Nasa Io Mission : अमेरिकी स्पेस एजेंसी का अंतरिक्ष यान 30 दिसंबर को हमारे सौर मंडल के एक ‘खतरनाक’ खगोलीय पिंड के करीब से गुजरा। इसने बृहस्पति ग्रह के चंद्रमा आईओ (Io) की तस्वीरें लीं, जहां सबसे ज्यादा सक्रिय ज्वालामुखी हैं।
दो साल पहले जब 29 नवंबर 2021 को जूनो 38वीं बार बृहस्पति के करीब पहुंचा, तो ग्रह पर दो तूफान मंडरा रहे थे। अब जाकर नासा ने इसकी हैरान करने वाली तस्वीर को शेयर किया है।
ज्युपिटर पर रेडिएशन अधिक होने के कारण स्पेसक्राफ्ट के साथ ही कैप्चर की गई इमेज पर भी असर पड़ता है। धरती की तुलना में ज्युपिटर पर पूर्ण ग्रहण अधिक होता है
नासा का जूनो मिशन सोलर सिस्टम के सबसे बड़े ग्रह पर मौसम और अन्य परिस्थितियों को समझने के लिए भेजा गया है। इसने ज्युपिटर के वातावरण में लगभग छह वर्ष पहले प्रवेश किया था और यह तब से ग्रह के निकट उड़ान भर रहा है
3 जूनो को न्यू यॉर्क समेत अमेरिका के कई और इलाकों से देखा जा सकेगा। खास यह है कि जब इसे देखा जाएगा, तब यह हमारे ग्रह से लगभग 120 मिलियन मील (193 मिलियन किलोमीटर) की दूरी पर होगा।
वैज्ञानिकों ने पाया है कि बृहस्पति ग्रह के गर्भ में धातु जैसे तत्व मौजूद हैं जिनका माप धरती के आकार से 11 से 30 गुना तक है। ये मेटल ग्रह के ठीक केंद्र के पास हैं।
तस्वीरें लेते समय तक, Juno अंतरिक्ष यान रंगीन बादलों के 2,050 मील (3,300 किलोमीटर) से थोड़ा ऊपर था, जो बृहस्पति के पास लगभग 131,000 मील प्रति घंटे (210,000 किलोमीटर प्रति घंटे) की स्पीड से ट्रैवल कर रहा था।