ऑनलाइन मनी गेमिंग पर बैन के बाद गेमिंग फर्मों ने बनाई एसोसिएशन

पिछले सप्ताह प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल को संसद में पारित किया गया था। यह बिल ऑनलाइन गेमिंग को चलाने और इनके विज्ञापन पर प्रतिबंध लगाने से जुड़ा है

ऑनलाइन मनी गेमिंग पर बैन के बाद गेमिंग फर्मों ने बनाई एसोसिएशन

देश में पिछले कुछ वर्षों में गेमिंग का बिजनेस तेजी से बढ़ा है

ख़ास बातें
  • इस कानून के लागू होने पर किसी रकम के साथ ऑनलाइन गेमिंग पर रोक लग जाएगी
  • इससे गेमिंग कंपनियों को अपना बिजनेस बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा
  • इस बिजनेस से लगभग 20,000 करोड़ रुपये का टैक्स मिलता है
विज्ञापन

हाल ही में संसद ने ऑनलाइन मनी गेमिंग पर प्रतिबंध लगाने से जुड़ा बिल पारित किया था। देश में इस कानून के लागू होने के बाद किसी रकम के साथ ऑनलाइन गेमिंग पर पूरी तरह रोक लग जाएगी। केंद्र सरकार के इस कदम के बाद इस इंडस्ट्री ने एकजुट होने की तैयारी की है। देश के चुनिंदा गेम डिवेलपर्स और पब्लिशर्स ने मंगलवार को एक एसोशिशन बनाने की जानकारी दी है। 

इंडियन गेम पब्लिशर्स एंड डिवेलपर्स एसोसिएशन (IGPDA) में SuperGaming, Reliance Games, Dot9 Games, Nazara Technologies, Gametion, nCore Games और कुछ अन्य कंपनियां शामिल हैं। IGPDA ने महाराष्ट्र सरकार के साथ भी स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप करने का प्रपोजल दिया है। इसके तहत, मुंबई में गेमिंग फर्मों और इनवेस्टर्स को लाने के लिए पॉलिसी की मांग की गई है। 

पिछले सप्ताह प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल को संसद में पारित किया गया था। यह बिल ऑनलाइन गेमिंग को चलाने और इनके विज्ञापन पर प्रतिबंध लगाने से जुड़ा है। इससे गेमिंग कंपनियों को अपना बिजनेस बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा या इन कंपनियों को अपना बिजनेस मॉडल बदलना होगा। मिनिस्टर ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, Ashwini Vaishnaw ने राज्यसभा में इस बिल को पेश करते हुए कहा था, "ऑनलाइन मनी गेमिंग की आदत ड्रग्स की लत के जैसी है। इन गेम्स को चलाने वाले शक्तिशाली लोग इस फैसले को अदालतों में चुनौती देंगे। वे इस प्रतिबंध के खिलाफ सोशल मीडिया पर कैम्पेन चलाएंगे। हमने इन गेम्स का असर और यह देखा है कि कैसे इससे मिलने वाली रकम का किस तरह आतंकवाद की मदद के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।" देश में ऑनलाइन मनी गेमिंग बिजनेस का वार्षिक रेवेन्यू 31,000 करोड़ रुपये से अधिक का है। इस बिजनेस से लगभग 20,000 करोड़ रुपये का टैक्स मिलता है। IGPDA ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि यह एसोसिएशन देश के गेम डिवेलपर्स और पब्लिशर्स के लिए 'एकजुट आवाज' है। 

देश में गेमिंग सेगमेंट का बड़ा हिस्सा मोबाइल से जुड़ा है और 90 प्रतिशत से अधिक गेमर्स स्मार्टफोन्स या टैबलेट्स पर गेम्स खेलते हैं। ऑनलाइन गेमिंग बिल के संसद में पारित होने के बाद Dream11, MPL और Zupee जैसे कई लोकप्रिय गेमिंग प्लेटफॉर्म्स ने अपने कामकाज को समेटना शुरू कर दिया है। 

Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

आकाश आनंद

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। उनके पास प्रमुख ...और भी

संबंधित ख़बरें

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News
Turbo Read

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. TVS Motor जल्द पेश करेगी इलेक्ट्रिक मैक्सी-स्कूटर M1-S, 150 किलोमीटर हो सकती है रेंज 
  2. Rs 30 हजार के अंदर आने वाले ये हैं बेस्ट कैमरा फोन
  3. Moto X70 Air लॉन्च से पहले कीमत का खुलासा, 12GB रैम, 68W फास्ट चार्जिंग जैसे फीचर्स
  4. 100 इंच तक बड़े स्मार्ट TV Dreame ने किए लॉन्च, 4K डिस्प्ले, AI, Dolby Atmos जैसे फीचर्स, जानें कीमत
  5. Fire-Boltt की MRP Rs 11,999 की ब्लूटूथ कॉलिंग स्मार्टवॉच मात्र Rs 999 में खरीदें, Amazon का धांसू ऑफर!
  6. ZEBRONICS के धांसू गेमिंग हेडफोन Rs 1700 की बजाए Rs 775 में, Amazon पर छूट न जाए ऑफर!
  7. OPPO ने 45 घंटे चलने वाले ईयरबड्स OPPO Enco X3s किए पेश, जानें कीमत
  8. Lava Shark 2 लॉन्च हुआ 50MP कैमरा, 5000mAh बैटरी के साथ, Rs 7 हजार से कम में खरीदने का मौका
  9. गगनयान मिशन जल्द होगा टेस्ट फ्लाइट के लिए तैयार, ISRO ने दी जानकारी
  10. अगर बृहस्पति न होता ऐसी न होती पृथ्वी! वैज्ञानिकों का दावा
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »