भारत में वाहनों के इलेक्ट्रिफिकेशन का काम तेजी से हो रहा है। राज्य सरकारों से लेकर केंद्र तक, सभी अपनी-अपनी स्कीम जारी कर OEMs से लेकर ग्राहकों तक, सभी को विभिन्न बेनिफिट्स की पेशकश कर रहे हैं, जिससे इस स्पेस को बढ़ावा मिले। केवल इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर या फोर-व्हीलर्स ही नहीं, अब देश में इलेक्ट्रिक बसे भी तेजी से बढ़ रही हैं। प्राइवेट के साथ-साथ सरकारी बसों के बेड़े में भी इलेक्ट्रिफिकेशन का काम चालू है। अब, मुंबई स्थित ग्रीनसेल मोबिलिटी ने भी इस ओर कदम बढ़ाते हुए राष्ट्रीय ई-बस कार्यक्रम के तहत CESL द्वारा मंगाई गई निविदा के तहत दिल्ली सरकार को 570 इलेक्ट्रिक बसें देने का ठेका हासिल किया है।
TOI के
अनुसार, CESL का टेंडर देश में सबसे बड़ा है और इसके लिए ग्रॉस कॉस्ट कॉन्ट्रैक्टिंग (GCC) के तहत 6,465 ई-बसों की आवश्यकता है। ग्रीनसेल मोबिलिटी ने टेंडर में 1,900
लो-फ्लोर ई-बसों के लिए बोली लगाई थी और 570 यूनिट्स के लिए ठेका जीता था।
रिपोर्ट बताती है कि अगले दो वर्षों में ग्रीनसेल द्वारा 570 ई-बसों की आपूर्ति की जाएगी। अनुबंध ने ईवी निर्माता के पोर्टफोलियो में 60 प्रतिशत से अधिक का विस्तार किया है। ग्रीनसेल करीब
1,500 ई-बसों को महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान, उत्तराखंड, नई दिल्ली और मध्य प्रदेश में वितरित करने के लिए काम कर रही है। इस ऑर्डर बुक में से 23 शहरों में 700 से अधिक
ई-बसें चल रही हैं।
रिपोर्ट आगे कहती है कि इस उपलक्ष्य में, ग्रीनसेल मोबिलिटी के सीओओ और वित्त निदेशक सुमित मित्तल ने कहा, (अनुवादित) “हमें इस टेंडर के विजेताओं में शामिल होने की खुशी है, जो अगले कुछ दिनों में भारतीय सड़कों पर अगले कुछ वर्षों में 50,000 ई-बसों को तैनात करने के भारत सरकार के बड़े लक्ष्य का हिस्सा है। ग्रीनसेल मोबिलिटी हमेशा असाधारण गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों पर खरी उतरी है और इसे इस अधिदेश के लिए बढ़ाया जाएगा।"