केंद्र सरकार ने देश के 169 शहरों में 10,000 इलेक्ट्रिक बसें उपलब्ध कराने की एक योजना को बुधवार को केंद्र सरकार ने मंजूरी दी है। इसके साथ ही इन बसों के लिए चार्जिंग का इंफ्रास्ट्रक्चर भी तैयार किया जाएगा। इन बसों को खरीदने पर 10 वर्षों में लगभग 580 अरब रुपये का खर्च होने का अनुमान है।
इस खर्च में से 200 अरब रुपये का इंतजाम पब्लिक-प्राइवेट के पार्टनरशिप मॉडल से होगा। हालांकि, यह पता नहीं चला है कि बाकी की रकम कहां से आएगी। सरकार की योजना अगले कुछ वर्षों में देश में 50,000 इलेक्ट्रिक बसें लाने की है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए राज्य सरकारों से उनकी
इलेक्ट्रिक बसों की जरूरत की जानकारी ली जा रही है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट में बड़ा बदलाव करने और एयर पॉल्यूशन पर लगाम लगाने के लिए सरकार इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ाना चाहती है।
पिछले वर्ष के अंत में देश की सबसे बड़ी कमर्शियल व्हीकल कंपनी Tata Motors की यूनिट टीएमएल सीवी मोबिलिटी सॉल्यूशंस लिमिटेड ने राजधानी में 1,500 इलेक्ट्रिक बसें चलाने के लिए दिल्ली परिवहन निगम (DTC) के साथ एग्रीमेंट किया था। इसके तहतटीएमएल सीवी मोबिलिटी सॉल्यूशंस लिमिटेड के पास 12 साल के लिए 12-मीटर लो-फ्लोर एसी इलेक्ट्रिक बसों की 1,500 यूनिट की सप्लाई और मेंटेनेंस की जिम्मेदारी होगी। इस वर्ष की शुरुआत में Pinnacle Industries की यूनिट EKA Mobility ने तीन राज्यों में 310 EKA9 इलेक्ट्रिक बस की सप्लाई का
टेंडर हासिल किया था। इन बसों का इस्तेमाल इंटरसिटी ट्रांसपोर्टेशन के लिए किया जाएगा। अरुणाचल प्रदेश, हरियाणा और केरल में EKA Mobility की ये इलेक्ट्रिक बसें 12 वर्षों के लिए इस्तेमाल होंगी। इससे लगभग 1.40 लाख टन कार्बन इमिशन में कमी होने का अनुमान है। इस इलेक्ट्रिक बस में 32 यात्री बैठ सकते हैं। इसमें ऑटो ड्राइव, पावर स्टीयरिंग, बैक्टीरियल फिल्टरेशन सिस्टम और एयर कंडीशनिंग जैसे फीचर्स हैं। सेफ्टी के लिए इसमें कैमरा और इमरजेंसी स्टॉप बटन दिए गए हैं।
इस इलेक्ट्रिक बस में 200 KW के आउटपुट के साथ परमानेंट मैग्नेट सिंक्रोनस मोटर है, जिसका अधिकतम टॉर्क 2,500 Nm का है। यह सिंगल चार्ज में 200 किलोमीटर तक रेंज देती है। इसकी टॉप स्पीड 80 kmph की है। EKA Mobility ने हाइड्रोजन फ्यूल पर चलने वाली एक बस भी डिवेलप की है। कंपनी का कहना है कि इसका डिजाइन देश की सड़कों की स्थितियों के अनुसार बनाया गया है।