दिल्ली के CM का कहना है कि इस समय देश में सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक बसें हैं। सरकार का लक्ष्य 2025 के अंत तक दिल्ली की सड़कों पर कुल 8,000 इलेक्ट्रिक बसें लाने का है। उस समय दिल्ली में 10,000 से अधिक बसें होंगी, जिनमें से 80% इलेक्ट्रिक होंगी।
ग्रीनसेल करीब 1,500 ई-बसों को महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान, उत्तराखंड, नई दिल्ली और मध्य प्रदेश में वितरित करने के लिए काम कर रही है।
कुछ महीने पहले सेना ने डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह को इलेक्ट्रिक व्हीकल्स से जुड़ा प्रेजेंटेशन दिया था। इसमें टाटा मोटर्स और रिवोल्ट मोटर जैसी कंपनियों ने अपने EV के बारे में जानकारी दी थी
NueGo के चुनिंदा शहरों में प्रीमियम लाउंज भी मौजूद हैं। इनमें कस्टमर्स की सहायता और लगेज को रखने की सर्विसेज के अलावा फूड और बेवरेज की भी पेशकश की जाती है
आईटी हब कहे जाने वाले बेंगलुरु में लगभग एक करोड़ व्हीकल्स हैं। इनमें से 29 लाख इस वर्ष मार्च तक 15 वर्ष या इससे पुराने हो चुके थे। ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट इस पॉलिसी को लागू करने से पहले राज्य मंत्रिमंडल के सामने इसे प्रस्तुत करेगा
अधिकारियों ने कहा कि यात्रियों को मोबाइल एप्लिकेशन के जरिए अपनी सीट बुक करनी होगी और उन्हें इस प्रीमियम सेवा के लिए पारंपरिक बसों की तुलना में अधिक किराया देना पड़ सकता है।
स्टेट ट्रांसपोर्ट प्लान का मेन मकसद जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल को कम करना है। जिसके इस्तेमाल में कमी आने पर शहर में प्रदूषण के स्तर में भी कमी आएगी और हवा की क्वालिटी भी बेहतर होगी।
ग्रीनसेल ई-मोबिलिटी-एस-ए-सर्विस (eMaaS) प्रदान करने के लिए एक प्लेटफॉर्म बना कर रहा है, जिसके लिए कंपनी शुरू में इलेक्ट्रिक बसों का इस्तेमाल कर रही है।