ग्लोबल स्मार्टफोन और टेक कंपनी Apple ने अपनी नई iPhone 14 सीरीज के कुछ मॉडल्स की भारत में मैन्युफैक्चरिंग शुरू करने की पिछले महीने घोषणा की थी। इसे चीन में मैन्युफैक्चरिंग को कम करने की कंपनी की योजना के हिस्से के तौर पर देखा जा रहा है। अमेरिका और चीन के बीच तनाव बढ़ने के कारण बहुत सी अमेरिकी कंपनियां चीन में बिजनेस को लेकर अपनी स्ट्रैटेजी बदल रही हैं।
Apple के लिए कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग करने वाली Foxconn के चेन्नई के निकट प्लांट में भारतीय मार्केट के लिए iPhone 14 सीरीज के स्मार्टफोन्स की असेंबलिंग शुरू हो गई है। पिछले सप्ताह यह रिपोर्ट आई थी कि Apple ने पहली बार AirPods और Beats हेडफोन का कुछ प्रोडक्शन भी भारत में करने का फैसला किया है। एनालिस्ट Ming Chi Kuo ने
ट्वीट्स कर बताया है कि कंपंनी कैसे चीन पर अपनी निर्भरता कम करने की योजना बना रही है। उन्होंने सप्लाई चेन सर्वे से महत्वपूर्ण निष्कर्षों का खुलासा करते हुए कंपनी की सप्लाई चेन मैनेजमेंट से जुड़ी स्ट्रैटेजी की जानकारी दी है। इसमें iPhone के प्रोडक्शन का बड़ा हिस्सा भारत में शिफ्ट करना और MacBook का कुछ प्रोडक्शन और असेंबलिंग थाईलैंड ले जाना शामिल है।
Kuo ने बताया कि एपल की योजना भारत में ग्लोबल iPhone असेंबली बिजनेस के लिए टाटा ग्रुप के साथ पार्टनरशिप करने की है। इस योजना में ताइवान की इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग फर्में Pegatron या Wistron भी शामिल हो सकती हैं। भारत में बनने वाले आईफोन्स में से 80 प्रतिशत से अधिक देश में बेचे जाते हैं।
आईफोन का भारत से
एक्सपोर्ट अप्रैल से एक अरब डॉलर से अधिक हो गया है। इससे भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में एक बड़ी ताकत बनने का संकेत मिल रहा है। कंपनी के एक्सपोर्ट की मौजूदा दर से अगले वर्ष मार्च तक यह आंकड़ा 2.5 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। भारत में बने iPhone का Apple मुख्यतौर पर यूरोप और मिडल ईस्ट को एक्सपोर्ट करती है। पिछले फाइनेंशियल ईयर में कंपनी ने लगभग 1.3 अरब डॉलर के स्मार्टफोन्स का भारत से एक्सपोर्ट किया था। हालांकि, आईफोन के कुल प्रोडक्शन में भारत की हिस्सेदारी बहुत कम है। एक्सपोर्ट में बढ़ोतरी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की देश को प्रोडक्शन हब के तौर पर चीन का विकल्प बनाने की योजना के लिए अच्छी प्रगति है। Apple कई वर्षों से अपने आईफोन का अधिकतर प्रोडक्शन चीन में करती है।