Axiom-4 मिशन के जरिए ISS पर भारतीय एस्ट्रोनॉट, Shubhanshu Shukla के साथ अमेरिका की Peggy Whitson, पोलैंड के Slawosz Uznanski Wisniewski और हंगरी के Tibor Kapu को जाना है। अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA, Axiom Space और SpaceX की ओर से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर ऑपरेशनल और सेफ्टी से जुड़ी आशंकाओं को दूर किया जा रहा है।
एलन मस्क (Elon Musk) की कंपनी स्पेसएक्स (SpaceX) के रॉकेट में बुधवार को स्टैटिक फायर टेस्ट के दौरान ब्लास्ट हुआ। यह घटना स्पेसक्राफ्ट के इंजन के रूटीन चेकअप के दौरान हुई। फुटेज में रॉकेट के बेस से एक बड़ा विस्फोट हुआ, जिससे आसपास का इलाके में आग और धुआं फैल जाता है। आपको बता दें कि यह पहली बार नहीं कि जब एलन मस्क की कंपनी में ऐसा कोई विस्फोट हुआ।
SpaceX कंपनी Starlink सैटेलाइट इंटरनेट सर्विसेज उपलब्ध करवाती है जिसे कंपनी लगातार एक्सपेंड कर रही है। इसके सैटेलाइट्स की संख्या लगातार बढ़ रही है। कंपनी ने गुरूवार को स्टारलिंक सैटेलाइट के तारामंडल में 28 नए मेंबर जोड़ दिए। कंपनी के 7200 सैटेलाइट्स पहले से ही Starlink सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस उपलब्ध करवाने के लिए पृथ्वी की निचली कक्षा में तैनात हैं। सैटेलाइट इंटरनेट पृथ्वी के दुर्गम हिस्सों में भी पहुंच सकता है।
यह मिशन चंद्रमा पर वातावरण और अन्य स्थितियों को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध करा सकता है। भारत का लक्ष्य 2040 तक चंद्रमा पर ह्युमन मिशन भेजने का है। चंद्रयान-5 मिशन में लगभग 350 किलोग्राम के रोवर का इस्तेमाल किया जा सकता है। इस मिशन में जापान का भी सहयोग लिया जाएगा। इससे पहले ISRO ने चंद्रयान-4 मिशन के लिए तैयारी शुरू की है।
विलियम्स और उनके साथी एस्ट्रोनॉट Butch Wilmore को लाने के लिए NASA और बिलिनेयर Elon Musk की कंपनी SpaceX ने शुक्रवार को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर एक नया क्रू भेजा है। NASA के केनेडी स्पेस सेंटर से Falcon 9 रॉकेट के जरिए Dragon स्पेसक्राफ्ट पर Crew-10 मिशन को लॉन्च किया गया है। इस क्रू में चार एस्ट्रोनॉट शामिल हैं।
अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA ने बताया विलियम्स और उनके साथ ISS पर फंसे Butch Wilmore को लाने के लिए SpaceX के Falcon 9 रॉकेट का लॉन्च तकनीकी मुश्किलों के कारण टाल दिया गया है। SpaceX के मालिक बिलिनेयर Elon Musk हैं। अमेरिका में फ्लोरिडा के Kennedy Space Centre से Crew-10 मिशन को Falcon 9 के साथ हाइड्रॉलिक समस्या की वजह से टाला गया है।
एलन मस्क (Elon Musk) को बीते दिन एक बड़ा झटका अपने स्पेस मिशन में लगा। जब इसका भारी भरकम रॉकेट Starship उड़ान भरने के कुछ समय बाद ही आसमान में जा फटा और इसके टुकड़े आग के गोलों के रूप में नीचे धरती पर गिरने लगे। स्टारशिप की यह 8वीं परीक्षण उड़ान थी। कंट्रोल रूम का संपर्क टूट गया और रॉकेट के इंजन बंद हो गए और स्टारशिप रॉकेट फट गया।
विलियम्स के साथ Butch Wilmore भी पिछले कई महीनों से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर फंसे हैं। इन दोनों एस्ट्रोनॉट्स को बिलिनेयर Elon Musk की कंपनी SpaceX के Dragon स्पेसक्राफ्ट से वापस लाया जाएगा। पिछले वर्ष जून में विलियम्स और विल्मोर आठ दिन के मिशन के लिए ISS पर पहुंचे थे। Boeing के Starliner स्पेसक्राफ्ट में तकनीकी समस्या के कारण विलियम्स और विल्मोर की वापसी मुश्किल हो गई था।
अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA ने चंद्रमा पर पानी की खोज के लिए Lunar Trailblazer सैटेलाइट लॉन्च किया है। इसका भार लगभग 200 किलोग्राम का है। इसके सोलर पैनल पूरी तरह खुले होने पर यह लगभग 3.5 मीटर चौड़ा है। इस सैटेलाइट को फ्लोरिडा में Kennedy Space Center से स्पेस में लॉन्च किया गया है।
SPHEREx कहे जाने वाले इस टेलीस्कोप का साइज छोटा है लेकिन यह अपने लगभग दो वर्ष के मिशन में बड़ी मात्रा में जानकारी उपलब्ध कराएगा। यह एक इंफ्रारेड टेलीस्कोप है जिसका डिजाइन स्पेक्ट्रोस्कोपिक इमेजेज लेने के लिए बनाया गया है। स्पेक्ट्रोस्कोपिक इमेजेज एक सोर्स से लाइट की अलग वेवलेंथ को मापती हैं। इससे ब्रह्मांड और तारा समूह की ग्रोथ के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकेगी।
चंद्रयान-4 का कुल भार लगभग 9,200 किलोग्राम का होगा। यह चंद्रयान-3 की तुलना में दोगुने से अधिक है। इसका साइज अधिक होने की वजह से दो लॉन्च व्हीकल मार्क- III (LVM 3) रॉकेट्स का इस्तेमाल जरूरी है। ये रॉकेट पांच विभिन्न मॉड्यूल्स को धरती के ऑर्बिट में ले जाएंगे, जहां चंद्रमा की यात्रा से पहले इन मॉड्यूल्स की डॉकिंग की जाएगी।
अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA ने बताया है कि ISS के लिए क्रू-10 मिशन को 25 मार्च के बजाय 12 मार्च को लॉन्च करने का टारगेट है। विलियम्स के साथी एस्ट्रोनॉट Butch Wilmore को भी इस मिशन में लाया जाएगा। NASA ने कहा है कि क्रू-10 मिशन नए स्पेसक्राफ्ट के बजाय पहले उड़ान भर चुके SpaceX के स्पेसक्राफ्ट Endurance का इस्तेमाल करेगा।
देश के स्पेस एक्सप्लोरेशन के प्रयासों में यह एक महत्वपूर्ण कदम होगा। इस मिशन का उद्देश्य चंद्रमा से सैम्पल वापस धरती पर लाना होगा। इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट में पांच अलग कंपोनेंट्स को ले जाने के लिए LVM-3 रॉकेट के कम से कम दो लॉन्च की जरूरत होगी। यह चंद्रमा से सैम्पल लाने की देश की पहली कोशिश होगी। इससे स्पेस रिसर्च में भारत की वैज्ञानिक और तकनीकी क्षमताएं बढ़ेंगी।
ISRO ने सैटेलाइट लॉन्च के मामले में शतक लगा दिया है। ISRO ने अपना 100वां रॉकेट मिशन सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है जिसके बाद रॉकेट लॉन्च में एजेंसी की सेंचुरी पूरी हो गई है। स्पेस एजेंसी ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से अपना GSLV-F15 रॉकेट लॉन्च किया जो NVS-02 सैटेलाइट को लेकर गया था। कंपनी के चेयरमैन वी नारायणन के इसरो में आने के बाद यह कंपनी का पहला मिशन भी था।
अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के एक एस्ट्रोनॉट ने महाकुंभ की हैरतअंगेज पिक्चर्स ली हैं। इनमें गंगा नदी के रोशनी से सजे किनारे दिख रहे हैं। महाकुंभ की ये पिक्चर्स इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से एस्ट्रोनॉट Don Pettit ने कैप्चर की हैं। इन पिक्चर्स को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर शेयर किया गया है। इनमें रोशनी से चमकते गंगा के किनारों पर बड़ी संख्या में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की कतार दिख रही है।