Mars

Mars - ख़बरें

  • मंगल पर कहां से आए रंगीन बादल! नासा की यह फोटो कर रही हैरान
    नासा के क्यूरियोसिटी रोवर ने मंगल ग्रह के आकाश में रंगीन बादलों की अद्भुत तस्वीरें भेजी हैं जिनमें लाल और हरे रंग की छटा देखी जा सकती है। ये बादल मंगल के वातावरण और जलवायु को समझने में मदद कर सकते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार ये इंद्रधनुषी बादल कार्बन डाइऑक्साइड की बर्फ से बने होते हैं और सूर्य की रोशनी के बिखरने के कारण चमकते हैं।
  • मंगल पर दिखी रहस्यमय बनावट! Elon Musk बोले- 'जांच के लिए मिशन भेजना चाहिए'
    Elon Musk ने मंगल पर एक खोजी अभियान भेजकर जांच करने की बात कही है। दरअसल नासा के मार्स ग्लोबल सर्वेयर (MGS) के मार्स ऑर्बिटर कैमरा (MOC) ने मंगल पर एक फोटो खींची थी जिसमें एक सटीक चौकोर आकृति दिखाई दे रही है। यह एक सटीक वर्ग जैसा दिखता है। Musk ने कहा है कि इसके बारे में सीधे जाकर खोज करनी चाहिए कि आखिर इस स्क्येअर शेप का रहस्य क्या है।
  • चंद्रमा पर वैक्‍यूम क्‍लीनर भेज रहे वैज्ञानिक, क्‍या काम करेगा? जानें
    अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने एक अभूतपूर्व तकनीक को दुनिया को दिखाया है। इसका नाम लूनार प्‍लैनेटवैक (Lunar PlanetVac (LPV) है। इससे वैज्ञानिकों के चंद्रमा और अन्य ग्रहों पर मिट्टी और चट्टान के सैंपल इकट्ठा करने और उन्‍हें स्‍टडी करने के तरीके में बदलाव आएगा। रिपोर्टों के अनुसार, इस तकनीक को हनीबी रोबोटिक्स ने डेवलप किया है।
  • मंगल ग्रह पर ‘एलियंस की खोज’ के लिए Nasa बना रही नया प्‍लान, पृथ्‍वी पर लाने होंगे सबूत
    साल 2021 से ही नासा का पर्सवेरेंस रोवर (Perseverance rover) मंगल ग्रह से चट्टानों और तलछटों के सैंपल इकट्ठा कर रहा है। हालांकि अभी तक नासा कन्‍फर्म नहीं है कि सैंपलों को कबतक पृथ्‍वी पर लाया जा सकेगा। पहले नासा चाहती थी कि इस दशक के आखिर तक सैंपलों को पृथ्‍वी पर ले आया जाए, पर अब उसमें देर होती हुई दिख रही है।
  • NASA के मार्स रिकॉनिसेंस ऑर्बिटर (MRO) को मंगल पर दिखा धूल में दबा यह स्पेसक्राफ्ट!
    NASA के मार्स रिकॉनिसेंस ऑर्बिटर ने रिटायर्ड स्पेसक्राफ्ट इनसाइट लैंडर (InSight lander) को देखा जो कि पूरी तरह से लाल ग्रह की धूल में ढका हुआ था। MRO के HiRISE कैमरा ने ये तस्वीरें ली हैं। तस्वीरें बताती हैं कि कैसे कुछ समय पहल मंगल पर एक्टिव रहा लैंडर अब ग्रह की सतह पर दब गया है। यह वैसी ही रेत और धूल है जो कि पूरे ग्रह पर भी दिखाई देती है।
  • मंगल ग्रह पर मरकर ‘जिंदा हुआ’ Nasa का Ingenuity हेलीकॉप्‍टर, जानें पूरा मामला
    पहली बार वैज्ञानिकों ने दूसरे ग्रह पर किसी हेलीकॉप्‍टर की जांच की है। Nasa JPL के Ingenuity मिशन मैनेजरों का कहना है कि हेलीकॉप्टर को लाल ग्रह (Red Planet) पर दूसरा जीवन मिल सकता है। वैज्ञानिकों ने कहा है कि हेलीकॉप्‍टर के बैटरी सेंसर काम कर रहे हैं और यह हेलीकॉप्‍टर अब एक तरह के मौसम स्टेशन (Weather Station) के रूप में काम करना जारी रखेगा।
  • मंगल की सतह पर 8.8 किलोमीटर नीचे छुपे हैं 'एलियन लाइफ' के निशान!
    वैज्ञानिकों ने मंगल पर जीवन के बारे में नया शोध किया है। कहा गया है कि मंगल के एक खास हिस्से पर सूक्ष्मों जीवों की प्रजाति कभी रही होगी। मंगल पर उत्तरी गोलार्ध पर Acidalia Planitia नामक एक मैदान है जो 3 हजार किलोमीटर चौड़ा है। इसके बारे में शोध कहता है कि यहां पर मिथेनोजंस के पनपने के लिए अनुकूल परिस्थितियां हो सकती हैं। मिथेनोजंस ऐसे बैक्टीरिया होते हैं जो मिथेन गैस बनाते हैं।
  • 4.1 अरब साल पहले मंगल पर था गर्म पानी! नई खोज में छुपा है 'मंगल पर जीवन' का राज?
    ऑस्ट्रेलिया के शोधकर्ताओं ने मंगल पर गर्म पानी के सबूत ढूंढने का दावा किया है। कहा जा रहा है कि लाल ग्रह यानी मंगल पर कभी जीवन हुआ करता होगा। स्टडी किए गए जर्कन के कण में जल-समृद्ध तरल पदार्थों के भू-रासायनिक निशान पाए गए हैं। इससे पता चलता है कि शुरुआती दौर में मंगल पर मैग्मेटिक एक्टिविटी के दौरान पानी मौजूद था।
  • चीनी रोवर ने मंगल ग्रह पर खोजे 3.42 अरब साल पुराने महासागर के सबूत
    कई शोधों में इस बात की तस्‍दीक हुई है कि मंगल ग्रह पर कभी महासागर हुआ करता था। नासा समेत यूरोपीय स्‍पेस एजेंसी ने इसके सबूत खोजे हैं। अब चीन के झुरोंग रोवर की मदद से वैज्ञानिकों ने नए सबूत जुटाए हैं। इनसे पता चलता है कि अरबों साल पहले मंगल ग्रह पर महासागर था। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, झुरोंग रोवर 2021 में मंगल के उत्तरी निचले इलाकों में उतरा था। उसके स्‍पेसक्राफ्ट ने ग्रह की परिक्रमा की थी।
  • मंगल से मिला 'एलियन सिग्नल' हो गया डीकोड! वैज्ञानिकों ने कही यह बड़ी बात, जानें
    मंगल से आए सिग्नल को वैज्ञानिकों को डीकोड कर लिया है। पाया गया कि इसमें मूवमेंट शामिल है जिसका मतलब है कि इसमें सेलुलर गठन या वहां पर जीवन के बारे में जानकारी हो सकती है। अभी सिर्फ एक क्रिप्टिक मैसेज खोला गया है, और वैज्ञानिक अब इसका सही अर्थ जानने की कोशिश करेंगे। मंगल पर जीवन की संभावना के बारे में यह मैसेज कोई बड़ा खुलासा कर सकता है।
  • NASA को मंगल पर सूर्य ग्रहण में दिखी यह किसकी आंख!
    Perseverance रोवर ने मंगल पर घूमते हुए आसमान में एक गजब नजारा देखा और उसे अपने कैमरा में कैद कर लिया। दरअसल मंगल पर उस समय आंशिक सूर्य ग्रहण घटित हो रहा था। इस दौरान मंगल का उपग्रह यानी चंद्रमा Phobos, सूर्य और मंगल के बीच में आ गया। जिससे कि उसने एक आंख की आकृति ले ली। नासा ने इसे Googly Eye नाम दिया।
  • Big Breaking : स्‍पेसएक्‍स ने रचा इतिहास, दुनिया के सबसे भारी रॉकेट का लॉन्‍च टेस्‍ट ‘कामयाब’, बूस्‍टर की सफल लैंडिंग
    अंतरिक्ष के क्षेत्र में रविवार को इतिहास रचा गया। एलन मस्‍क की स्‍पेस कंपनी स्‍पेसएक्‍स ने दुनिया के सबसे भारी रॉकेट स्‍टारशिप का पांचवीं बार परीक्षण किया। स्‍पेसएक्‍स को बड़ी कामयाबी मिली, क्‍योंकि रॉकेट का बूस्‍टर लॉन्‍च साइट पर वापस लौट आया। वहीं, अपर स्‍टेज भी तय समय पर स्‍पैलशडाउन के लिए हिंद महासागर में पहुंच गया। यह भविष्‍य में इंसान को मंगल ग्रह (Mars) तक ले जाने का रास्‍ता पुख्‍ता करेगा।
  • मंगल ग्रह पर 500 दिन तक रहेगा इंसान, Nasa ने फाइनल की तारीख! आप भी जानें
    अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा, मंगल ग्रह को लेकर कई मिशन प्‍लान कर रही है, जिसमें अंतरिक्ष यात्र‍ियों को मंगल ग्रह पर भेजना भी शामिल है। नासा साल 2035 तक इंसानों को मंगल पर भेजना है। यह सफर आसान नहीं होने वाला। सिर्फ एक तरफ का सफर यानी पृथ्‍वी से मंगल तक पहुंचने में 6 से 7 महीने लगेंगे और 40 करोड़ किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी। योजना है कि मंगल ग्रह की सतह पर एस्‍ट्रोनॉट 500 दिन रहें।
  • मंगल ग्रह पर दिखा ‘डरावना स्‍माइली’, स्‍पेस एजेंसी ने बताया तस्‍वीर का सच
    यूरोपीय स्‍पेस एजेंसी (ESA) ने मंगल ग्रह पर दिखी एक तस्‍वीर को शेयर किया है। यह एक डरावना स्‍माइली चेहरा है, जो असल में क्लोराइड नमक का भंडार है। इमेज को एक्सोमार्स ट्रेस गैस ऑर्बिटर (ExoMars Trace Gas Orbiter) ने कैप्‍चर किया। ईएसए ने बताया है कि मंगल ग्रह पर कभी नदियां, झीलों और शायद महासागरों की मौजूदगी थी। वहां मिले क्‍लोराइड नमक के भंडार से ग्रह के अतीत का पता लगाने में मदद मिल सकती है।
  • Elon Musk ने बता दी मंगल ग्रह पर जाने की तारीख! 2026 से उड़ान भरेगा स्‍टारशिप रॉकेट
    एलन मस्‍क का मानना है कि अगर सबकुछ प्‍लानिंग के हिसाब से हुआ तो स्टारशिप रॉकेट दो साल बाद मंगल ग्रह के लिए उड़ान भरना शुरू कर देगा। एक पोस्‍ट में उन्‍होंने कहा कि मंगल पर सेफ लैंडिंग से जुड़े परीक्षणों में एस्‍ट्रोनॉट्स को शामिल नहीं किया जाएगा। कामयाबी मिली तो क्रू म‍िशन को अगले चार साल में भेजा जा सकता है। मस्‍क ने उम्‍मीद जताई कि एक बार सफलता मिलने के बाद उड़ान भरने की दर तेज होगी।

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