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Science - ख़बरें

  • NASA के स्पेसक्राफ्ट ने धधकते सूरज के नजदीक से भेजा पहला डेटा, मिली यह बड़ी जानकारी!
    NASA का पार्कर सोलर प्रॉब (Parker Solar Probe) सूरज के सबसे करीब पहुंचने में कामयाबी हासिल कर चुका है, और इसने सूर्य के इतने करीब जाकर पहली बार अपना डेटा भेजा है। नासा ने गुरूवार यानी 2 जनवरी को इसके बारे में अपडेट जारी करते हुए जानकारी दी। पार्कर सोलर प्रॉब के सभी सिस्टम और साइंस उपकरण सही हैं और नॉर्मल तरीके से अपना काम कर रहे हैं।
  • 16.6 करोड़ साल पुराना डायनासोरों का 'हाइवे' मिला, गुजरती थी बड़ी टोली!
    जीवाश्म विज्ञानियों को ऑक्सफॉर्डशायर में डेवार्स फार्म क्वेर्री में डायनासारों के पैरों के सैकड़ों निशान मिले हैं। इस साइट को 16.6 करोड़ साल पुरानी बताया जा रहा है जो मिडल जुरासिक पीरियड की है। इस हाईवे पर से दोनों तरह के, शाकाहारी और मांसाहारी, डायनासोर गुजरते थे। जून 2024 में यह खुदाई पूरी हुई थी जिसमें पांच प्रमुख ट्रैकवे सामने आए हैं।
  • ISRO लॉन्च करेगा अमेरिकी सैटेलाइट, स्पेस से फोन कॉल बन सकती है हकीकत
    इस सैटेलाइट से स्पेस से सीधे फोन कॉल्स की जा सकेंगी। यह मौजूदा सैटेलाइट टेलीफोन सर्विसेज की तुलना में कम्युनिकेशन का एक अधिक इनोवेटिव और मॉडर्न तरीका होगा। यह पहली बार है कि जब एक अमेरिकी कंपनी एक भारतीय रॉकेट पर देश से एक बड़ा कम्युनिकेशंस सैटेलाइट लॉन्च कर रही है। ISRO की ओर से Gaganyaan मिशन को सफल बनाने के लिए तैयारी की जा रही है।
  • 2025 में दिखेंगे 12 पूर्ण चंद्रमा, 3 सुपरमून, 2 चंद्रग्रहण! नोट कर लें तारीख
    खगोलीय घटनाओं में रुचि रखने वालों के लिए साल 2025 भी काफी रोमांचक रहने वाला है। इस साल 12 पूर्ण चंद्रमा देखने को मिल सकते हैं। इनमें तीन 3 सुपरमून और दो चंद्र ग्रहण भी शामिल होंगे। हरेक फुल मून का अपना खास नाम भी होता है। सुपरमून तब दिखाई देता है जब चंद्रमा अपने पूरे आकार में दिखता है और पृथ्वी के सबसे करीबी बिंदु पर भी होता है।
  • 400 किलोमीटर ऊपर अंतरिक्ष में सुनीता विलियम्स ने 16 बार मनाया नया साल! जानें कैसे
    NASA अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने स्पेस में रहते हुए नए साल का स्वागत 16 बार किया। सुनीता ने 16 बार सूरज को उदय और अस्त होते देखा। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन एक दिन में पृथ्वी के लगभग 15.5 चक्कर पूरे करता है। यह 28 हजार किलोमीटर प्रतिघंटा की औसत स्पीड पर पृथ्वी के चारों ओर घूमता है। स्पेस स्टेशन को पृथ्वी का एक चक्कर लगाने में 90 मिनट का समय लगता है।
  • NASA के मार्स रिकॉनिसेंस ऑर्बिटर (MRO) को मंगल पर दिखा धूल में दबा यह स्पेसक्राफ्ट!
    NASA के मार्स रिकॉनिसेंस ऑर्बिटर ने रिटायर्ड स्पेसक्राफ्ट इनसाइट लैंडर (InSight lander) को देखा जो कि पूरी तरह से लाल ग्रह की धूल में ढका हुआ था। MRO के HiRISE कैमरा ने ये तस्वीरें ली हैं। तस्वीरें बताती हैं कि कैसे कुछ समय पहल मंगल पर एक्टिव रहा लैंडर अब ग्रह की सतह पर दब गया है। यह वैसी ही रेत और धूल है जो कि पूरे ग्रह पर भी दिखाई देती है।
  • Quadrantids meteor shower : नए साल पर अंतरिक्ष में टूटेंगे तारे! इस दिन दिखेगा खास नजारा
    साल 2025 की शुरुआत एक अहम खगोलीय घटना के साथ होने जा रही है। क्वाड्रेंटिड्स उल्‍का बौछार (Quadrantids meteor shower) 3 और 4 जनवरी को अपने पीक पर होगी। आसान भाषा में समझाएं तो नए साल की इन दो रातों में आपको आसमान में उल्‍का पिंडों की बारिश होती हुई दिखेगी। धूमकेतुओं से निकलने वाली रोशनी के बाद पूरा आकाश जगमग हो जाएगा।
  • SpaDeX Mission : 7 जनवरी को अंतरिक्ष में क्‍या करने वाला है भारत? रूस, अमेरिका, चीन के बाद बनेगा दुनिया का चौथा देश!
    भारत के अंतरिक्ष संगठन ‘इसरो’ (ISRO) ने सोमवार की रात इतिहास रचा। इसरो का SpaDeX मिशन आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्‍च किया गया। इस काम में पीएसएलवी रॉकेट की मदद ली गई, जिसने दो छोटे सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में पहुंचाया। मिशन की खास बात यह है कि दोनों सैटेलाइट्स धरती से करीब 470 किलोमीटर की ऊंचाई पर डॉकिंग और अनडॉकिंग करेंगे।
  • Black Moon क्‍या है? दिसंबर में दूसरी बार दिखेगा नया चांद, क्‍या है इसका मतलब? जानें
    साल 2024 का समापन बेहद दिलचस्‍प खगोलीय घटना के साथ होने वाला है। इसका नाम ब्‍लैक मून है। खगोल विज्ञान में ब्‍लैक मून जैसे शब्‍द को मान्‍यता नहीं मिली है, लेकिन हाल के कुछ वर्षों में इसने पॉपुलैरिटी बटोरी है शौकिया खगोलविदों और आसमान में होने वाली घटनाओं को ट्रैक करने वाले लोगों के बीच। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, ब्‍लैक मून शब्‍द का इस्‍तेमाल तब किया जाता है जब एक कैलेंडर महीने में दूसरा नया चांद दिखे।
  • 2 लाख प्रकाशवर्ष दूर मौजूद तारामंडल में कुछ चल रहा है अजब! जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने ली फोटो
    जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने पृथ्वी से लगभग 2 लाख प्रकाश वर्ष दूर स्थित स्मॉल मैगेलैनिक क्लाउड गैलेक्सी के किनारे के पास से एक अद्भुत फोटो ली है। इस फोटो में तारा मंडल (star cluster) NGC 602 को देखा जा सकता है। फोटो को जेम्स वेब टेलीस्कोप और चंद्र एक्स-रे ऑब्जर्वेटरी के डेटा से मिलाकर बनाया गया है। तारामंडल ऐसी जगह पर स्थित है जो से प्रारंभिक ब्रह्मांड की याद दिलाती है।
  • गिलहरियां मांस भी खाती हैं! करती हैं इस जीव का शिकार ...
    गिलहरियों को अगर आप सिर्फ शाकाहारी प्राणी मानते आए हैं तो यह खबर आपको चौंका सकती है। कैलिफॉर्निया में जमीन पर रहने वाली गिलहरियां चूहे जैसे दिखने वाले जीव वोल (Vole) का शिकार भी करती हैं। गिलहरी की प्रजाति में पहली बार ऐसा देखा गया है जब वह जीवित कशेरुकियों (vertebrates) का शिकार करती हुई देखी गई हैं। स्टडी को Journal of Ethology में पब्लिश किया गया है।
  • Deep Ocean Mission: 4.5 हजार मीटर गहरे पानी में भारत ने लगाया कामयाबी का गोता! हाथ लगी बड़ी खोज
    भारत को गहरे समुद्र में बड़ी कामयाबी मिली है। देश के महत्वाकांक्षी समुद्री मिशन- डीप ओशन मिशन (Deep Ocean Mission) के तहत शोधकर्ताओं ने 4.5 हजार मीटर नीचे गहरे पानी में एक हाईड्रोथर्मल वेंट (vent) यानी सतह में मौजूद 'सुराक' की खोज की है। यह हिंद महासागर की सतह के नीचे मौजूद पाया गया है। यह अभूतपूर्व खोज देश के डीप ओशन मिशन में मील का पत्थर कही जा रही है।
  • बिल्ली पालने वाले सावधान! बर्ड फ्लू का हो सकता है खतरा- स्टडी
    एक नई स्टडी बिल्लियों से होने वाले खतरे के बारे में चेताती है। स्टडी में कहा गया है कि पालतू बिल्लियां बर्ड फ्लू के फैलने का साधन बन सकती हैं, जिसने पिछले ढाई सालों से अमेरिका में पॉल्ट्री फार्मों को तबाह कर रखा है। स्टडी कहती है कि बिल्ली में आने के बाद अगर H5N1 वायरस में दो म्यूटेशन भी हो जाते हैं तो यह आसानी से मनुष्यों में फैल सकता है।
  • समुद्र में एलियन जैसा जीव! 8 हजार किलोमीटर गहराई में छुपा मिला 'डरावना प्राणी'
    अमेरिका और चिले के शोधकर्ताओं ने साउथ अमेरिका के पश्चिमी तट के साथ अटाकामा ट्रेंच में एक खास प्रजाति की खोज की है। इसे डल्सीबेला कमनचाका (Dulcibella camanchaca) नाम दिया गया है। यह देखने में ऐसा है कि इसे देखकर भय लगता है। इसका बर्ताव शिकारी बताया गया है। गहरे समुद्र में 7,902 किलोमीटर नीचे चार प्राणी पाए गए हैं जो अपने आप में बहुत बड़ी खोज है।
  • सूर्य को ‘छूकर’ क्‍या बच पाएगा Nasa का पार्कर, 980 डिग्री तापमान झेला, वैज्ञानिक कर रहे सिग्‍नल का इंतजार
    नासा (Nasa) के पार्कर सोलर प्रोब ने क्र‍िसमस की पूर्व संध्‍या पर सूर्य (Sun) के बेहद नजदीक से उड़ान भरी थी। वह एक ऐतिहासिक पल था। हालांकि वैज्ञानिकों को अबतक यह मालूम नहीं है कि पार्कर सोलर प्रोब ‘जिंदा’ है या फ‍िर सूर्य की गर्मी से ‘राख’ हो गया। रिपोर्टों के अनुसार, इसमें कुछ दिनों का टाइम लग सकता है। वैज्ञानिक इंतजार कर रहे हैं कि पार्कर सोलर प्रोब का उनसे संपर्क हो पाए और वह संकेत भेजे कि सबकुछ ठीक है।

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