चंद्रमा पर पानी की खोज के लिए NASA ने लॉन्च किया सैटेलाइट

इससे पहले चंद्रमा पर पानी की कुछ मात्रा होने का संकेत मिला था। चंद्रमा पर ठंडे और स्थायी तौर पर छाया वाला स्थानों पर वॉटर आइस की बड़ी मात्रा हो सकती है

चंद्रमा पर पानी की खोज के लिए NASA ने लॉन्च किया सैटेलाइट

इससे पहले चंद्रमा पर पानी की कुछ मात्रा होने का संकेत मिला था

ख़ास बातें
  • इस सैटेलाइट को फ्लोरिडा में Kennedy Space Center से लॉन्च किया गया है
  • इसके लिए SpaceX के Falcon 9 रॉकेट का इस्तेमाल हुआ है
  • NASA जल्द ही एक नया टेलीस्कोप भी लॉन्च करेगी
विज्ञापन
पिछले कुछ वर्षों में मून के एक्सप्लोरेशन को लेकर भारत सहित कुछ देशों ने प्रगति की है। अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA ने चंद्रमा पर पानी की खोज के लिए Lunar Trailblazer सैटेलाइट लॉन्च किया है। इसका भार लगभग 200 किलोग्राम का है। इसके सोलर पैनल पूरी तरह खुले होने पर यह लगभग 3.5 मीटर चौड़ा है। 

इस सैटेलाइट को फ्लोरिडा में Kennedy Space Center से स्पेस में लॉन्च किया गया है। इसके लिए SpaceX के Falcon 9 रॉकेट का इस्तेमाल किया गया है। MoonLunar Trailblazer को Lockheed Martin ने बनाया है। Falcon 9 रॉकेट पर यह सेकेंडरी पेलोड है। इस पर एक अन्य पेलोड Intuitive Machines की अगुवाई वाला लुनर लैंडर मिशन है। 

इससे पहले चंद्रमा पर पानी की कुछ मात्रा होने का संकेत मिला था। चंद्रमा पर ठंडे और स्थायी तौर पर छाया वाला स्थानों पर वॉटर आइस की बड़ी मात्रा हो सकती है। Lunar Trailblazer को चंद्रमा की सतह पर पानी को खोजने और उसकी लोकेशन जानने के लिए भेजा गया है। NASA जल्द ही एक नया टेलीस्कोप भी लॉन्च करेगी। NASA का कहना है कि यह ब्रह्मांड का अभी तक का 'सबसे रंगीन' मैप बनाएगा। SPHEREx कहे जाने वाले इस टेलीस्कोप का साइज अधिक नहीं है लेकिन यह अपने लगभग दो वर्ष के मिशन में बड़ी मात्रा में जानकारी उपलब्ध कराएगा। 

यह एक इंफ्रारेड टेलीस्कोप है जिसका डिजाइन स्पेक्ट्रोस्कोपिक इमेजेज लेने के लिए बनाया गया है। स्पेक्ट्रोस्कोपिक इमेजेज एक सोर्स से लाइट की अलग वेवलेंथ को मापती हैं। इससे ब्रह्मांड और तारा समूह की ग्रोथ के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकेगी। इसके साथ ही यह अंतरिक्ष में पानी की लोकेशन का भी संकेत देगा। इस मिशन को 27 फरवरी को लॉन्च किया जाएगा। ब्रह्मांड में प्रत्येक वस्तु विभिन्न रंगों में रोशनी को फैलाती है। हमारी आंखें इन सभी रोशनी को तीन बैंड्स में विभाजित करती हैं। SPHEREx से आसमान में प्रत्येक ऑब्जेक्ट से रोशनी को 96 बैंड्स में विभाजित किया जाएगा। यह ब्रह्मांड में वस्तुओं के केमिस्ट्री और फिजिक्स के बारे में नई जानकारी देगा। यह मिशन अंतरिक्ष में मौजूद अन्य इंफ्रारेड टेलीस्कोप के कार्य को मजबूत करेगा। इनमें James Webb Space Telescope और Hubble Space Telescope शामिल हैं। ये दोनों टेलीस्कोप अंतरिक्ष में बहुत धुंधली वस्तुओं की हाई-रिजॉल्यूशन मेजरमेंट्स लेने के लिए डिजाइन किए गए हैं। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

आकाश आनंद

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। उनके पास प्रमुख ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. ई-वेस्ट पॉलिसी पर भारत सरकार से भिड़े Samsung और LG, किया केस!
  2. एयरटेल, रिलायंस जियो को मिले नए मोबाइल सब्सक्राइबर्स, BSNL को हुआ नुकसान
  3. Samsung ने 55,65,75 और 85 इंच डिस्प्ले में QD Mini LED TV किए पेश, 4K 144Hz के साथ इन फीचर्स से लैस
  4. प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत के बाद Tesla के चीफ Elon Musk ने दिया भारत आने का संकेत
  5. चीन में लॉन्च हुआ 10G ब्रॉडबैंड, 9834 Mbps की स्पीड से पलक झपकते ही डाउनलोड होंगी मूवी
  6. सरकार ने Google से कहा, इस चीनी ऐप को प्ले स्टोर से हटाए, जानें क्या है मामला
  7. WhatsApp पर फोटो डाउनलोड करते ही उड़ गए 2 लाख रुपये, इस खतरनाक स्कैम से कैसे बचें?
  8. क्रिप्टो मार्केट में प्रॉफिट, बिटकॉइन का प्राइस 87,400 डॉलर से ज्यादा
  9. Redmi Watch Move भारत में लॉन्च, 14 दिनों तक चलेगी बैटरी, कीमत सिर्फ 1999 रुपये
  10. IIT हैदराबाद ने 3D प्रिंट किया भारत का पहला हाई-ऑल्टिट्यूड मिलिट्री बंकर, सिर्फ 14 घंटे में हुआ प्रिंट!
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »