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Revenue - ख़बरें

  • BSNL की 5G सर्विस के लॉन्च की तैयारी, पूरा हुआ ट्रायल
    कंपनी ने 5G नेटवर्क के लिए टेस्टिंग पूरी कर ली है। कंपनी के 4G नेटवर्क को अपग्रेड किया जा सकता है और इसके लिए ट्रायल किया जा रहा है। कंपनी की 5G सर्विस को जल्द लॉन्च किया जाएगा। पिछले महीने प्रधानमंत्री Narendra Modi ने BSNL के लगभग एक लाख 4G टावर्स का उद्धाटन किया था। कंपनी के 4G नेटवर्क के लिए स्वदेशी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया है।
  • TCS को लगा झटका, प्रॉफिट में 5 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट
    TCS ने दूसरी तिमाही में लगभग 1,135 करोड़ रुपये का असाधारण खर्च किया है। यह खर्च रिस्ट्रक्चरिंग से जुड़ा है। जुलाई से सितंबर की अवधि में कंपनी का रेवेन्यू लगभग 3.7 प्रतिशत बढ़कर 65,799 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इससे पिछली तिमाही में यह 63,437 करोड़ रुपये का था। दूसरी तिमाही में TCS की कुल कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू लगभग 10 अरब डॉलर की है।
  • BSNL का 4G नेटवर्क इस महीने पूरे देश में पहुंचेगा, 5G सर्विस की भी तैयारी 
    BSNL ने अपने 4G नेटवर्क के लिए लगभग एक लाख टावर्स लगाए हैं। कंपनी की इसके बाद 5G सर्विसेज लॉन्च करने की योजना है। पिछले कुछ महीनों में कंपनी ने कुछ नई सर्विसेज की शुरुआत की है। हाल ही में BSNL ने राजधानी दिल्ली में 4G सर्विस को लॉन्च किया था। BSNL के SIM कार्ड्स के जरिए दिल्ली में यूजर्स हाई-स्पीड डेटा और वॉयस सर्विसेज का इस्तेमाल कर सकेंगे।
  • Apple ने लॉन्च के बाद से बेचे 3 अरब iPhone, सेल्स में भारत की बढ़ रही हिस्सेदारी
    एपल को तीसरी तिमाही में 23.42 अरब डॉलर (लगभग 2.04 लाख रुपये) का प्रॉफिट मिला है। कंपनी का Mac और iPad से रेवेन्यू क्रमशः 8.05 अरब डॉलर (लगभग 0.70 लाख करोड़ रुपये) और 6.58 अरब डॉलर (लगभग 0.57 लाख करोड़ रुपये) का रहा है। भारत में भी आईफोन्स की बिक्री में बढ़ोतरी हो रही है। देश में इस वर्ष की दूसरी तिमाही में एपल के iPhone 16 की सबसे अधिक शिपमेंट हुई है।
  • BSNL की 4G नेटवर्क के लिए अतिरिक्त 1 लाख टावर्स लगाने की योजना, 5G सर्विस की तैयारी
    पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में BSNL ने लगभग 280 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट दर्ज किया है। यह 18 वर्ष बाद पहली बार है कि जब BSNL ने लगातार दो तिमाहियों में प्रॉफिट हासिल किया है। कंपनी को 4G सर्विस से मोबाइल सेगमेंट में रेवेन्यू बढ़ाने में सहायता मिली है। हालांकि, पिछले वित्त वर्ष में इस सरकारी टेलीकॉम कंपनी को लगभग 2,247 करोड़ रुपये का लॉस हुआ है।
  • इंफोसिस को बड़ी राहत, नहीं चुकाना होगा 32,400 करोड़ रुपये का GST 
    डायरेक्टर जनरल ऑफ GST इंटेलिजेंस (DGGI) ने वित्त वर्ष 2018-19 से 2021-22 के लिए कंपनी को दिए इस नोटिस पर कार्यवाही बंद कर दी है। इंफोसिस ने स्टॉक एक्सचेंज को एक फाइलिंग में बताया है कि DGGI से जानकारी मिलने के बाद यह मामला समाप्त हो गया है। कंपनी ने बताया, "इस अवधि के लिए प्री-शो कॉज नोटिस के अनुसार, GST की रकम 32,403 करोड़ रुपये की थी।
  • Tesla जैसी इंटरनेशनल कंपनियों के लिए नई EV पॉलिसी की शुरुआत करेगा भारत
    बिलिनेयर Elon Musk की Tesla जैसी इंटरनेशनल EV कंपनियां भारत में बिजनेस शुरू करने की तैयारी कर रही हैं। हालांकि, देश में इम्पोर्टेड व्हीकल्स पर अधिक इम्पोर्ट ड्यूटी को लेकर मस्क नाराजगी जता चुके हैं। इंटरनेशनल EV कंपनियों के देश में आने से भारतीय ऑटोमोबाइल कंपनियों के लिए भी कॉम्पिटिशन बढ़ जाएगा। EV के मार्केट में Tata Motors की सबसे अधिक हिस्सेदारी है।
  • BSNL को 18 वर्ष बाद लगातार दूसरी तिमाही में मिला प्रॉफिट, 4G सर्विस से बढ़ा रेवेन्यू
    पिछले वित्त वर्ष में कंपनी का ऑपरेटिंग रेवेन्यू लगभग 7.8 प्रतिशत बढ़कर लगभग 20,841 करोड़ रुपये का रहा है। इससे पिछले वर्ष वर्ष में यह लगभग 19,330 करोड़ रुपये का था। कंपनी का इंटरकनेक्ट यूसेज चार्ज (IUC) सहित मोबिलिटी सर्विसेज से रेवेन्यू छह प्रतिशत बढ़कर लगभग 7,499 करोड़ रुपये का है। BSNL के 4G नेटवर्क का लॉन्च जल्द पूरा किया जा सकता है।
  • Ola Electric का लगा बड़ा झटका, लॉस बढ़कर 870 करोड़ रुपये पर पहुंचा
    पिछले वर्ष अगस्त में इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) लाने के बाद से ओला इलेक्ट्रिक को सेल्स में कमी, रेगुलटरी प्रेशर बढ़ने और अन्य इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर कंपनियों से कड़े कॉम्पिटिशन जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। ओला इलेक्ट्रिक ने बताया है कि वह मौजूदा डेट को चुकाने के लिए लगभग 1,700 करोड़ रुपये का कर्ज लेने पर विचार कर रही है।
  • Xiaomi का दमदार परफॉर्मेंस, 4 करोड़ स्मार्टफोन्स की शिपमेंट, प्रॉफिट 12,600 करोड़ रुपये
    कंपनी ने पहली बार लगभग 12,680 करोड़ रुपये का एडजस्टेड नेट प्रॉफिट हासिल किया है। यह वर्ष-दर-वर्ष आधार पर लगभग 64.5 प्रतिशत की ग्रोथ है। Xiaomi ने बताया है कि पहली तिमाही में उसकी सभी बिजनेस डिविजंस का रेवेन्यू बढ़ा है। कंपनी ने प्रीमियम डिवाइसेज पर फोकस बढ़ाया है। इससे शाओमी को मार्जिन बढ़ाने में भी मदद मिली है। Xiaomi 15 Ultra जैसे नए प्रोडक्ट्स को कस्टमर्स से अच्छा रिस्पॉन्स मिला है।
  • PwC ने 1500 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला, 1 साल के अंदर दूसरी बड़ी छंटनी!
    PwC ने 1500 कर्माचारियों की छुट्टी कर दी है जिसके बाद कंपनी का वर्कफोर्स 2% कम हो गया है। ये छंटनियां सबसे ज्यादा ऑडिट (audit) और टैक्स (tax) विभागों से की गई हैं। PwC की यह एक साल के भीतर दूसरी छंटनी है। इसने सितंबर 2024 में भी छंटनी की थी जब 1800 कर्मचारियों को बाहर कर दिया था। PwC को मेन मार्केट्स में रेगुलेटरी चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा है।
  • Infosys ने बर्खास्त किए गए ट्रेनीज को दिया एक महीने के वेतन, टिकट के भुगतान का ऑफर
    Infosys ने इन ट्रेनीज को एक महीने के वेतन के साथ ही एक्सटर्नल ट्रेनिंग, एकोमडेशन और ट्रैवल अलाउंस की पेशकश की है। एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि इंफोसिस ने हाल ही में बर्खास्त किए गए लगभग 240 ट्रेनीज को ईमेल भेजकर बताया है कि उन्हें एक महीने का वेतन दिया जाएगा। इस ईमेल में कहा गया है कि नौकरी गंवाने वाले ट्रेनीज को मुफ्त एक्सटर्नल ट्रेनिंग की पेशकश की जाएगी।
  • मोबाइल सर्विसेज हो सकती हैं महंगी, टेलीकॉम कंपनियों की टैरिफ बढ़ाने की योजना
    दुनिया में भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हैं जहां टेलीकम्युनिकेशन सर्विसेज के लिए अधिक टैरिफ नहीं है। इस स्थिति में जल्द बदलाव हो सकता है। Reliance Jio और Bharti Airtel जैसी बड़ी टेलीकॉम कंपनियां इस वर्ष के अंत तक टैरिफ में दोबारा बढ़ोतरी कर सकती हैं। टेलीकॉम कंपनियां इस वर्ष टैरिफ को 10-20 प्रतिशत तक बढ़ा सकती हैं।
  • Infosys ने निकाले 240 Trainee कर्मचारी! बताई वजह
    IT कंपनियों में छंटनियां लगातार जारी हैं। Infosys में ऐसा ही कुछ देखने को मिला है जहां कंपनी ने अपने 240 ट्रेनी कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। कहा गया है कि ये ट्रेनी कर्मचारी इंटरनल टेस्ट में पास नहीं हो सके इसलिए इन्हें निकाल दिया गया। कंपनी ने 18 अप्रैल को इस छंटनी की जानकारी दी। इससे पहले फरवरी में भी कंपनी ने 300 से ज्यादा कर्मचारियों को निकाला था।
  • BSNL के Reliance Jio को बिल न देने से सरकार को हुआ 1,758 करोड़ रुपये का नुकसान
    CAG ने एक स्टेटमेंट में बताया कि रिलायंस जियो के साथ मास्टर सर्विस एग्रीमेंट को लागू करने में BSNL नाकाम रही है। BSNL के शेयर्ड पैसिव इंफ्रास्ट्रक्चर पर इस्तेमाल होने वाली अतिरिक्त टेक्नोलॉजी के लिए रिलायंस जियो को लगभग 10 वर्षों तक बिल नहीं दिया गया। इससे केंद्र सरकार को 1,757.56 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

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