इस मिशन के क्रू ने ISS पर कई एक्सपेरिमेंट्स किए हैं। इनमें से सात एक्सपेरिमेंट्स की अगुवाई शुक्ला ने की थी। इन एस्ट्रोनॉट्स के साथ शून्य ग्रेविटी के उनके संकेतक के तौर पर Joy कहे जाने वाले एक स्वैन टॉय को भी भेजा गया था। इस मिशन से भारतीय स्पेस एजेंसी ISRO को गगनयान की तैयारी के लिए महत्वपूर्ण सबक मिल सकते हैं।
अमेरिका में कैलिफोर्निया के Kennedy Space Centre से बुधवार को SpaceX का Falcon 9 रॉकेट इस मिशन के स्पेसक्राफ्ट Dragon के साथ बुधवार को 12.01 PM पर लॉन्च किया गया था। इस स्पेसक्राफ्ट की लगभग 29 घंटे की उड़ान के बाद गुरुवार को 4.01 पर ISS के साथ डॉकिंग हुई है। Axiom-4 मिशन के क्रू के सदस्य ISS पर कई एक्सपेरिमेंट्स करेंगे।
Axiom-4 मिशन के क्रू के सदस्य ISS पर कई एक्सपेरिमेंट्स करेंगे। इनमें से सात एक्सपेरिमेंट्स की अगुवाई शुक्ला करेंगे। इस मिशन में 31 देशों की भागीदारी है इस मिशन को सुरक्षा के साथ ISS पर पहुंचाने के लिए NASA और अमेरिकी स्पेस इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपर Axiom Space ने कड़ी तैयारी की थी। इन एस्ट्रोनॉट्स के साथ शून्य ग्रेविटी के उनके संकेतक के तौर पर Joy कहे जाने वाले एक स्वैन टॉय को भी भेजा गया है।
Axiom-4 मिशन को धरती से लगभग 400 किलोमीटर ऊपर मौजूद ISS पर डॉकिंग करने में लगभग 29 घंटे लगेंगे। Falcon 9 रॉकेट पर स्थित SpaceX का Dragon स्पेसक्राफ्ट शुरुआत में ISS से नीचे के एक ऑर्बिट में पहुंचेगा। ISS के साथ डॉकिंग (जुड़ना) के लिए इस स्पेसक्राफ्ट को अपने रास्ते और ऊंचाई में बदलाव करने होंगे। यह प्रक्रिया आसान नहीं है क्योंकि ISS लगभग 28,000 km/h की रफ्तार से चक्कर लगा रहा है।
अमेरिकी स्पेस इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपर Axiom Space ने बताया है कि पिछले 40 वर्षों से अधिक में यह पहली बार है कि जब अमेरिका की सरकार ने भारत, पोलैंड या हंगरी के एस्ट्रोनॉट्स वाली एक स्पेसफ्लाइट के लिए स्वीकृति दी है। भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री Rakesh Sharma ने 1984 में अंतरिक्ष में पहुंचकर इतिहास बनाया था।
आज, 25 जून की सुबह Axiom Space के "Ax‑4" मिशन ने फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से अपने चारों अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की ओर रवाना किया, जिसमें ISRO के ग्रुप कप्तान शुभांशु शुक्ला (Shubhanshu Shukla) भी शामिल हैं। इस मिशन के जरिए वह राकेश शर्मा (1984) के बाद भारत के दूसरे और ISS पर भेजे गए पहले अंतरिक्ष यात्री बनेंगे।
NASA, Axiom Space औ बिलिनेयर Elon Musk की SpaceX ने इस मिशन के लिए 25 जून को बुधवार 12.01 PM (भारतीय समयानुसार) पर लॉन्च का टारगेट रखा है। अमेरिका में कैलिफोर्निया के Kennedy Space Centre से SpaceX का Falcon 9 रॉकेट इस मिशन के स्पेसक्राफ्ट Dragon के साथ उड़ान भरेगा। यह Dragon स्पेसक्राफ्ट की पहली और Falcon 9 रॉकेट की दूसरी उड़ान होगी।
Axiom-4 मिशन के जरिए ISS पर भारतीय एस्ट्रोनॉट, Shubhanshu Shukla के साथ अमेरिका की Peggy Whitson, पोलैंड के Slawosz Uznanski Wisniewski और हंगरी के Tibor Kapu को जाना है। अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA, Axiom Space और SpaceX की ओर से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर ऑपरेशनल और सेफ्टी से जुड़ी आशंकाओं को दूर किया जा रहा है।
एलन मस्क (Elon Musk) की कंपनी स्पेसएक्स (SpaceX) के रॉकेट में बुधवार को स्टैटिक फायर टेस्ट के दौरान ब्लास्ट हुआ। यह घटना स्पेसक्राफ्ट के इंजन के रूटीन चेकअप के दौरान हुई। फुटेज में रॉकेट के बेस से एक बड़ा विस्फोट हुआ, जिससे आसपास का इलाके में आग और धुआं फैल जाता है। आपको बता दें कि यह पहली बार नहीं कि जब एलन मस्क की कंपनी में ऐसा कोई विस्फोट हुआ।
बिलिनेयर Elon Musk की रॉकेट कंपनी SpaceX ने बताया कि अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA और Axiom ने मिशन के लिए 22 जून के लॉन्च की तिथि तय की है। इस मिशन के टलने से NASA को ISS के Zvezda सर्विस मॉड्यूल के अंदर ऑपरेशंस की समीक्षा करने में सहायता मिलेगी। अमेरिका में कैलिफोर्निया के Kennedy Space Centre से SpaceX का Falcon 9 रॉकेट इस मिशन के स्पेसक्राफ्ट Dragon के साथ उड़ान भरेगा।
Axiom Mission 4 को 12 जून को एक लीक की वजह से टाल दिया गया था। अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA, Axiom Space और बिलिनेयर Elon Musk की SpaceX ने इस मिशन के लॉन्च के लिए 19 जून को तय किया है। NASA ने बताया है कि Falcon 9 रॉकेट में लिक्विड ऑक्सिजन लीक की रिपेयर की गई है। इसके बाद SpaceX ने इसकी टेस्टिंग भी की है। अमेरिका में Kennedy Space Centre से इस रॉकेट को लॉन्च किया जाएगा।
बिलिनेयर Elon Musk की रॉकेट कंपनी SpaceX की एक टीम ने यह पुष्टि की है कि इस Axiom-4 मिशन को टालने के पीछे की समस्या का समाधान किया गया है। इस स्पेस मिशन को 29 मई को लॉन्च किया जाना था। हालांकि, इसके बाद इसे 8 जून, 10 जून और 11 जून को टाला गया था। SpaceX ने बताया था कि Falcon-9 रॉकेट में एक लिक्विड ऑक्सिजन लीक की वजह से 11 जून को इस मिशन का लॉन्च टाला गया था।
अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के Goddard Space Flight Centre में स्पेस फिजिसिस्ट, Denny Oliveira ने पिछले कुछ वर्षों में धरती पर वापस गिरे स्टारलिंक के 523 सैटेलाइट्स पर एक स्टडी की अगुवाई की है। इस स्टडी में पता चला है कि सूर्य में विस्फोटों से बनने वाले जियोमैग्नेटिक तूफानों से वातावरण में खिंचाव बढ़ता है और इससे सैटेलाइट्स ऑर्बिट से गिरकर तेजी से वातावरण में दोबारा एंट्री करते हैं।
टेस्ला और SpaceX को अमेरिकी सरकार से कॉन्ट्रैक्ट्स या सब्सिडी के जरिए अरबों डॉलर मिलते हैं। दुनिया के सबसे अधिक वैल्यू वाले स्टार्टअप्स में शामिल SpaceX को अमेरिका की स्पेस एजेंसी NASA और डिफेंस डिपार्टमेंट से 22 अरब डॉलर से अधिक के कॉन्ट्रैक्ट मिले हैं। चुनाव के दौरान मस्क ने ट्रंप की काफी मदद की थी। अमेरिका की सरकार में मस्क को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी दी गई थी।
मस्क की इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) कंपनी Tesla को भी हुआ है। टेस्ला के शेयर प्राइस में भारी गिरावट हुई है। ऐसी आशंका है कि ट्रंप की नाराजगी से मस्क की टेस्ला और SpaceX जैसी कंपनियों का बिजनेस घट सकता है। मस्क की कंपनियों के लिए अमेरिका एक बड़ा मार्केट है। टेस्ला के शेयर में गुरुवार को 14 प्रतिशत की गिरावट हुई है। इससे कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन लगभग 150 अरब डॉलर (लगभग 1,28,621 करोड़ रुपये) घटा है।