AI की मदद से हुआ बच्चा, IVF की दुनिया में नई मेडिटकल क्रांति!

अब AI बेस्ड STAR (Sperm Tracking and Recovery) तकनीक ने पूरी सूरत बदल दी। ये सिस्टम लाखों माइक्रोस्कोपिक इमेजेस को हाई-रिजॉल्यूशन से स्कैन करता है और उनमें छुपे, चलने-फिरने वाले, बेहद कमोर स्पर्म को भी डिटेक्ट करने में माहिर है।

AI की मदद से हुआ बच्चा, IVF की दुनिया में नई मेडिटकल क्रांति!

Photo Credit: Unsplash/ Igor Omilaev

फिलहाल यह STAR टेक्नोलॉजी सिर्फ Columbia University Fertility Center में उपलब्ध है

ख़ास बातें
  • 8 साल बाद AI ने azoospermia वाले दंपती की उम्मीद जगाई
  • Columbia University के STAR सिस्टम ने छुपे स्पर्म को खोज निकाला
  • AI बेस्ड IVF इलाज से नई जिंदगी, पहले केवल सर्जरी का ऑप्शन बचा था
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अमेरिका के Columbia University Fertility Center में मेडिकल साइंस ने नई मिसाल कायम की है। यहां एक दंपति, जो 18 साल से बच्चे के लिए संघर्ष कर रहा था, पहली बार मां-बाप बनने की उम्मीद पा सका और यह सब संभव हुआ AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बदौलत। यह उपलब्धि उन तमाम परिवारों के लिए उम्मीद की किरण है, जिन्हें अब तक बार-बार IVF में नाकामी झेलनी पड़ी थी।

CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, इस कपल को लंबे समय से मेल इन्फर्टिलिटी (azoospermia) की वजह से सफर करना पड़ रहा था, ऐसी स्थिति जिसमें स्पर्म प्रैक्टिकली मौजूद ही नहीं दिखते। पिछले 18 सालों में उन्होंने सफरिंग, मेडिकल खर्चे और इमोशनली थकाने वाले IVF साइकल कई देशों में ट्राय किए पर हर बार परिणाम शून्य रहा। डॉक्टर्स ने आखिरी विकल्प के तौर पर दर्दनाक सर्जरी या डोनर स्पर्म सजेस्ट किया, लेकिन कपल बायोलॉजिकल बच्चा ही चाहता था।

अब AI बेस्ड STAR (Sperm Tracking and Recovery) तकनीक ने पूरी सूरत बदल दी। ये सिस्टम लाखों माइक्रोस्कोपिक इमेजेस को हाई-रिजॉल्यूशन से स्कैन करता है और उनमें छुपे, चलने-फिरने वाले, बेहद कमोर स्पर्म को भी डिटेक्ट करने में माहिर है। इसी केस में STAR ने करीब 80 लाख इमेज स्कैन करके तीन हेल्दी स्पर्म खोज निकाले, जिन्हें फिर इंजेक्ट कर महिला के एग्स से सफल IVF कराया गया और कपल पहली बार प्रेगनेंट होने में सफल रहा।

AI ने क्या-क्या बदला?

AI से अब मेल इन्फर्टिलिटी के जटिल मामलों में भी सर्जरी की जरूरत बेहद कम हो गई है, और बायोलॉजिकल पैरेंटहुड का सपना ज्यादा सटीक व कम खर्च में पूरा हो सकता है। STAR जैसे सिस्टम की मदद से स्पर्म डिटेक्शन और सलेक्शन की लागत करीब $3000 (लगभग 2.63 लाख रुपये) होने की उम्मीद है, जो पारंपरिक IVF की महंगी $30,000 (करीब 26 लाख रुपये) तक की कीमत के मुकाबले बेहद कम है।

फिलहाल यह STAR टेक्नोलॉजी सिर्फ Columbia University Fertility Center में उपलब्ध है, मगर इसकी सफलता देखते हुए दुनिया के कई फर्टिलिटी क्लीनिक इसे अपनाने की तैयारी कर रहे हैं। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि ऐसे AI बेस्ड सिस्टम्स इस दिशा में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए तैयार हैं।

AI ने 18 साल की इन्फर्टिलिटी कैसे खत्म की?

Columbia University की STAR तकनीक ने लाखों माइक्रोस्कोपिक इमेजेस स्कैन कर छुपे हुए स्पर्म खोजे और IVF में कामयाबी दिलाई।

इस दंपती को किस समस्या का सामना था?

पुरुष पार्टनर में Azoospermia था, यानी स्पर्म मौजूद नहीं था, जिसके कारण प्रेगनेंसी संभव नहीं हो पा रही थी।

STAR सिस्टम में क्या खासियत है?

यह AI आधारित इमेजिंग तकनीक बेहद कम मात्रा में मौजूद सही स्पर्म की पहचान कर उन्हें सुरक्षित तरीके से निकालती है।

क्या यह तकनीक हर क्लिनिक में उपलब्ध है?

फिलहाल यह तकनीक केवल Columbia University Fertility Center में उपलब्ध है, लेकिन भविष्य में व्यापक रूप से अपनाई जा सकती है।

AI का अन्य इन्फर्टिलिटी इलाज में क्या योगदान है?

AI की मदद से स्पर्म और एम्ब्रियो का चयन बेहतर बनता है, इलाज सस्ते और अधिक प्रभावी होते हैं।

यह इलाज पारंपरिक IVF से कितना अलग है?

AI आधारित सिस्टम में सर्जिकल एक्सट्रैक्शन की जरूरत कम हो जाती है और सफलता दर में सुधार होता है।

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नितेश पपनोई Nitesh has almost seven years of experience in news writing and reviewing tech products like smartphones, headphones, and smartwatches. At Gadgets 360, he is covering all ...और भी
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