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Science - ख़बरें

  • James Webb टेलीस्कोप की बड़ी खोज, यंग स्टार सिस्टम में मिला जमा हुआ पानी
    Science Alert में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, यह स्टार सिस्टम केवल 2.3 करोड़ वर्ष पुराना है, जो लगभग 4.6 अरब वर्ष पुराने सोलर सिस्टम की तुलना में काफी युवा है। यह स्टार सिस्टम अभी अपने शुरुआती दौर में है। अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के James Webb Telescope ने जमे हुए पानी के साथ ही पारदर्शी पानी वाली बर्फ को भी खोजा है।
  • Elon Musk की Starship का रॉकेट समुद्र में क्रैश, वीडियो में कैद हुए आखिरी पल
    हाल ही में SpaceX के Starship-Super Heavy रॉकेट का नौवां टेस्ट फ्लाइट एक बार फिर असफल रहा और इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि रॉकेट लॉन्च के बाद कुछ समय तक सफलतापूर्वक उड़ान भरता है, लेकिन फिर अचानक कंट्रोल खो देता है और समुद्र में गिरते हुए विस्फोट हो जाता है। यह दृश्य लोगों को हैरान कर देता है और कई लोगों ने इसे अपने कैमरों में कैद कर सोशल मीडिया पर शेयर भी किया।
  • क्या मच्छर आपको भी ज्यादा काटते हैं? वैज्ञानिकों ने पता लगा ली वजह
    सुनने में आता है कि कुछ लोगों को मच्छर औरों की अपेक्षा कहीं ज्यादा काटते हैं। ऐसा क्यों होता है? वैज्ञानिकों ने इस सवाल का जवाब ढूंढ निकाला है। रॉकफेलर यूनिवर्सिटी की रिसर्च में पाया गया है कि कुछ लोगों की त्वचा के ऊपर एक खास तरह के एसिड का लेवल ज्यादा पाया जाता है जो कि मच्छरों को उनकी तरफ ज्यादा आकर्षित करता है।
  • 400km ऊपर अंतरिक्ष में चीनी वैज्ञानिकों को मिला यह रहस्यमय सूक्ष्म जीव!
    चीन के वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष में एक नए बैक्टीरिया के बारे में पता चला है। तियांगोंग स्पेस स्टेशन पर वैज्ञानिकों ने बैक्टीरिया की इस नई प्रजाति को खोजा है। नए बैक्टीरिया स्ट्रेन को Niallia tiangongensis नाम दिया गया है। यह स्ट्रेन शेनझोउ 15 मिशन के दौरान तियांगोंग की सतहों से एकत्र किए गए सूक्ष्मजीव नमूनों में पाया गया था, जो जून 2023 में पृथ्वी पर वापस आया था।
  • अंटार्कटिका में बर्फ के नीचे दबे हैं 50 करोड़ साल पुराने पर्वत!
    नई स्टडी कहती है कि अंटार्कटिका में सैकडों मीटर मोटी बर्फ के नीचे नुकीले पहाड़, घाटियां मौजूद हैं! इनमें गम्बुर्त्सेव उपहिमनद पर्वतों जैसे कुछ ऐसे रहस्यमयी पहाड़ भी हैं। ये पर्वत ऊंचाई और शेप में यूरोप के एल्प्स पर्वतों के जैसे हैं इनको देख नहीं सकते हैं क्योंकि ये किलोमीटर मोटी बर्फ की चादर के नीचे दबे पड़े हैं। यह पर्वतमाला 50 करोड़ साल पहले सुपरमहाद्वीप गोंडवाना टेक्टोनिक प्लेटों के टकराने से बनी थी।
  • ISRO EOS-09 Launch: दुश्मन पर पैनी नजर रखने वाला जासूसी सैटेलाइट EOS-09 लॉन्च
    ISRO ने नए जासूसी सैटेलाइट EOS-09 को आज सुबह 5:59 बजे अंतरिक्ष में लॉन्च कर दिया। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान सी-61 (PSLV-C61) इस सैटेलाइट के साथ अंतरिक्ष के सफर पर रवाना हुआ। इसरो का यह 101वां मिशन है। हालांकि खबर लिखे जाने तक ISRO की ओर से बताया गया कि 2nd स्टेज तक मिशन में सबकुछ सही था लेकिन 3rd स्टेज में यह फेल हो गया।
  • डूब रहे हैं ये 28 बड़े शहर! सैटेलाइट स्टडी में खुलासा
    शोधकर्ताओं ने एक नई स्टडी जारी की है जो कहती है कि अमेरिका के 28 सबसे घनी आबादी वाले शहर लगातार पानी में समाते जा रहे हैं। इन शहरों में न्यूयॉर्क सिटी, शिकागो, डालास, और डेनवर जैसे नाम भी शामिल हैं। ये शहर प्रतिवर्ष 2mm से 10mm या, 0.08 इंच से 0.4 इंच की दर से डूबने की ओर बढ़ रहे हैं। स्टडी के लिए हाई रिजॉल्यूशन रडार माप का इस्तेमाल किया गया।
  • क्या पृथ्वी पर इस दिन खत्म हो जाएगा जीवन? वैज्ञानिकों ने वजह भी बताई
    वैज्ञानिकों ने पृथ्वी के लिए ऐसी भविष्यवाणी की है जो डराने वाली है। वैज्ञानिकों ने वो समय बता दिया है जब पृथ्वी पर जीवन खत्म हो जाएगा। वैज्ञानिकों ने सुपरकंप्युटर सिमुलेशन का इस्तेमाल किया और बताया कि एक दिन पृथ्वी पर जिंदा रहना असंभव हो जाएगा। स्टडी कहती है कि एक दिन पृथ्वी की जीवनदायनी गैस ऑक्सीजन पूरी तरह से खत्म हो जाएगी। यह घटना करीबन 1 अरब वर्ष बाद घटित हो चुकी होगी।
  • मोटापा कम करने में 'म्यूजिक' करेगा मदद! कैसे? वैज्ञानिकों ने बताया
    ध्वनिक ध्वनि तरंगे (acoustic sound waves) मोटापे को कम करने में मदद कर सकती हैं! नई स्टडी में कहा गया है कि ध्वनिक ध्वनि तरंगे हमारी कोशिकाओं के बर्ताव को बदल सकती हैं, जिससे कि इन्हें शरीर में फैट बनाने से रोकने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। शोधकर्ताओं ने एक सिस्टम डिजाइन किया है जो कि संवर्धित कोशिकाओं को ध्वनिक तरंगों में स्नान करवाने की बात कहता है।
  • 1 लाख से ज्यादा पहाड़ दबे हैं समुद्र में! NASA का नया खुलासा
    वैज्ञानिकों ने समुद्र के तल का हाई रिजॉल्यूशन मैप तैयार किया है जो दिखाता है कि समुद्र के नीचे हजारों-लाखों चट्टानें मौजूद हैं। और हैरानी की बात यह है कि ये वे चट्टानें जो अब से पहले कभी रिकॉर्ड में नहीं आईं। अब सैटेलाइट मैपिंग की मदद से इन्हें पहचान पाना बहुत आसान हो गया है। समुद्र के नीचे मौजूद पर्वतों की संख्या अब 44 हजार से बढ़कर 1 लाख हो गई है।
  • इस वर्ष के अंत तक गगनयान का ट्रायल शुरू करेगा ISRO
    भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है। इससे पहले यह ट्रायल मिशन पिछले वर्ष के अंत में और इस वर्ष मार्च में किया जाना था। ISRO के चेयरमैन, V Narayanan ने बताया कि इस वर्ष अक्टूबर से तीन बिना क्रू वाले स्पेस मिशंस का ट्रायल किया जाएगा। इसके बाद दो क्रू वाले ट्रायल मिशन होंगे। एक ऑर्बिटल स्पेस फ्लाइट में देश के पहले एस्ट्रोनॉट 2027 में उड़ान भरेंगे।
  • 66km प्रतिसेकंड की रफ्तार से आसमान से गिरेंगी उल्काएं! आज ऐसे देखें यह अद्भुत नजारा
    Eta Aquarid Meteor Shower 2025: अंतरिक्ष प्रेमियों के लिए आज एक खास घटना आसमान में दिखाई देने वाली है। आज यानी 6 मई, 2025 को अंतरिक्ष में टूटते तारों की बारिश होने वाली है जिसे एटा एक्वारिड (Eta Aquarid) उल्का बारिश कहा जाता है। यह उल्का बारिश 28 मई तक भी देख पाएंगे। आज इसे देखने के लिए सबसे उपयुक्त समय होगा रात को 2 बजे के करीब।
  • बृहस्पति पर चलते हैं ऑस्ट्रेलिया के साइज से भी बड़े चक्रवात! Juno स्पेसक्राफ्ट की नई खोज
    NASA का जूनो (Juno) स्पेसक्राफ्ट लगातार जुपिटर के बारे में खोजबीन कर रहा है। स्पेसक्राफ्ट ने नई खोजें वैज्ञानिकों के पास भेजी हैं। रेडियो सिग्नल, माइक्रोवेव सेंसर, और इंफ्रारेड इमेजिंग के माध्यम से जुपिटर का यह छुपा हुआ चेहरा वैज्ञानिकों के सामने आया है। यह ग्रह ऑस्ट्रेलिया से भी बड़े विशाल ध्रुवीय चक्रवातों का घर है, यहां भयंकर जेट धाराएं बहती हैं। चंद्रमा Io पर अभी भी मैग्मा मौजूद है।
  • 7200 सैटेलाइट्स में SpaceX ने जोड़े 28 और नए! ग्लोबल ब्रॉडबैंड नेटवर्क में कंपनी की एक और छलांग ...
    SpaceX कंपनी Starlink सैटेलाइट इंटरनेट सर्विसेज उपलब्ध करवाती है जिसे कंपनी लगातार एक्सपेंड कर रही है। इसके सैटेलाइट्स की संख्या लगातार बढ़ रही है। कंपनी ने गुरूवार को स्टारलिंक सैटेलाइट के तारामंडल में 28 नए मेंबर जोड़ दिए। कंपनी के 7200 सैटेलाइट्स पहले से ही Starlink सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस उपलब्ध करवाने के लिए पृथ्वी की निचली कक्षा में तैनात हैं। सैटेलाइट इंटरनेट पृथ्वी के दुर्गम हिस्सों में भी पहुंच सकता है।
  • एस्टरॉयड, धूमकेतु की टक्कर से ऐसा हो जाएगा धरती का हाल ...
    हाल ही में हुईं कुछ स्टडीज से पता चला है कि धूमकेतुओं के टकराने से पृथ्वी के वायुमंडल पर व्यापक प्रभाव पड़ सकता है। ये ग्रहों के वातावरण को प्रभावित कर सकते हैं, विशेष रूप से वे ग्रह जो एम-ड्वार्फ तारों की परिक्रमा करते हैं। इन नतीजों ने न केवल ग्रहों के निर्माण की समझ को बढ़ाया है, बल्कि सुदूर रहने योग्य दुनिया की पहचान करने की उम्मीद भी जगाई है।

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