बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनियों में शामिल Infosys का मौजूदा फाइनेंशियल ईयर की तीसरी तिमाही में कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट 11 प्रतिशत से अधिक बढ़कर लगभग 6,806 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। पिछले फाइनेंशियल ईयर की इसी तिमाही में कंपनी का नेट प्रॉफिट लगभग 6,106 करोड़ रुपये का था।
तीसरी तिमाही में इंफोसिस का ऑपरेशंस से रेवेन्यू सात प्रतिशत से अधिक बढ़कर लगभग 41,764 करोड़ रुपये का है। इस रेवेन्यू में फाइनेंशियल सर्विसेज और मैन्युफैक्चरिंग वर्टिकल्स की हिस्सेदारी लगभग 27.8 प्रतिशत और लगभग 15.5 प्रतिशत की रही है। भारत और यूरोप में कंपनी ने वर्ष-दर-वर्ष आधार पर डबल डिजिट में ग्रोथ हासिल की है। नॉर्थ अमेरिका में
इंफोसिस के लिए ग्रोथ लगभग पांच प्रतिशत की है। कंपनी के CEO, Salil Parekh ने बताया, "अमेरिका में फाइनेंशियल सर्विसेज वर्टिकल में तीसरी तिमाही में मजबूत ग्रोथ हुई है। इसके अलावा रिटेल और कंज्यूमर प्रोडक्ट इंडस्ट्री में भी सुधार हो रहा है।"
इंफोसिस ने लगातार तीसरी तिमाही में मौजूदा फाइनेंशियल ईयर के लिए रेवेन्यू के गाइडेंस को बढ़ाया है। इस फाइनेंशियल ईयर में कंपनी को रेवेन्यू में 4.5 प्रतिशत से 5 प्रतिशत की ग्रोथ मिलने का अनुमान है। पिछली तिमाही में
कंपनी ने 5,591 नए वर्कर्स को जोड़ा है। इसके वर्कर्स की कुल संख्या 3,23,379 की है। कंपनी ने बताया कि मौजूदा फाइनेंशियल ईयर में 15,000 से अधिक वर्कर्स की हायरिंग की अपनी योजना को पूरा करेगी।
पिछले वर्ष कंपनी को नए ग्रेजुएट्स की जॉइनिंग को टालने की वजह से आलोचना का सामना करना पड़ा था। इसके बाद कंपनी ने इन फ्रेशर्स को ऑफर लेटर जारी किए थे। सॉफ्टवेयर वर्कर्स की एक यूनियन ने चेतावनी दी थी कि अगर फ्रेशर्स की जॉइनिंग की तिथि को टाला जाता है तो कंपनी के खिलाफ प्रदर्शन किया जाएगा। ये युवा इंजीनियर्स लगभग दो वर्षों से जॉइनिंग का इंतजार कर रहे थे। इन्हें सिस्टम इंजीनियर्स के तौर पर 2022 में कंपनी में नियुक्ति का ऑफर दिया गया था। इन्हें दो प्री-ट्रेनिंग सेशन में भी मौजूद होने का निर्देश दिया गया था। हालांकि, इनकी जॉइनिंग में काफी देरी हुई थी। हालांकि, कंपनी ने कहा था कि उसने कुछ तिथियों को एडजस्ट किया है। इसके अलावा उसकी हायरिंग की योजना में बदलाव नहीं किया गया है। पिछले कुछ वर्षों में IT कंपनियों की ओर से फ्रेशर्स की जॉइनिंग को टालने से जुड़ी शिकायतें बढ़ी हैं।