आसमान में होने वाली घटनाओं में दिलचस्पी रखने वाले लोगों के लिए आज बेहद खास मौका है। मंगल और बृहस्पति ग्रह के बीच मेन एस्टरॉयड बेल्ट में रहने वाला 3 जूनो (Juno) एस्टरॉयड आज या कल रात में देखा जा सकता है। यह मेन एस्टरॉयड बेल्ट में सबसे बड़े एस्टरॉयड्स में से एक है, जिसका अनुमानित व्यास लगभग 145 मील (233 किमी) है। 3 जूनो दसवां या ग्यारहवां सबसे बड़ा एस्टरॉयड माना जाता है।
स्पेसडॉटकॉम की
रिपोर्ट के अनुसार, 3 जूनो को न्यू यॉर्क समेत अमेरिका के कई और इलाकों से देखा जा सकेगा। खास यह है कि जब इसे देखा जाएगा, तब यह हमारे ग्रह से लगभग 120 मिलियन मील (193 मिलियन किलोमीटर) की दूरी पर होगा। जाहिर तौर पर इसे देखने के लिए उच्च क्षमता वाली दूरबीन की जरूरत होगी और यह मौका खासतौर पर खगोलविदों के लिए होगा।
इस एस्टरॉयड को जर्मन खगोलशास्त्री कार्ल हार्डिंग ने सितंबर 1804 में देखा था। 3 जूनो का आकार अनियमित है, जो इसे चांदी की तरह चमकीला बनाता है। यह अण्डाकार वृत्त में सूर्य की परिक्रमा करता है और पृथ्वी के मुकाबले 4.4 वर्षों में सूर्य का एक चक्कर लगा पाता है। यह एस्टरॉयड लगभग 40,000 मील प्रति घंटे (64,374 किलोमीटर प्रति घंटे) की औसत गति से यात्रा कर रहा है। यह स्पीड राइफल से चलाई गई गोली की स्पीड से लगभग 20 गुना ज्यादा है। खास यह भी है कि आज पृथ्वी और जूनो दोनों सूर्य के एक ही तरफ होंगे।
एस्टरॉयड को लघु ग्रह भी कहा जाता है। जैसे हमारे सौर मंडल के सभी ग्रह सूर्य का चक्कर लगाते हैं, उसी तरह एस्टरॉयड भी सूर्य की परिक्रमा करते हैं। लगभग 4.6 अरब साल पहले हमारे सौर मंडल के शुरुआती गठन से बचे हुए चट्टानी अवशेष हैं एस्टरॉयड। वैज्ञानिक अभी तक 11 लाख 13 हजार 527 एस्टरॉयड का पता लगा चुके हैं।
ज्यादातर एस्टरॉयड एक मुख्य एस्टरॉयड बेल्ट में पाए जाते हैं, जो मंगल और बृहस्पति ग्रह के बीच है। इनका साइज 10 मीटर से 530 किलोमीटर तक हो सकता है। अबतक खोजे गए सभी एस्टरॉयड का कुल द्रव्यमान पृथ्वी के चंद्रमा से कम है। कुछ एस्टरॉयड तो ऐसे भी हैं, जिनका अपना चंद्रमा है। कई के दो चंद्रमा भी हैं। वैज्ञानिकों ने डबल और ट्रिपल एस्टरॉयड सिस्टम की खोज भी की है, जिनमें ये चट्टानों एक-दूसरे के चारों ओर घूमती रहती हैं।