भारत के एस्ट्रोनॉट Shubhanshu Shukla को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर ले जाने वाला Axiom-4 मिशन अब 19 जून को लॉन्च किया जाएगा। बिलिनेयर Elon Musk की रॉकेट कंपनी SpaceX की एक टीम ने यह पुष्टि की है कि इस Axiom-4 मिशन को टालने के पीछे की समस्या का समाधान किया गया है।
इस स्पेस मिशन को 29 मई को लॉन्च किया जाना था। हालांकि, इसके बाद इसे 8 जून, 10 जून और 11 जून को टाला गया था। इसके लिए लॉन्च रॉकेट और स्पेस कैप्सूल उपलब्ध कराने वाली SpaceX ने बताया था कि Falcon-9 रॉकेट में एक लिक्विड ऑक्सिजन लीक की वजह से 11 जून को इस मिशन का लॉन्च टाला गया था। साइंस एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्टर Jitendra Singh ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक
ट्वीट के जरिए भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला सहित विभिन्न देशों के क्रू को ISS पर ले जाने वाले इस मिशन के 19 जून को लॉन्च की जानकारी दी है। इस मिशन में देश के शुभांशु शुक्ला के अलावा अमेरिका की Peggy Whitson, पोलैंड के Slawosz Uznanski Wisniewski और हंगरी के Tibor Kapu शामिल हैं।
इन एस्ट्रोनॉट्स के साथ शून्य ग्रेविटी के उनके संकेतक के तौर पर Joy कहे जाने वाले एक स्वैन टॉय को भी भेजा जा रहा है। इस सप्ताह की शुरुआत में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के चेयरमैन, V Narayanan ने बताया कि टेस्ट के दौरान प्रोपल्शन बे में एक LOx लीक मिलने के कारण इस स्पेसफ्लाइट को टाला गया है। Axiom Space और बिलिनेयर Elon Musk की
SpaceX के टेक्निकल एक्सपर्ट्स ने इस समस्या पर चर्चा करने के बाद इसे ठीक करने का फैसला किया था। इस देरी को ऑपरेशंस और क्रू की सुरक्षा की जरूरतों को पूरा करने के एक महत्वपूर्ण चरण के तौर पर देखा जा रहा है।
अमेरिकी स्पेस इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपर Axiom Space ने बताया है कि पिछले 40 वर्षों से अधिक में यह पहली बार है कि जब अमेरिका की सरकार ने भारत, पोलैंड या हंगरी के एस्ट्रोनॉट्स वाली एक स्पेसफ्लाइट को स्वीकृति दी है। भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री Rakesh Sharma ने 1984 में अंतरिक्ष में पहुंचकर इतिहास बनाया था। हालांकि, शुक्ला एक स्पेसक्राफ्ट के पहले भारतीय पायलट होंगे। इस मिशन में मिशन कमाडंर की जिम्मेदारी अमेरिका की Peggy Whitson के पास होगी।