक्राफ्ट को भेजा जाएगा। 

हाल ही में NASA के James Webb स्पेस टेलीस्कोप ने ब्रह्मांड में सबसे दूर मौजूद तारे की इमेज खींची थी। इसे 'Earendel' कहा जाता है। यह बिग बैंग के बाद पहले अरब वर्षों में मौजूद था। James Webb टेलीस्कोप ने इसे एक बहुत बड़े B - प्रकार के तारे के तौर पर दिखाया है। यह हमारे सूर्य से दोगुने से अधिक गर्म और लगभग 10 लाख गुना अधिक चमकीला है। NASA के अनुसार, सनराइज आर्क गैलेक्सी में मौजूद Earendel की खोज केवल टेक्नोलॉजी और ग्रेविटेशनल लेंसिंग कहे जाने वाले एक प्रभाव के जरिए प्रकृति की संयुक्त ताकत की वजह से की जा सकी है। James Webb टेलीस्कोप Earendel की होस्ट गैलेक्सी सनराइज आर्क में अन्य जानकारियों को देखने में भी सक्षम हुआ है। यह ब्रह्मांड के पहले अरब वर्षों में पहचानी गई सबसे बड़ी गैलेक्सी है। इसमें नए और पुराने दोनों प्रकार के तारे बनाने वाले रीजन हैं। 
 
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आकाश आनंद

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। उनके पास प्रमुख ...और भी

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