बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनियों में शामिल Tata Motors ने फ्यूल के तौर पर हाइड्रोजन का इस्तेमाल करने वाले ट्रकों का ट्रायल शुरू किया है। देश में अधिकतर ट्रक डीजल से चलते हैं। यह पॉल्यूशन का एक बड़ा कारण है। डीजल का इस्तेमाल घटने से देश के फ्यूल के इम्पोर्ट में भी कमी हो सकती है।
ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर Nitin Gadkari और
टाटा मोटर्स के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर (कमर्शियल व्हीकल्स), Girish Wagh ने अगले दो वर्षों तक रोड पर ट्रायल के लिए 16 हाइड्रोजन ट्रकों को रवाना किया। ये ट्रक फ्रेट के सबसे व्यस्त रूट्स में से कुछ पर चलेंगे। इनमें दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, पुणे और जमशेदपुर के रूट शामिल हैं। इस मौके पर गडकरी ने कहा, "हाइड्रोजन में इमिशन को घटाने और एनर्जी पर आत्मनिर्भरता को बढ़ाने के जरिए ट्रांसपोर्टेशन सेक्टर में बड़ा बदलाव लाने की क्षमता है। यह भविष्य का एक फ्यूल है। इससे हेवी-ड्यूटी ट्रकिंग में टिकाउ मोबिलिटी की रफ्तार बढ़ेगी और हम एक एफिशिएंट और कम कार्बन वाले भविष्य की ओर बढ़ेंगे।"
नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के तहत, टाटा मोटर्स ने मिनिस्ट्री ऑफ रिन्यूएबल एनर्जी से हाइड्रोजन ट्रकों के ट्रायल का टेंडर हासिल किया है। इन ट्रकों में एक इंटरनल कम्बश्चन इंजन के साथ ही फ्यूल सेल्स दिए गए हैं। इनकी रेंज लगभग 500 किलोमीटर की है। हाइड्रोजन से चलने वाले ट्रकों में एडवांस्ड ड्राइवर-असिस्ट सेफ्टी फीचर्स दिए गए हैं जिनसे ट्रायल की अवधि के दौरान ड्राइवर्स के लिए आसानी होगी। टाटा मोटर्स की हाइड्रोजन से चलने वाली 15 बसों का पहले से ट्रायल किया जा रहा है।
टाटा मोटर्स के वाघ का कहना है, "राष्ट्र निर्माण की लंबे समय से प्रतिबद्धता वाली कंपनी के तौर पर, हमने भारत की ग्रोथ और डिवेलपमेंट में योगदान देने वाले मोबिलिटी सॉल्यूशंस में इनोवेशन को जारी रखा है। हाइड्रोजन से चलने वाले ट्रकों के ट्रायल के साथ हमें स्वच्छ और लंबी दूरी के ट्रांसपोर्टेशन में इस विरासत को आगे बढ़ाने पर गर्व है।" इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) के मार्केट में भी टाटा मोटर्स का अग्रणी स्थान है। हाल ही में कंपनी की
EV यूनिट Tata.ev की मैन्युफैक्चरिंग दो लाख से ज्यादा यूनिट्स की हो गई थी। Tata.ev के पोर्टफोलियो में Punch EV, Tiago EV Tigor EV और Curvv EV शामिल हैं। कंपनी की योजना Harrier का EV वर्जन भी लाने की है।