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Science - ख़बरें

  • हवा में उड़ने वाली पतंग से पैदा होगी बिजली, चीन ने कर दिया अनोखा कारनामा
    चीन ने पतंग का सफलतापूर्वक उड़ान का परीक्षण पूरा कर लिया गया जो कि हाई एल्टीट्यूड विंड एनर्जी टेक्नोलॉजी में एक बड़ा कदम है। इस पतंग का साइज 5,000 वर्ग मीटर (53,800 वर्ग फुट) है जो कि चीन की पहली राष्ट्रीय अनुसंधान एवं विकास परियोजना का हिस्सा है। एक हीलियम गैस वाले गुब्बारे ने बड़ी पतंग को जमीन से करीब 300 मीटर ऊपर उठाया। हवा में उड़ने के बाद पतंग पूरी तरह खुल गई और जमीन पर मौजूद जनरेटर से जुड़े ट्रैक्शन केबलों को खींच लिया, जिससे विंड एनर्जी पावर में बदल गई।
  • गगनयान मिशन में हुई बड़ी प्रगति, ISRO ने किया क्रू मॉड्यूल के लिए पैराशूट टेस्ट
    ISRO ने यह टेस्ट उत्तर प्रदेश में झांसी की बबीना फील्ड फायरिंग रेंज में किया है। इसमें भारतीय वायु सेना के IL-76 एयरक्राफ्ट से 2.5 किलोमीटर की ऊंचाई से लगभग 2.5 टन के क्रू मॉड्यूल को गिराया था। क्रू मॉड्यूल के नीचे उतरने पर पैराशूट सिस्टम बिना किसी मुश्किल के खुला जिससे इसकी वास्तविक मिशन के दौरान अत्यधिक मुश्किल स्थिति को संभालने में इसकी क्षमता साबित हो गई है।
  • Solar Eclipse 2026: दिन में छाएगा घनघोर अंधेरा! अगले साल इस दिन लगेगा पूर्ण सूर्य ग्रहण, नोट कर लें टाइम
    2026 का पहला सूर्य ग्रहण 17 फरवरी को लगने वाला है। पूर्ण सूर्य ग्रहण 12 अगस्त 2026 को लगने वाला है। इसका अद्भुत नजारा दुनिया के कई हिस्सों में दिखने वाला है। आर्कटिक महासागर, ग्रीनलैंड, आइसलैंड और उत्तरी स्पेन से होकर यह गुजरेगा। अद्भुत नजारे को देखने दुनिया भर के कई हिस्सों में लोग खासतौर पर इकट्ठा होते हैं। इसका इतिहास काफी पुराना है। 2024 में नॉर्थ अमेरिका में इसी तरह के नजारे को देखने के आयोजनों में 3 लाख से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया था।
  • पृथ्वी के बाहर इस ग्रह के चांद पर जीवन की सबसे ज्यादा आस!
    शनि के बर्फीले चंद्रमा एन्सिलेडस पर जीवन पनपने की संभावना को वैज्ञानिकों ने प्रबल होने का दावा किया है। वजह है इसके उत्तरी ध्रुव से निकलती गर्मी। कहा गया है कि जमे हुए चंद्रमा के नॉर्थ पोल से निकलने वाली गर्मी की खोज से एक बड़ा संकेत मिलता है। वह यह कि भूगर्भीय समय-सीमा में इसका महासागर स्थिर है, जिससे वहां जीवन विकसित होने का समय मिलता है।
  • Beaver Moon: 5 नवंबर को आसमान में खिलेगा 'बीवर मून', क्यों खास है चांद का यह रूप, जानें
    अंतरिक्ष में पृथ्वी का सबसे नजदीकी साथी 5 नवंबर को कहीं ज्यादा बड़ा और नजदीक दिखाई देने वाला है। यह 2025 का सबसे नजदीकी सुपरमून होने वाला है। इसे बीवर मून भी कहते हैं। नवंबर में उत्तरी अमेरिका में बीवर यानी ऊदबिलाव आने वाले ठंडे महीनों के लिए अपने बिल तैयार करते हैं। इस समय वे अपने लिए खाना इकट्ठा करते हैं और उसे अपने बिलों में भर लेते हैं। बीवर के लिए भोजन इकट्ठा करने का यह आखिरी मौका होता है। इसलिए बीवर मून का वहां खास महत्व हो जाता है।
  • बोतल में बंद हो रहा है 'सूरज', AI से होगा कंट्रोल, NVIDIA के इस प्रोजेक्ट ने उड़ा डाले होश!
    Fusion Energy, यानी वो तकनीक जिससे सूरज में एनर्जी या गर्मी लगातार बनी रहती है। इस एनर्जी को हासिल करना इंसानों के लिए हमेशा से सबसे बड़ा सपना रहा है। अगर इस एनर्जी को धरती पर कंट्रोल किया जा सके तो हमें लगभग अनलिमिटेड, साफ-सुथरी और सस्ती बिजली मिल सकती है। लेकिन ऐसा करना बेहद मुश्किल है क्योंकि फ्यूजन में प्लाज्मा नाम की चीज को सैकड़ों मिलियन डिग्री तापमान पर स्थिर रखना पड़ता है। हालांकि, NVIDIA और General Atomic कुछ अन्य अमेरिकी रिसर्च टीम्स के साथ मिलकर इस दिशा में काफी आगे बढ़ चुके हैं।
  • ISRO की बड़ी कामयाबी, देश का सबसे भारी कम्युनिकेशन सैटेलाइट CMS-03 किया लॉन्च
    देश का सबसे भारी कम्युनिकेशन सैटेलाइट CMS-03 को रविवार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया है। इस सैटेलाइट का भार लगभग 4,410 किलोग्राम का है। LVM3 (लॉन्च व्हीकल मार्क-3) एक थ्री-स्टेज लॉन्च व्हीकल है। इस हेवी व्हीकल लॉन्च व्हीकल से ISRO को भारी कम्युनिकेशन सैटेलाइट्स को GTO में भेजने में आसानी हो गई है।
  • ISRO का मल्टी-बैंड कम्युनिकेशन सैटेलाइट इस सप्ताह होगा लॉन्च
    इस मल्टी-बैंड कम्युनिकेशन सैटेलाइट का डिजाइन भारत सहित ओशियानिक क्षेत्र में सर्विसेज उपलब्ध कराने के लिए तैयार किया गया है। CMS-03 का भार लगभग 4,400 किलोग्राम का है। यह भारत से जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट में लॉन्च किया जाने वाला सबसे भारी कम्युनिकेशन सैटेलाइट होगा। ISRO ने बताया कि LVM3 का पिछला मिशन Chandrayaan-3 था।
  • गगनयान मिशन जल्द होगा टेस्ट फ्लाइट के लिए तैयार, ISRO ने दी जानकारी
    इस मिशन में तीन एस्ट्रोनॉट्स के क्रू को 400 किलोमीटर के ऑर्बिट में तीन दिन के लिए भेजा जाएगा और इसके बाद उनकी समुद्र पर सुरक्षित वापसी होगी। भारत की योजना अंतरिक्ष में अपना स्टेशन बनाने की भी इस स्टेशन का नाम "भारत अंतरिक्ष स्टेशन" होगा। इसकी स्थापना 2035 तक हो सकती है। भारत की योजना अंतरिक्ष में अपना स्टेशन बनाने की भी है।
  • अगर बृहस्पति न होता ऐसी न होती पृथ्वी! वैज्ञानिकों का दावा
    एक नई स्टडी पृथ्वी के अस्तित्व में आने के बारे में एक रोचक खुलासा करती है। अगर बृहस्पति ग्रह नहीं होता तो धरती कब की सूर्य में समा चुकी होती! बृहस्पति के शुरुआती विकास ने अंदरूनी सौर मंडल की ओर गैस और धूल के प्रवाह को रोक दिया, जिससे वह पदार्थ सूर्य की ओर नहीं जा सका, और बाद में इन्हीं पदार्थों ने पृथ्वी, शुक्र और मंगल का निर्माण किया।
  • ISRO का Gaganyaan मिशन 90% पूरा हुआ, जानें स्पेस में कब जाएंगे भारतीय अंतरिक्ष यात्री?
    भारत अब अपने सबसे बड़े स्पेस ड्रीम के बेहद करीब पहुंच चुका है। ISRO (इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन) ने कंफर्म किया है कि देश का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन Gaganyaan अब लगभग 90% पूरा हो चुका है। ISRO के पूर्व चेयरमैन डॉ. के. सिवन ने बताया कि एजेंसी अब मिशन के अंतिम चरणों पर काम कर रही है और लक्ष्य है कि इसे 2027 तक लॉन्च किया जाए। इससे पहले ISRO तीन अनक्रूड (बिना इंसान वाले) टेस्ट फ्लाइट्स पूरी करेगा, ताकि सिस्टम की सुरक्षा और तैयारी को परखा जा सके। इस मिशन के सफल होने पर भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल होगा जिन्होंने अपने दम पर इंसानों को अंतरिक्ष में भेजा है।
  • अंतरिक्ष में दिखा पृथ्वी का नया साथी, अब होंगे 2 चांद?
    Arjun 2025 PN7 नाम का एक एस्टरॉयड धरती के पास नजर आया है जिसे वैज्ञानिक धरता का नया चांद कह रहे हैं। अनुमान है कि 2080 तक ये इसी तरह धरती के साथ-साथ चलता रहेगा। वैज्ञानिकों ने इसे क्वासी मून (Quasi moon) कहा है। यानी आधा चांद जिसने 1960 में धरती का चक्कर लगाना शुरू किया था और 2080 तक यह ऐसे ही घूमता रहेगा। 2025 में खोजा गया PN7 एस्टरॉयड अर्जुन क्लास से संबंधित है।
  • इंतजार खत्म! 2026 में अंतरिक्ष की सैर, दुनिया का पहला प्राइवेट स्पेस स्टेशन Haven-1 होगा शुरू
    दुनिया का पहला प्राइवेट स्पेस स्टेशन जल्द ही हकीकत बनने वाला है। वास्ट स्पेस (Vast Space) की ओर से यह स्पेस स्टेशन तैयार किया जा रहा है जो दुनिया का पहला निजी अंतरिक्ष स्टेशन होगा। स्पेस स्टेशन का नाम Haven-1 है और यह 2026 में दुनिया के लिए खोल दिया जाएगा। यह एक सिंगल मॉड्यूल आवास होगा जिसे SpaceX Falcon 9 के माध्यम से लॉन्च किया जाएगा।
  • 9.78 लाख प्रकाशवर्ष दूर अंतरिक्ष में वैज्ञानिकों को मिले रोशनी के विशाल छल्ले!
    वैज्ञानिकों ने एक अभूतपूर्व खोज की है जिसमें उन्होंने सबसे ताकतवर और सबसे दूरस्थ रेडियो वृत्त का पता लगाया है। यह विषम (Odd) रेडियो सर्कल (ORC) है जो खोजा गया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह अब तक का सबसे ताकतवर ऑड रेडियो सर्कल है। इसका नाम RAD J131346.9+500320 है।
  • Starlink के सैटेलाइट गिर रहे हैं! पृथ्वी के लिए नया खतरा
    स्टारलिंक के सैटेलाइट लगभग रोजाना पृथ्वी पर वापस गिर रहे हैं। जिससे वैज्ञानिकों में अंतरिक्ष मलबे की संभावित चेन रिएक्शन के बारे में चिंता बढ़ रही है, जो धरती की निचली कक्षा की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं। प्राप्त किए गए डेटा के अनुसार मौजूदा समय में लगभग एक से दो स्टारलिंक सैटेलाइट प्रतिदिन पृथ्वी के वायुमंडल में पुनः प्रवेश करते हैं। अगर ऐसा ही जारी रहता है तो आने वाले वर्षों में और अधिक तारामंडलों के पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश करने के साथ सैटेलाइट वापस गिरने की यह संख्या प्रतिदिन पाँच तक बढ़ सकती है।

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