समुद्री जीवों के बारे में अक्सर नई जानकारियां मिलती हैं। इनमें से कुछ हैरान करने वाली होती हैं। मैरीन साइंटिस्ट्स ने प्रशांत महासागर की बहुत गहराई में मछली की एक दुर्लभ प्रजाति खोजी है। यह अभी तक की सबसे गहरे पानी में पाई गई मछली है। यह समुद्र के तल पर 8,336 मीटर की गहराई पर कैमरे में कैद हुई है। इसकी इमेज एक ऑटोनॉमस व्हीकल पर लगे कैमरे से ली गई है जो बहुत कम लाइट का इस्तेमाल करता है।
NBC News के अनुसार, इस
मछली की पहचान Pseudoliparis के तौर पर की गई है, जो एक प्रकार की स्नेलफिश है। यह एक बड़े टैडपोल की तरह लगती है। यह खोज महत्वपूर्ण है क्योंकि जहाज 80 मेगापास्कल के प्रेशर पर ऑपरेट कर रहा था, जो समुद्र की सतहह के प्रेशर से लगभग 800 गुना है। इस मछली को ऑस्ट्रेलिया और जापान के संयुक्त साइंटिफिक मिशन की दो महीने की यात्रा के दौरान जापान के दक्षिण में इजु ओगास्वारा ट्रेंच में पाई गई है। यह मिशन गहरे समुद्र में मछलियों की जनसंख्या की एक दशक पुरानी स्टडी का हिस्सा था। यह स्टडी यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया और टोक्यो यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी की ओर से हो रही है।
Minderoo-UWA डीप सी रिसर्च सेंटर के डायरेक्टर, Alan Jamieson ने बताया, "हमने डीप सी में स्नेलफील पर रिसर्च करने में 15 वर्ष से अधिक लगाए हैं। इनका इतनी गहराई पर भी मौजूद होना वास्तव में हैरान करता है।" इससे पहले सबसे गहरे पानी में मछली 8,178 मीटर पर Mariana Trench में पाई गई थी। स्नेलफिश की 300 से अधिक प्रजातियां हैं। इनमें से अधिकतर नदियों के कम गहरे पानी में पाई जाती हैं।
पिछले वर्ष अमेरिकी स्पेस एजेंसी
Nasa की एक सैटेलाइट इमेज में तीनों झीलों को एक साथ दिखाया गया था। इनमें से एक झील हरे रंग, एक गहरे नीले रंग की और एक झील पीले रंग की दिखाई देती है। ऐसा लगता है जैसे इनके पानी में किसी ने रंग घोल दिया हो। ये झीलें इथियोपिया की ग्रेट रिफ्ट वैली Lake Shala, Lake Abijatta और Lake Langano हैं। इनमें से शाला लेक का पानी गहरे नीले रंग का दिखाई देता है। अबिजट्टा झील के पानी का रंग हरा है, जबकि लैंगानो झील को पीले रंग के पानी के साथ देखा जा सकता है।