Spacex News

Spacex News - ख़बरें

  • Starlink के सैटेलाइट गिर रहे हैं! पृथ्वी के लिए नया खतरा
    स्टारलिंक के सैटेलाइट लगभग रोजाना पृथ्वी पर वापस गिर रहे हैं। जिससे वैज्ञानिकों में अंतरिक्ष मलबे की संभावित चेन रिएक्शन के बारे में चिंता बढ़ रही है, जो धरती की निचली कक्षा की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं। प्राप्त किए गए डेटा के अनुसार मौजूदा समय में लगभग एक से दो स्टारलिंक सैटेलाइट प्रतिदिन पृथ्वी के वायुमंडल में पुनः प्रवेश करते हैं। अगर ऐसा ही जारी रहता है तो आने वाले वर्षों में और अधिक तारामंडलों के पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश करने के साथ सैटेलाइट वापस गिरने की यह संख्या प्रतिदिन पाँच तक बढ़ सकती है।
  • भारतीय एस्ट्रोनॉट Shubhanshu Shukla का Axiom-4 मिशन 19 जून को होगा लॉन्च
    बिलिनेयर Elon Musk की रॉकेट कंपनी SpaceX की एक टीम ने यह पुष्टि की है कि इस Axiom-4 मिशन को टालने के पीछे की समस्या का समाधान किया गया है। इस स्पेस मिशन को 29 मई को लॉन्च किया जाना था। हालांकि, इसके बाद इसे 8 जून, 10 जून और 11 जून को टाला गया था। SpaceX ने बताया था कि Falcon-9 रॉकेट में एक लिक्विड ऑक्सिजन लीक की वजह से 11 जून को इस मिशन का लॉन्च टाला गया था।
  • सोलर तूफानों से Elon Musk की Starlink के सैटेलाइट्स आसमान से गिर रहे
    अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के Goddard Space Flight Centre में स्पेस फिजिसिस्ट, Denny Oliveira ने पिछले कुछ वर्षों में धरती पर वापस गिरे स्टारलिंक के 523 सैटेलाइट्स पर एक स्टडी की अगुवाई की है। इस स्टडी में पता चला है कि सूर्य में विस्फोटों से बनने वाले जियोमैग्नेटिक तूफानों से वातावरण में खिंचाव बढ़ता है और इससे सैटेलाइट्स ऑर्बिट से गिरकर तेजी से वातावरण में दोबारा एंट्री करते हैं।
  • आज रात फ‍िर उड़ेगा दुनिया का सबसे भारी रॉकेट Starship! मकसद क्‍या है? जानें
    दुनिया के सबसे भारी रॉकेट में रूप में ‘शोहरत’ पा चुका स्‍पेसएक्‍स का ‘स्‍टारशिप’ (Starship) एक बार फ‍िर टेस्‍ट फ्लाइट से गुजरने जा रहा है। भारतीय समय के अनुसार, 19 नवंबर की रात करीब 2.45 बजे इसे लॉन्‍च किया जा सकता है। पिछली पांचों टेस्‍ट फ्लाइट्स की तरह इस बार भी रॉकेट के दोनों हिस्‍सों- फर्स्‍ट स्‍टेज और अपर स्‍टेज को परखा जाएगा।
  • Elon Musk की कंपनी ने क्‍यों लॉन्‍च किया ISRO का सैटेलाइट? क्‍या भारत के पास नहीं है क्षमता? जानें
    स्‍पेसएक्‍स के फाल्‍कन-9 रॉकेट ने इसरो के GSAT-N2 कम्‍युनिकेशंस सैटेलाइट को अंतरिक्ष में पहुंचाया। GSAT-N2 सैटेलाइट का वजन 10360 पाउंड यानी करीब 4700 किलोग्राम है। इसे अंतरिक्ष में ऐसी कक्षा में पहुंचाया गया है, जो हमारी पृथ्‍वी से 22,236 मील (35,786 किलोमीटर) ऊपर स्थित है। एक रिपोर्ट के अनुसार, कोई भी भारतीय रॉकेट इतने भारी पेलोड को इतनी दूर तक नहीं ले जा सकता, इसलिए इसरो ने फाल्कन-9 रॉकेट का चुनाव किया।
  • 232 दिनों तक अंतरिक्ष में रहने के बाद धरती पर लौटे 4 अंतरिक्ष यात्री, देखें Video
    इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन (ISS) में कई दिनों तक रुकने के बाद चार अंतरिक्ष यात्री सकुशल पृथ्‍वी पर लौट आए हैं। क्रू8 (Crew-8) के एस्‍ट्रोनॉट्स- मैथ्यू डोमिनिक, माइकल बैरेट, जीनेट एप्स और अलेक्जेंडर ग्रेबेनकिन ने शुक्रवार को फ्लोरिडा के पेंसाकोला के तट से दूर मैक्सिको की खाड़ी में लैंड किया। ये अंतरिक्ष यात्री 232 दिनों तक स्‍पेस में रुके। उन्‍हें दो हफ्तों से ज्‍यादा वक्‍त तक इंतजार करना पड़ा, क्‍योंकि मौसम साथ नहीं दे रहा था।
  • Big Breaking : स्‍पेसएक्‍स ने रचा इतिहास, दुनिया के सबसे भारी रॉकेट का लॉन्‍च टेस्‍ट ‘कामयाब’, बूस्‍टर की सफल लैंडिंग
    अंतरिक्ष के क्षेत्र में रविवार को इतिहास रचा गया। एलन मस्‍क की स्‍पेस कंपनी स्‍पेसएक्‍स ने दुनिया के सबसे भारी रॉकेट स्‍टारशिप का पांचवीं बार परीक्षण किया। स्‍पेसएक्‍स को बड़ी कामयाबी मिली, क्‍योंकि रॉकेट का बूस्‍टर लॉन्‍च साइट पर वापस लौट आया। वहीं, अपर स्‍टेज भी तय समय पर स्‍पैलशडाउन के लिए हिंद महासागर में पहुंच गया। यह भविष्‍य में इंसान को मंगल ग्रह (Mars) तक ले जाने का रास्‍ता पुख्‍ता करेगा।
  • Elon Musk की बड़ी कामयाबी! अंतरिक्ष से मोबाइलों में भेजे अलर्ट मैसेज
    स्‍पेसएक्‍स (SpaceX) की स्‍टारलिंक सैटेलाइट सर्विस को अमेरिका के फेडरल कम्युनिकेशंस कमीशन (FCC) ने देश के कुछ हिस्‍सों में डायरेक्ट-टू-सेल सर्विस देने की मंजूरी दी है। आसान भाषा में समझाएं तो अमेरिकी यूजर्स के मोबाइल में सीधे सैटेलाइट से नेटवर्क आ रहा है। हालांकि यह मंजूरी उत्तरी कैरोलिना के इलाकों के लिए दी गई है, क्‍योंकि वहां तूफान हेलेन के कारण टेलिकॉम इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर को नुकसान पहुंचा है।
  • आज अंतरिक्ष में उड़ेगा ‘हेरा’, 2026 में वहां पहुंचेगा, जहां एस्‍टरॉयड से टकराया था Nasa का स्‍पेसक्राफ्ट, मकसद क्‍या है?
    नासा ने साल 2022 में DART (डबल एस्‍टरॉयड रीडायरेक्‍शन टेस्‍ट) मिशन को टेस्‍ट किया था। एक स्‍पेसक्राफ्ट को डिमोर्फोस एस्‍टरॉयड से टकराया था। शुरुआती नतीजे उत्‍साहजनक रहे थे और नासा ने कन्‍फर्म किया था कि टक्‍कर के कारण एस्‍टरॉयड के पथ में बदलाव हुआ। नासा अपने मकसद में कितना कामयाब रही, यह पता लगाने के लिए SpaceX हेरा स्‍पेसक्राफ्ट को लॉन्‍च करने जा रही है। यह साल 2026 में डिमोर्फोस तक पहुंचकर उसे हुए इम्‍पैक्‍ट का आकलन करेगा।
  • सुनीता विलियम्‍स को लाने अंतरिक्ष में पहुंचा ‘फ्रीडम’, कब तक होगी वापसी? जानें
    अंतरिक्ष में ‘फंसी’ भारतीय मूल की एस्‍ट्रोनॉट सुनीता विलियम्‍स जिस स्‍पेसक्राफ्ट से वापस लौटेंगी, वह इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन पर पहुंच गया है। स्‍पेसएक्‍स के क्रू-9 मिशन ने आईएसएस पर डॉक किया है। क्रू-9 के ड्रैगन कैप्‍सूल का नाम फ्रीडम है। दो अंतरिक्ष यात्री स्‍पेस स्‍टेशन पहुंचे हैं। जब ये वापस लौटेंगे तो कुल यात्रियों की संख्‍या 4 होगी, जिसमें सुनीता विल‍ियम्‍स और उनके साथी बुच विल्‍मोर भी होंगे। वापसी अगले साल फरवरी में हो सकती है।
  • अरबपति जेरेड इसाकमैन ने अंतरिक्ष में नहीं की स्‍पेसवॉक, वह एक SEVA था, जानें इसका मतलब
    पृथ्‍वी से 700 किलोमीटर ऊपर अंतर‍िक्ष में गुरुवार को इतिहास रचा गया। पहली बार एक प्राइवेट कमर्शल ‘स्टैंड-अप एक्स्ट्रावेहिकुलर एक्टिविटी’ (SEVA) की गई। ज्‍यादातर खबरों में इसे स्‍पेसवॉक कहा जा रहा है। ऐसा नहीं है। स्‍पेसवॉक के लिए विज्ञान में EVA (एक्स्ट्रावेहिकुलर एक्टिविटी) टर्म इस्‍तेमाल होता है, जबकि गुरुवार को किया गया प्रयास एक ‘स्टैंड-अप एक्स्ट्रावेहिकुलर एक्टिविटी’ थी। EVA में अंतरिक्ष स्‍पेसक्राफ्ट को पूरी तरह से छोड़ देता है, जबकि SEVA में वह पूरी तरह स्‍पेसक्राफ्ट से नहीं निकलता।
  • आज रचेगा इतिहास, पहली बार अंतरिक्ष में होगी प्राइवेट स्‍पेसवॉक, एक अरबपति करेगा चहलकदमी, ऐसे देखें LIVE
    पहली बार अंतरिक्ष में आज एक प्राइवेट स्‍पेसवॉक हो रही है। पृथ्‍वी से लगभग 700 किलोमीटर की ऊंचाई पर यह स्‍पेसवॉक होगी। इस ऊंचाई तक साल 1970 के बाद से इंसान पहली बार पहुंचा है। पोलारिस डॉन मिशन के तहत होने जा रही इस स्‍पेसवॉक में जेरेड इसाकमैन और सारा गिलिस शामिल होंगे। जेरेड इसाकमैन ने मिशन को फंड किया है और लीड कर रहे हैं। वह एक जाने-माने अरबपति बिजनेसमैन हैं। स्‍पेसएक्‍स इसे लाइव दिखाएगा।
  • Elon Musk ने बता दी मंगल ग्रह पर जाने की तारीख! 2026 से उड़ान भरेगा स्‍टारशिप रॉकेट
    एलन मस्‍क का मानना है कि अगर सबकुछ प्‍लानिंग के हिसाब से हुआ तो स्टारशिप रॉकेट दो साल बाद मंगल ग्रह के लिए उड़ान भरना शुरू कर देगा। एक पोस्‍ट में उन्‍होंने कहा कि मंगल पर सेफ लैंडिंग से जुड़े परीक्षणों में एस्‍ट्रोनॉट्स को शामिल नहीं किया जाएगा। कामयाबी मिली तो क्रू म‍िशन को अगले चार साल में भेजा जा सकता है। मस्‍क ने उम्‍मीद जताई कि एक बार सफलता मिलने के बाद उड़ान भरने की दर तेज होगी।
  • सैटेलाइट लॉन्‍च करके लौट रहा SpaceX का Falcon 9 रॉकेट बूस्‍टर बना ‘आग का गोला’, देखें Live Video
    Falcon 9 rocket Blast : बुधवार को फाल्‍कन-9 रॉकेट के फर्स्‍ट-स्‍टेज बूस्‍टर की सही से लैंडिंग नहीं हो पाई और उसमें आग लग गई।
  • What is Crew-9? एलन मस्‍क और नासा वापस लाएंगे सुनीता विल‍ियम्‍स को! जानें क्‍या है क्रू-9 मिशन
    Sunita Williams : सुनीता और बुच अब बोइंग के स्‍टारलाइनर पर सवार नहीं होंगे।

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