मिशन गगनयान (Gaganyaan) के तहत भारत अपनी पहली मानव अंतरिक्ष उड़ान पर काम कर रहा है। इससे जुड़ी एक अहम जानकारी सामने आई है। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया है कि भारत अगले साल तक इंसानों को अंतरिक्ष में भेज देगा। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जितेंद्र सिंह ने कहा कि अगले साल भारतीय मूल के एक या दो लोग अंतरिक्ष में जाएंगे। हाल में यह जानकारी सामने आई है कि अंतरिक्ष में देश के पहले ह्यूमन मिशन के पास खाने की एक बड़ी वैरायटी होगी। इसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) की मैसूर स्थित एक लेबोरेटरी में तैयार किया जा रहा है।
इंसानों को अंतरिक्ष में भेजने पर जो लेटेस्ट अपडेट आया है, उसमें कहा गया है कि इस साल के आखिर तक दो परीक्षण किए जाएंगे। पहला परीक्षण सिर्फ टेस्टिंग होगा इसमें मानव रहित यान को भेजा जाएगा, जबकि दूसरी बार में एक महिला रोबोट (अंतरिक्ष यात्री) को भेजा जाएगा। इसका नाम व्योमित्र है। ट्रायल के रिजल्ट को देखते हुए भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजे जाने पर फाइनल फैसला होगा।
सबकुछ ठीक रहा तो अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत अंतरिक्ष में इंसानों को भेजने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा और यह सब गगनयान मिशन के जरिए मुमकिन होगा। मीडिया रिपोर्टों में पहले ही बताया जा चुका है कि इस मिशन पर जाने वाले क्रू मेंबर्स के पास खाने के तमाम ऑप्शंस होंगे। छह अलग-अलग मेनू तैयार होने की बात सामने आई है। इनमें नाश्ते के लिए उपमा, पोहा, इडली जैसे हल्के आइटम शामिल होने की उम्मीद है। दोपहर के भोजन के लिए मीट और वेज बिरयानी का ऑप्शन होगा, जबकि रात के खाने में चपातियों, सब्जियों और मीट के साथ ग्रेवी वाले आइटम्स शामिल हो सकते हैं।
गगनयान मिशन का मकसद एक इंडियन लॉन्च व्हीकल पर इंसानों को पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजना है और उन्हें सुरक्षित पृथ्वी पर वापस लाना है। इस तरह देश स्पेस सेक्टर में अपनी क्षमता को प्रदर्शित करना चाहता है। देश के तीन बड़े संस्थान ISRO, DRDO और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड मिशन से जुड़ीं जिम्मेदारियां पूरी करने में जुटे हैं। कोविड-19 का असर इस प्रोजेक्ट पर भी हुआ है। इसे साल 2021 के लिए टार्गेट किया गया था, लेकिन अब यह तारीख आगे बढ़ गई है और अगले साल तक मिशन लॉन्च होने की उम्मीद जताई जा रही है।