Perseverance रोवर इस ग्रह के भूविज्ञान और पिछले क्लाइमेट के बारे में भी जानकारी जुटाएगा। इससे मंगल ग्रह पर मानवीय मिशन के पहुंचने का रास्ता बन सकता है। यह इस ग्रह से चट्टान और धूल एकत्र करने वाला पहला मिशन होगा
अंतरिक्ष यात्रियों के साथ देश के पहले स्पेस फ्लाइट मिशन गगनयान के प्रोपल्शन सिस्टम की पिछले महीने सफलतापूर्वक टेस्टिंग की गई थी। यह टेस्टिंग तमिलनाडु के महेन्द्रगिरि में ISRO के प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स में हुई थी
हिमालय में मिले खनिज तत्वों में कैल्शियम और मैगनीशियम कार्बोनेट पाए गए हैं। इससे वैज्ञानिकों को यह समझने में आसानी हो सकती है कि किस प्रकार के इवेंट्स की वजह से धरती के इतिहास में एक बड़ा ऑक्सिजेनेशन हुआ होगा
फुटे ने ग्लास सिलेंडर के अंदर पारा थर्मोमीटर रखे और पता लगाया कि जिस सिलेंडर में कार्बन डाइऑक्साइड थी, वह सूरज की रोशनी में सबसे ज्यादा गर्म हुआ। यानि कि जितनी ज्यादा कार्बन डाइऑक्साइड, उतनी ज्यादा गर्मी।
यह रंग ऊपरी समुद्र में बड़ी मात्रा में पौधों जैसे माइक्रोब्स में मौजूद हरे पिगमेंट क्लोरोफिल से आता है। इस वजह से वैज्ञानिक जलवायु परिवर्तन से निपटने की अपनी कोशिश में इसकी निगरानी करना चाहते हैं
रिपोर्ट कहती है कि मानव ने अपनी गतिविधियों के कारण 1800 से लेकर अब तक धरती का तापमान 1.14 डिग्री सेल्सियस बढ़ा दिया है। यह 0.2 डिग्री सेल्सियस प्रति दशक की दर से बढ़ रहा है।
दीमक जब खराब लकड़ी (dead wood) को खाता है तो इससे कार्बन डाइऑक्साइड और मिथेन जैसी गैसें निकलती हैं। ये गैसें वायुमंडल में इकट्ठा होकर धरती का तापमान बढ़ाने में सहायक बन रही हैं।
यह NASA और फ्रेंच नेशनल सेंटर फॉर स्पेस स्टडीज का ज्वाइंट मिशन है। इससे पानी के ऐसे स्रोतों की निगरानी भी हो सकेगी जो मौजूदा तरीकों से ट्रैक नहीं किए जा सकते