पिछले कुछ वर्षों में सायबरक्राइम और फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़े हैं। इस समस्या पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से कुछ उपाय भी किए गए हैं। इसी कड़ी में टेलीकॉम डिपार्टमेंट (DoT) ने 85 लाख से अधिक मोबाइल कनेक्शंस काट दिए हैं। इनमें 78 लाख से अधिक ऐसे मोबाइल कनेक्शंस थे जो जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल कर लिए गए थे।
इसके अलावा छह लाख से अधिक मोबाइल कनेक्शंस सायबरक्राइम से जुड़े थे। हाल ही में
DoT ने टेलीकॉम सेक्टर में सिक्योरिटी को बढ़ाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर बेस्ड एक टूल को लागू किया था। इस टूल पर किए गए एनालिसिस के बाद ये मोबाइल कनेक्शंस काटे गए हैं। मोबाइल कनेक्शंस जारी करने के लिए नो युअर कस्टमर (KYC) फ्रेमवर्क को भी DoT ने मजबूत किया है और टेलीकॉम कंपनियों के लिए इस बारे में नई गाइडलाइंस पेश की गई हैं। इन गाइडलाइंस के तहत, टेलीकॉम कंपनियों को सभी प्वाइंट ऑफ सेल (PoS) का कड़ा वेरिफिकेशन करना होगा।
टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) का मैसेज ट्रेसेबिलिटी कहा जाने वाला नया रूल भी 11 दिसंबर से लागू हो गया है। इस रूल से स्पैम मैसेज को घटाने में सहायता मिलेगी। इस रूल को 1 दिसंबर से लागू किया जाना था लेकिन टेलीकॉम कंपनियों के निवेदन पर इसे टाला गया था। हालांकि, इसके लिए वास्तविक समयसीमा 31 अक्टूबर की थी।
नए सिस्टम से मैसेज भेजने वाले व्यक्ति से लेकर इसकी डिलीवरी तक को ट्रैक किया जा सकेगा। इससे मैसेज भेजने में टेलीमार्केटर्स और अन्य पार्टीज के शामिल होने का पता लग सकेगा। TRAI ने बताया है कि इस रूल से वन-टाइम पासवर्ड (OTP) जैसे महत्वपूर्ण मैसेज को प्राप्त करने में देरी नहीं होगी। OTP का इस्तेमाल बैंकिंग और अन्य सर्विसेज के लिए किया जाता है। नए सिस्टम में ऐसे प्रमोशनल और स्पैम मैसेज को ब्लॉक किया जाएगा जो रजिस्टर्ड फर्मों ने नहीं भेजे हैं। इसके लिए 27,000 से अधिक फर्मों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। बड़ी टेलीकॉम कंपनियों में शामिल
Bharti Airtel ने इस सप्ताह की शुरुआत में बताया था कि उसके नेटवर्क पर 8 अरब से ज्यादा स्पैम कॉल्स की चेतावनी दी गई है। कंपनी ने लगभग ढाई महीने पहले स्पैम कॉल्स और मैसेज की समस्या से निपटने के लिए ( AI) से जुड़ा सॉल्यूशन लॉन्च किया था। इसके बाद से कंपनी के सब्सक्राइबर्स और स्पैम कॉल्स और मैसेज आने पर चेतावनी दी जाती है।