Science

Science - ख़बरें

  • बोतल में बंद हो रहा है 'सूरज', AI से होगा कंट्रोल, NVIDIA के इस प्रोजेक्ट ने उड़ा डाले होश!
    Fusion Energy, यानी वो तकनीक जिससे सूरज में एनर्जी या गर्मी लगातार बनी रहती है। इस एनर्जी को हासिल करना इंसानों के लिए हमेशा से सबसे बड़ा सपना रहा है। अगर इस एनर्जी को धरती पर कंट्रोल किया जा सके तो हमें लगभग अनलिमिटेड, साफ-सुथरी और सस्ती बिजली मिल सकती है। लेकिन ऐसा करना बेहद मुश्किल है क्योंकि फ्यूजन में प्लाज्मा नाम की चीज को सैकड़ों मिलियन डिग्री तापमान पर स्थिर रखना पड़ता है। हालांकि, NVIDIA और General Atomic कुछ अन्य अमेरिकी रिसर्च टीम्स के साथ मिलकर इस दिशा में काफी आगे बढ़ चुके हैं।
  • ISRO की बड़ी कामयाबी, देश का सबसे भारी कम्युनिकेशन सैटेलाइट CMS-03 किया लॉन्च
    देश का सबसे भारी कम्युनिकेशन सैटेलाइट CMS-03 को रविवार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया है। इस सैटेलाइट का भार लगभग 4,410 किलोग्राम का है। LVM3 (लॉन्च व्हीकल मार्क-3) एक थ्री-स्टेज लॉन्च व्हीकल है। इस हेवी व्हीकल लॉन्च व्हीकल से ISRO को भारी कम्युनिकेशन सैटेलाइट्स को GTO में भेजने में आसानी हो गई है।
  • ISRO का मल्टी-बैंड कम्युनिकेशन सैटेलाइट इस सप्ताह होगा लॉन्च
    इस मल्टी-बैंड कम्युनिकेशन सैटेलाइट का डिजाइन भारत सहित ओशियानिक क्षेत्र में सर्विसेज उपलब्ध कराने के लिए तैयार किया गया है। CMS-03 का भार लगभग 4,400 किलोग्राम का है। यह भारत से जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट में लॉन्च किया जाने वाला सबसे भारी कम्युनिकेशन सैटेलाइट होगा। ISRO ने बताया कि LVM3 का पिछला मिशन Chandrayaan-3 था।
  • गगनयान मिशन जल्द होगा टेस्ट फ्लाइट के लिए तैयार, ISRO ने दी जानकारी
    इस मिशन में तीन एस्ट्रोनॉट्स के क्रू को 400 किलोमीटर के ऑर्बिट में तीन दिन के लिए भेजा जाएगा और इसके बाद उनकी समुद्र पर सुरक्षित वापसी होगी। भारत की योजना अंतरिक्ष में अपना स्टेशन बनाने की भी इस स्टेशन का नाम "भारत अंतरिक्ष स्टेशन" होगा। इसकी स्थापना 2035 तक हो सकती है। भारत की योजना अंतरिक्ष में अपना स्टेशन बनाने की भी है।
  • अगर बृहस्पति न होता ऐसी न होती पृथ्वी! वैज्ञानिकों का दावा
    एक नई स्टडी पृथ्वी के अस्तित्व में आने के बारे में एक रोचक खुलासा करती है। अगर बृहस्पति ग्रह नहीं होता तो धरती कब की सूर्य में समा चुकी होती! बृहस्पति के शुरुआती विकास ने अंदरूनी सौर मंडल की ओर गैस और धूल के प्रवाह को रोक दिया, जिससे वह पदार्थ सूर्य की ओर नहीं जा सका, और बाद में इन्हीं पदार्थों ने पृथ्वी, शुक्र और मंगल का निर्माण किया।
  • ISRO का Gaganyaan मिशन 90% पूरा हुआ, जानें स्पेस में कब जाएंगे भारतीय अंतरिक्ष यात्री?
    भारत अब अपने सबसे बड़े स्पेस ड्रीम के बेहद करीब पहुंच चुका है। ISRO (इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन) ने कंफर्म किया है कि देश का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन Gaganyaan अब लगभग 90% पूरा हो चुका है। ISRO के पूर्व चेयरमैन डॉ. के. सिवन ने बताया कि एजेंसी अब मिशन के अंतिम चरणों पर काम कर रही है और लक्ष्य है कि इसे 2027 तक लॉन्च किया जाए। इससे पहले ISRO तीन अनक्रूड (बिना इंसान वाले) टेस्ट फ्लाइट्स पूरी करेगा, ताकि सिस्टम की सुरक्षा और तैयारी को परखा जा सके। इस मिशन के सफल होने पर भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल होगा जिन्होंने अपने दम पर इंसानों को अंतरिक्ष में भेजा है।
  • अंतरिक्ष में दिखा पृथ्वी का नया साथी, अब होंगे 2 चांद?
    Arjun 2025 PN7 नाम का एक एस्टरॉयड धरती के पास नजर आया है जिसे वैज्ञानिक धरता का नया चांद कह रहे हैं। अनुमान है कि 2080 तक ये इसी तरह धरती के साथ-साथ चलता रहेगा। वैज्ञानिकों ने इसे क्वासी मून (Quasi moon) कहा है। यानी आधा चांद जिसने 1960 में धरती का चक्कर लगाना शुरू किया था और 2080 तक यह ऐसे ही घूमता रहेगा। 2025 में खोजा गया PN7 एस्टरॉयड अर्जुन क्लास से संबंधित है।
  • इंतजार खत्म! 2026 में अंतरिक्ष की सैर, दुनिया का पहला प्राइवेट स्पेस स्टेशन Haven-1 होगा शुरू
    दुनिया का पहला प्राइवेट स्पेस स्टेशन जल्द ही हकीकत बनने वाला है। वास्ट स्पेस (Vast Space) की ओर से यह स्पेस स्टेशन तैयार किया जा रहा है जो दुनिया का पहला निजी अंतरिक्ष स्टेशन होगा। स्पेस स्टेशन का नाम Haven-1 है और यह 2026 में दुनिया के लिए खोल दिया जाएगा। यह एक सिंगल मॉड्यूल आवास होगा जिसे SpaceX Falcon 9 के माध्यम से लॉन्च किया जाएगा।
  • 9.78 लाख प्रकाशवर्ष दूर अंतरिक्ष में वैज्ञानिकों को मिले रोशनी के विशाल छल्ले!
    वैज्ञानिकों ने एक अभूतपूर्व खोज की है जिसमें उन्होंने सबसे ताकतवर और सबसे दूरस्थ रेडियो वृत्त का पता लगाया है। यह विषम (Odd) रेडियो सर्कल (ORC) है जो खोजा गया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह अब तक का सबसे ताकतवर ऑड रेडियो सर्कल है। इसका नाम RAD J131346.9+500320 है।
  • Starlink के सैटेलाइट गिर रहे हैं! पृथ्वी के लिए नया खतरा
    स्टारलिंक के सैटेलाइट लगभग रोजाना पृथ्वी पर वापस गिर रहे हैं। जिससे वैज्ञानिकों में अंतरिक्ष मलबे की संभावित चेन रिएक्शन के बारे में चिंता बढ़ रही है, जो धरती की निचली कक्षा की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं। प्राप्त किए गए डेटा के अनुसार मौजूदा समय में लगभग एक से दो स्टारलिंक सैटेलाइट प्रतिदिन पृथ्वी के वायुमंडल में पुनः प्रवेश करते हैं। अगर ऐसा ही जारी रहता है तो आने वाले वर्षों में और अधिक तारामंडलों के पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश करने के साथ सैटेलाइट वापस गिरने की यह संख्या प्रतिदिन पाँच तक बढ़ सकती है।
  • Uranus और Neptune ग्रहों में सिर्फ गैस नहीं, चट्टानें भी! नई स्टडी में खुलासा
    Uranus और Neptune को लेकर नई स्टडी आई है। स्टडी कहती है कि इन ग्रहों के बारे में अब तक जो अंदाजा था वो पूरी तरह सही नहीं है। स्टडी इनके चट्टानी ग्रह होने का इशारा करती है। इसका एक उदाहरण यह है कि शोधकर्ताओं ने अनेक रैंडम इंटीरियल मॉडल चलाए और पुरानी थ्योरी का इस्तेमाल करने के बजाए उपलब्ध विरल आंकड़ों के साथ उनकी तुलना की।
  • क्यों ठप्प पड़े अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA की वेबसाइट्स और एजुकेशन प्रोग्राम? जानें वजह
    अमेरिका की मशहूर स्पेस एजेंसी NASA को भी अब सरकारी बजट फ्रीज का झटका लग गया है। एजेंसी ने अपनी वेबसाइट और पब्लिक कम्युनिकेशन को फिलहाल बंद कर दिया है। मतलब अब NASA की वेबसाइट पर कोई नया अपडेट, प्रेस रिलीज या पब्लिक नोटिफिकेशन नहीं दिखेगा, जब तक कि अमेरिका की सरकार नया बजट पास नहीं कर देती। हालांकि एजेंसी के महत्वपूर्ण मिशन और सेफ्टी ऑपरेशंस जारी हैं।
  • आसमान से बरसेंगे तारे! इन तारीखों में दिखाई देगा Orionid Meteor Shower का जलवा
    सितंबर का अंत और अक्टूबर की शुरुआत हमेशा एस्ट्रोनोमी-लवर्स के लिए खास रहती है क्योंकि इसी समय शुरू होता है Orionid Meteor Shower का खेल। यह वार्षिक खगोलीय घटना इस साल भी बीते गुरुवार, 2 अक्टूबर से शुरू हो चुकी है और पूरे अक्टूबर के महीने में देखने को मिलेगी। इसका पीक यानी सबसे ज्यादा उल्कापिंड गिरने का समय अक्टूबर के तीसरे हफ्ते में रहेगा। NASA और एस्ट्रोनोमर्स का कहना है कि Orionid Meteor Shower 2025 में दर्शकों को साफ आसमान के साथ एक शानदार अनुभव देगा।
  • NASA के जेम्स वेब टेलीस्कोप को दिखे रहस्य भरे लाल चमकते बिंदु!
    नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने अंतरिक्ष में छोटे छोटे लाल रंग के कुछ बिंदु अंतरिक्ष में देखे हैं। ये बिंदु अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के लिए एक रहस्य बने हुए हैं। 2022 से ही वैज्ञानिक इनके बारे में जानने की कोशिश कर रहे हैं। एक नई स्टडी प्रकाशित की गई है जो बताती है कि ये बिंदु ब्लैक होल के चारों ओर गैस के सिंगल विशाल गोले हो सकते हैं। यह एक नए प्रकार का ब्लैक होल तारा हो सकता है।
  • इस वर्ष का अंतिम सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को: भारत में दिखेगा या नहीं.... 
    सूर्य ग्रहण तब होता है जब धरती और सूर्य के बीच से चंद्रमा गुजरता है। इससे धरती तक सूर्य की रोशनी का पहुंचना आंशिक तौर पर या पूरी तरह अवरुद्ध हो जाता है। यह अलाइनमेंट के आधार पर पूर्ण, आंशिक या गोले के आकार का हो सकता है। आंशिक सूर्य ग्रहण में सूर्य का केवल एक हिस्सा चंद्रमा की ओर से धुंधला होता है। यह एक आकर्षक खगोलीय दृश्य बनाता है।

Science - वीडियो

विज्ञापन

Follow Us
विज्ञापन
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »