भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो (ISRO) का Spadex मिशन कामयाब हो गया। कई दिनों से देशवासी जिसका इंतजार कर रहे थे, वह गुड न्यूज गुरुवार सुबह आई। इसरो ने बताया कि उसने अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक दो स्पेसक्राफ्टों को आपस में जोड़ दिया है, जिसे स्पेस डॉकिंग कहा जाता है। ऐसा करने वाला भारत अब दुनिया का चौथा देश बन गया है। यह कामयाबी अबतक सिर्फ अमेरिका, रूस और चीन के नाम थी।
भारत की स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) ने एक बार फिर से अंतरिक्ष की दुनिया में कारनामा कर दिखाया है। इसरो ने स्पेस में लोबिया के बीजों को उगते दिखाया है। इसरो का कहना है कि केवल चार दिन में ही ये बीज माइक्रोग्रेविटी में अंकुरित हो गए। दरअसल यह संस्था के CROPS मिशन का हिस्सा है। भविष्य में दूसरे ग्रहों पर खेती की संभावनाओं को इसके जरिए तलाशा जा सकता है।
NASA के एडमिनिस्ट्रेटर Bill Nelson ने भारत के दौरे के दौरान बताया था कि अमेरिका और भारत की अगले वर्ष के अंत तक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर एक भारतीय एस्ट्रॉनॉट को भेजने की योजना है
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ISRO से 2035 तक भारतीय स्पेस स्टेशन बनाने और 2040 तक चंद्रमा पर एस्ट्रोनॉट्स को लैंड कराने का लक्ष्य रखने के लिए कहा है। हाल ही में ISRO ने चंद्रयान मिशन को सफलता से पूरा किया था
अंतरिक्ष यात्रियों के साथ देश के पहले स्पेस फ्लाइट मिशन गगनयान के प्रोपल्शन सिस्टम की पिछले महीने सफलतापूर्वक टेस्टिंग की गई थी। यह टेस्टिंग तमिलनाडु के महेन्द्रगिरि में ISRO के प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स में हुई थी
Chandrayaan 3 Successfully launched : इसरो (ISRO) ने अभी दोपहर 2.35 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से मून मिशन को लॉन्च किया।
इससे जुड़ी टेस्टिंग को बढ़ाया गया है। इसमें क्रू की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त ट्रायल मिशन शामिल हैं। इस तरह के दो मिशन इस वर्ष होंगे और इसके बाद अगले वर्ष की शुरुआत में मानवरहित मिशन हो सकता है
ISRO : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने इंडस्ट्री को भारी पेलोड को ऑर्बिट में ले जाने में सक्षम रीयूजेबल रॉकेट डेवलप करने में सहयोग देने का प्रस्ताव दिया है।
Mars Mission : मंगलयान को 5 नवंबर 2013 को लॉन्च किया गया था। इस मिशन में कुल 450 करोड़ रुपये खर्च हुए थे, जो ऐसे मिशनों के हिसाब से काफी कम थे। मंगल मिशन का बजट हॉलीवुड फिल्म ग्रैविटी (Gravity) से भी कम था।