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Science - ख़बरें

  • अगर बृहस्पति न होता ऐसी न होती पृथ्वी! वैज्ञानिकों का दावा
    एक नई स्टडी पृथ्वी के अस्तित्व में आने के बारे में एक रोचक खुलासा करती है। अगर बृहस्पति ग्रह नहीं होता तो धरती कब की सूर्य में समा चुकी होती! बृहस्पति के शुरुआती विकास ने अंदरूनी सौर मंडल की ओर गैस और धूल के प्रवाह को रोक दिया, जिससे वह पदार्थ सूर्य की ओर नहीं जा सका, और बाद में इन्हीं पदार्थों ने पृथ्वी, शुक्र और मंगल का निर्माण किया।
  • ISRO का Gaganyaan मिशन 90% पूरा हुआ, जानें स्पेस में कब जाएंगे भारतीय अंतरिक्ष यात्री?
    भारत अब अपने सबसे बड़े स्पेस ड्रीम के बेहद करीब पहुंच चुका है। ISRO (इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन) ने कंफर्म किया है कि देश का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन Gaganyaan अब लगभग 90% पूरा हो चुका है। ISRO के पूर्व चेयरमैन डॉ. के. सिवन ने बताया कि एजेंसी अब मिशन के अंतिम चरणों पर काम कर रही है और लक्ष्य है कि इसे 2027 तक लॉन्च किया जाए। इससे पहले ISRO तीन अनक्रूड (बिना इंसान वाले) टेस्ट फ्लाइट्स पूरी करेगा, ताकि सिस्टम की सुरक्षा और तैयारी को परखा जा सके। इस मिशन के सफल होने पर भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल होगा जिन्होंने अपने दम पर इंसानों को अंतरिक्ष में भेजा है।
  • अंतरिक्ष में दिखा पृथ्वी का नया साथी, अब होंगे 2 चांद?
    Arjun 2025 PN7 नाम का एक एस्टरॉयड धरती के पास नजर आया है जिसे वैज्ञानिक धरता का नया चांद कह रहे हैं। अनुमान है कि 2080 तक ये इसी तरह धरती के साथ-साथ चलता रहेगा। वैज्ञानिकों ने इसे क्वासी मून (Quasi moon) कहा है। यानी आधा चांद जिसने 1960 में धरती का चक्कर लगाना शुरू किया था और 2080 तक यह ऐसे ही घूमता रहेगा। 2025 में खोजा गया PN7 एस्टरॉयड अर्जुन क्लास से संबंधित है।
  • इंतजार खत्म! 2026 में अंतरिक्ष की सैर, दुनिया का पहला प्राइवेट स्पेस स्टेशन Haven-1 होगा शुरू
    दुनिया का पहला प्राइवेट स्पेस स्टेशन जल्द ही हकीकत बनने वाला है। वास्ट स्पेस (Vast Space) की ओर से यह स्पेस स्टेशन तैयार किया जा रहा है जो दुनिया का पहला निजी अंतरिक्ष स्टेशन होगा। स्पेस स्टेशन का नाम Haven-1 है और यह 2026 में दुनिया के लिए खोल दिया जाएगा। यह एक सिंगल मॉड्यूल आवास होगा जिसे SpaceX Falcon 9 के माध्यम से लॉन्च किया जाएगा।
  • 9.78 लाख प्रकाशवर्ष दूर अंतरिक्ष में वैज्ञानिकों को मिले रोशनी के विशाल छल्ले!
    वैज्ञानिकों ने एक अभूतपूर्व खोज की है जिसमें उन्होंने सबसे ताकतवर और सबसे दूरस्थ रेडियो वृत्त का पता लगाया है। यह विषम (Odd) रेडियो सर्कल (ORC) है जो खोजा गया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह अब तक का सबसे ताकतवर ऑड रेडियो सर्कल है। इसका नाम RAD J131346.9+500320 है।
  • Starlink के सैटेलाइट गिर रहे हैं! पृथ्वी के लिए नया खतरा
    स्टारलिंक के सैटेलाइट लगभग रोजाना पृथ्वी पर वापस गिर रहे हैं। जिससे वैज्ञानिकों में अंतरिक्ष मलबे की संभावित चेन रिएक्शन के बारे में चिंता बढ़ रही है, जो धरती की निचली कक्षा की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं। प्राप्त किए गए डेटा के अनुसार मौजूदा समय में लगभग एक से दो स्टारलिंक सैटेलाइट प्रतिदिन पृथ्वी के वायुमंडल में पुनः प्रवेश करते हैं। अगर ऐसा ही जारी रहता है तो आने वाले वर्षों में और अधिक तारामंडलों के पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश करने के साथ सैटेलाइट वापस गिरने की यह संख्या प्रतिदिन पाँच तक बढ़ सकती है।
  • Uranus और Neptune ग्रहों में सिर्फ गैस नहीं, चट्टानें भी! नई स्टडी में खुलासा
    Uranus और Neptune को लेकर नई स्टडी आई है। स्टडी कहती है कि इन ग्रहों के बारे में अब तक जो अंदाजा था वो पूरी तरह सही नहीं है। स्टडी इनके चट्टानी ग्रह होने का इशारा करती है। इसका एक उदाहरण यह है कि शोधकर्ताओं ने अनेक रैंडम इंटीरियल मॉडल चलाए और पुरानी थ्योरी का इस्तेमाल करने के बजाए उपलब्ध विरल आंकड़ों के साथ उनकी तुलना की।
  • क्यों ठप्प पड़े अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA की वेबसाइट्स और एजुकेशन प्रोग्राम? जानें वजह
    अमेरिका की मशहूर स्पेस एजेंसी NASA को भी अब सरकारी बजट फ्रीज का झटका लग गया है। एजेंसी ने अपनी वेबसाइट और पब्लिक कम्युनिकेशन को फिलहाल बंद कर दिया है। मतलब अब NASA की वेबसाइट पर कोई नया अपडेट, प्रेस रिलीज या पब्लिक नोटिफिकेशन नहीं दिखेगा, जब तक कि अमेरिका की सरकार नया बजट पास नहीं कर देती। हालांकि एजेंसी के महत्वपूर्ण मिशन और सेफ्टी ऑपरेशंस जारी हैं।
  • आसमान से बरसेंगे तारे! इन तारीखों में दिखाई देगा Orionid Meteor Shower का जलवा
    सितंबर का अंत और अक्टूबर की शुरुआत हमेशा एस्ट्रोनोमी-लवर्स के लिए खास रहती है क्योंकि इसी समय शुरू होता है Orionid Meteor Shower का खेल। यह वार्षिक खगोलीय घटना इस साल भी बीते गुरुवार, 2 अक्टूबर से शुरू हो चुकी है और पूरे अक्टूबर के महीने में देखने को मिलेगी। इसका पीक यानी सबसे ज्यादा उल्कापिंड गिरने का समय अक्टूबर के तीसरे हफ्ते में रहेगा। NASA और एस्ट्रोनोमर्स का कहना है कि Orionid Meteor Shower 2025 में दर्शकों को साफ आसमान के साथ एक शानदार अनुभव देगा।
  • NASA के जेम्स वेब टेलीस्कोप को दिखे रहस्य भरे लाल चमकते बिंदु!
    नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने अंतरिक्ष में छोटे छोटे लाल रंग के कुछ बिंदु अंतरिक्ष में देखे हैं। ये बिंदु अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के लिए एक रहस्य बने हुए हैं। 2022 से ही वैज्ञानिक इनके बारे में जानने की कोशिश कर रहे हैं। एक नई स्टडी प्रकाशित की गई है जो बताती है कि ये बिंदु ब्लैक होल के चारों ओर गैस के सिंगल विशाल गोले हो सकते हैं। यह एक नए प्रकार का ब्लैक होल तारा हो सकता है।
  • इस वर्ष का अंतिम सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को: भारत में दिखेगा या नहीं.... 
    सूर्य ग्रहण तब होता है जब धरती और सूर्य के बीच से चंद्रमा गुजरता है। इससे धरती तक सूर्य की रोशनी का पहुंचना आंशिक तौर पर या पूरी तरह अवरुद्ध हो जाता है। यह अलाइनमेंट के आधार पर पूर्ण, आंशिक या गोले के आकार का हो सकता है। आंशिक सूर्य ग्रहण में सूर्य का केवल एक हिस्सा चंद्रमा की ओर से धुंधला होता है। यह एक आकर्षक खगोलीय दृश्य बनाता है।
  • NASA ने बना लिया मंगल पर घर! देखें अंदर से कैसा है ये 3D प्रिंटेड हैबिटेट
    NASA ने इंसानों को मंगल पर भेजने की तैयारी में नया कदम उठाया है। एजेंसी ने अपना 3D-printed habitat ‘Mars Dune Alpha’ दिखाया है, जिसे Houston के Johnson Space Center में तैयार किया गया है। यहां पर इंसानों को सीमित संसाधन, कम्युनिकेशन देरी और अलगाव जैसी चुनौतियों के बीच रहना पड़ता है। इस हैबिटेट में चार लोगों के लिए रहने की जगह, मेडिकल स्टेशन और ग्रीनहाउस जैसी सुविधाएं मौजूद हैं। NASA का कहना है कि इन मिशनों से मिलने वाला डेटा मंगल पर भविष्य की मानव बस्ती बसाने में मदद करेगा।
  • Blood Moon 2025: 7-8 सितंबर की रात लाल हो जाएगा चांद, भारत में भी दिखेगा ब्लड मून, जानें सब कुछ
    7-8 सितंबर की रात को होने वाले पूर्ण चंद्रग्रहण के दौरान चांद कॉपर कलर में चमकता नजर आएगा, जिसे ब्लड मून कहा जाता है। यह ग्रहण 82 मिनट तक चलेगा और हाल के वर्षों के सबसे लंबे चंद्रग्रहणों में गिना जाएगा। भारत के दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद, लखनऊ जैसे शहरों से इसे आसानी से देखा जा सकेगा।
  • ISRO के NISAR सैटेलाइट का सफल लॉन्च, धरती की निगरानी में होगा मददगार
    इस सैटेलाइट को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के साथ मिलकर बनाया है।इस सैटेलाइट के ऑर्बिट में पहुंचने के बाद इसके डुअल-फ्रीक्वेंसी राडार एक दिन में धरती का 14 बार चक्कर लगाएंगे। इससे प्रत्येक 12 दिनों में धरती पर सभी जमीन और बर्फ की सतहों की स्कैनिंग की जाएगी। यह सैटेलाइट धरती की सतह पर 1 सेंटीमीटर जितने बदलाव को भी रिकॉर्ड कर सकेगा।
  • AI की मदद से हुआ बच्चा, IVF की दुनिया में नई मेडिटकल क्रांति!
    अमेरिका के Columbia University Fertility Center में मेडिकल साइंस ने नई मिसाल कायम की है। यहां एक दंपति, जो 18 साल से बच्चे के लिए संघर्ष कर रहा था, पहली बार मां-बाप बनने की उम्मीद पा सका और यह सब संभव हुआ AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बदौलत। यह उपलब्धि उन तमाम परिवारों के लिए उम्मीद की किरण है, जिन्हें अब तक बार-बार IVF में नाकामी झेलनी पड़ी थी।

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