अमेरिकी डिवाइसेज मेकर Apple को इंडोनेशिया की इनवेस्टमेंट से जुड़ी शर्त मानने के बाद iPhone 16 बेचने की अनुमति मिल गई है। कंपनी ने इंडोनेशिया में एक अरब डॉलर का इनवेस्टमेंट करने का वादा किया है। यह इनवेस्टमेंट मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने में किया जा सकता है।
Bloomberg की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस सप्ताह इंडोनेशिया की सरकार और
एपल के बीच एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर हो सकते हैं। इस बारे में जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि इसे लेकर एक संवाददाता सम्मेलन भी किया जाएगा। एपल को जल्द ही आईफोन 16 की बिक्री के लिए परमिट जारी किया जा सकता है। पिछले वर्ष अक्टूबर में कंपनी को इंडोनेशिया में आईफोन 16 की बिक्री के लिए परमिट देने से मना कर दिया गया था। इसका कारण स्मार्टफोन्स और टैबलेट्स की लोकल मैन्युफैक्चरिंग की शर्तों को पूरा करने में नाकाम रहना था।
एपल ने इसके बाद एक अरब डॉलर का इनवेस्टमेंट करने की पेशकश की थी। इसके साथ ही कंपनी के प्रोडक्ट्स के रिसर्च एंड डिवेलपमेंट को लेकर इंडोनेशिया में ट्रेनिंग भी दी जाएगी। हालांकि, सूत्रों ने बताया है कि एपल की इस देश में आईफोन्स की जल्द मैन्युफैक्चरिंग की योजना नहीं है। हाल ही में लॉन्च किए गए एपल के अफोर्डेबल iPhone 16e की भारत में असेंबलिंग शुरू हो गई है। यह लगभग तीन वर्ष पहले पेश किए गए iPhone SE की जगह लेगा। देश में पिछले कुछ वर्षों ने एपल ने अपनी मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाया है।
भारत में असेंबल किए जा रहे iPhone 16e की भारत में बिक्री के साथ ही कुछ देशों को एक्सपोर्ट भी किया जाएगा। इससे पहले कंपनी की iPhone 16 सीरीज की भी देश में असेंबलिंग की जा रही है। एपल ने आईफोन 16 सीरीज के साथ देश में पहली बार
आईफोन के Pro मॉडल्स को बनाना शुरू किया था। इससे पहले कंपनी के Pro मॉडल्स की असेंबलिंग चीन में होती थी। कंपनी के लिए ताइवान की Foxconn सबसे बड़ी कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर है। Foxconn के पास भारत और चीन में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट हैं। कुछ अन्य कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां भी आईफोन और कंपनी के अन्य डिवाइसेज की देश में असेंबलिंग करती हैं। भारत की Tata Electronics भी इनमें शामिल है। iPhone 16e में OLED डिस्प्ले और Apple Intelligence फीचर्स के लिए सपोर्ट है। इसमें एक बड़ा अपग्रेड कंपनी के नए प्रॉपराइटरी C1 मॉडम के तौर पर किया गया है।