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चाहता क्‍या है चीन? 6 दिन में 3 सैटेलाइट भेजे स्‍पेस में, इस साल 45 मिशन लॉन्‍च किए

चीन ने एनवायरनमेंटल मॉनिटरिंग सैटेलाइट को लॉन्‍च किया। इस सैटेलाइट को मुख्य रूप से आपदा राहत और पर्यावरण संरक्षण के लिए उपयोग किया जाएगा।

चाहता क्‍या है चीन? 6 दिन में 3 सैटेलाइट भेजे स्‍पेस में, इस साल 45 मिशन लॉन्‍च किए

गौरतलब है कि चीन अंतरिक्ष में अपना स्‍पेस स्‍टेशन भी बना रहा है। इस स्‍पेस स्‍टेशन के तीसरे और आखिरी मॉड्यूल को इस महीने के आखिर तक लॉन्‍च किया जा सकता है।

ख़ास बातें
  • S-SAR01 नाम के रडार सैटेलाइट को बुधवार को लॉन्‍च किया गया
  • चीन ने इसे एनवायरनमेंट सैटेलाइट बताया है
  • इस साल अबतक 45 मिशन लॉन्‍च कर चुका है चीन
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चीन बहुत तेजी से अपने अंतरिक्ष मिशनों को लॉन्‍च कर रहा है। इस बुधवार चीन ने एक और रॉकेट को अंतरिक्ष में भेजा। यह बीते एक सप्‍ताह में हुआ तीसरा लॉन्‍च था, जिसके जरिए चीन ने एनवायरनमेंटल मॉनिटरिंग सैटेलाइट को लॉन्‍च किया। रिपोर्टों के अनुसार, S-SAR01 नाम के रडार सैटेलाइट ने उत्तरी शांक्सी प्रांत के ताइयुआन सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से लॉन्ग मार्च 2C रॉकेट पर सवाल होकर अंतरिक्ष में उड़ान भरी। इस रडार सैटेलाइट का निकनेम हुआनजिंग -2E है। 

स्‍पेसडॉटकॉम ने सिन्हुआ के हवाले से रिपोर्ट किया है कि इस सैटेलाइट को मुख्य रूप से आपदा राहत और पर्यावरण संरक्षण के लिए उपयोग किया जाएगा। इसके अलावा जल, प्राकृतिक संसाधनों, एग्रीकल्‍चर और फॉरेस्‍ट्री में रिसोर्सेज की जांच में यह शामिल होगा। 

ध्‍यान देने वाली बात है कि यह चीन का इस साल का 45वां लॉन्‍च था। चीन ने सबसे ज्‍यादा लॉन्‍च साल 2021 में किए हैं। उसने 55 लॉन्‍च किए थे। हो सकता है यह रिकॉर्ड इस बार टूट जाए। चाइना नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक लॉन्च मिशन पूरी तरह से सफल रहा। बताया गया है कि इस सैटेलाइट का उपयोग मुख्‍य रूप से चीन की मिनिस्‍ट्री ऑफ इमरजेंसी मैनेजमेंट और मिनिस्‍ट्री ऑफ इकॉलजी एंड एनवायरनमेंट द्वारा किया जाएगा। इस मिशन से एक बात और सामने आई है। चीन की लॉन्‍ग मार्च रॉकेट सीरीज का यह 443वां लॉन्‍च था। पिछले एक हफ्ते में इस सीरीज के रॉकेट्स ने 3 लॉन्‍च किए हैं। 

गौरतलब है कि चीन अंतरिक्ष में अपना स्‍पेस स्‍टेशन भी बना रहा है। इस स्‍पेस स्‍टेशन के तीसरे और आखिरी मॉड्यूल को इस महीने के आखिर तक लॉन्‍च किया जा सकता है। इसके लिए मॉड्यूल में प्रोपलैंट (propellant) भर दिया गया है। इसका नाम मेंगटियन एक्‍सपेरिमेंट मॉड्यूल (Mengtian experiment module) है। इसे अगस्त में चीन के दक्षिणी द्वीप हैनान के वेनचांग स्पेसपोर्ट में पहुंचा दिया गया था। मॉड्यूल की असेंबली और टेस्टिंग का काम पूरा हो गया है। 

चीन की योजना तियांगोंग अंतरिक्ष स्टेशन पर कम से कम एक दशक तक टिके रहने की है। वह वहां कमर्शल मिशनों और पर्यटकों के लिए ऑर्बिटल फैसिलिटी शुरू करना चाहता है। कहा जाता है कि स्‍पेस स्‍टेशन का काम पूरा होने के बाद यह विजिटिंग कार्गो, चालक दल और डॉकिंग स्‍पेसक्राफ्ट के साथ इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन से लगभग 20 गुना बड़ा होगा। इसका वजन करीब 460 टन होगा। 
 

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प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

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