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  • ऑनलाइन मनी गेमिंग पर बैन के खिलाफ याचिकाओं की सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई
    ये याचिकाएं दिल्ली, मध्य प्रदेश और कर्नाटक के हाई कोर्ट में दाखिल की गई थी। जस्टिस J B Pardiwala और K V Viswanathan की बेंच ने स्पष्ट किया कि ऑनलाइन मनी गेमिंग पर बैन लगाने वाले नए कानून के खिलाफ हाई कोर्ट्स में लंबित सभी याचिकाओं की सुनवाई केवल सुप्रीम कोर्ट की ओर से की जाएगी। इस बार में किसी याचिका पर हाई कोर्ट सुनवाई नहीं करेंगे।
  • ऑनलाइन गेमिंग ने कई लोगों को बर्बाद कियाः प्रधानमंत्री मोदी  
    ऑनलाइन मनी गेमिंग के कारण कर्ज और आत्महत्या के मामलों का हवाला देते हुए मोदी ने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग एक्ट एक बड़ा फैसला है। उनका कहना था, "ऑनलाइन गेम्स से हमारे छात्रों पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। बड़ी संख्या में लोग इससे कर्ज में फंस रहे हैं और कुछ लोगों ने आत्महत्या भी की है।" उन्होंने कहा कि ऑनलाइन गेम्स से जुड़ी वित्तीय मुश्किलों की वजह से कई परिवार तबाह हुए हैं।
  • ऑनलाइन मनी गेमिंग पर सरकार के बैन को मिली पहली कानूनी चुनौती
    पिछले सप्ताह ऑनलाइन गेमिंग को चलाने और इनके विज्ञापन पर प्रतिबंध लगाने से जुड़ा बिल संसद के दोनों सदनों में पारित किया गया था। यह कानून इस इंडस्ट्री के लिए एक बड़ा झटका है। इस बैन को गेमिंग फर्म A23 ने अदालत में चुनौती दी है। इस सप्ताह की शुरुआत में देश के चुनिंदा गेम डिवेलपर्स और पब्लिशर्स ने एक एसोसिएशन बनाने की जानकारी दी थी।
  • ऑनलाइन मनी गेमिंग पर बैन के बाद गेमिंग फर्मों ने बनाई एसोसिएशन
    इंडियन गेम पब्लिशर्स एंड डिवेलपर्स एसोसिएशन (IGPDA) में SuperGaming, Reliance Games, Dot9 Games, Nazara Technologies, Gametion, nCore Games और कुछ अन्य कंपनियां शामिल हैं। IGPDA ने महाराष्ट्र सरकार के साथ भी स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप करने का प्रपोजल दिया है। इसके तहत, मुंबई में गेमिंग फर्मों और इनवेस्टर्स को लाने के लिए पॉलिसी की मांग की गई है।
  • ऑनलाइन मनी गेमिंग पर बैन के खिलाफ कोर्ट जा सकती हैं बड़ी गेमिंग कंपनियां
    Dream 11 और Gameskraft सहित कुछ ऑनलाइन गेमिंग कंपनियां इस बैन के खिलाफ केंद्र सरकार को कोर्ट में खींच सकती हैं। इस बारे में जानकारी रखने वाले सूत्रों के हवाले से इस रिपोर्ट में बताया गया है कि ये कंपनियां अपने लॉयर्स के साथ बातचीत कर रही हैं। एक सूत्र ने कहा कि ये व्यक्तिगत तौर पर याचिकाएं दायर करने या एक फेडरेशन के तौर पर कोर्ट में जाने के विकल्पों पर विचार कर रही हैं।
  • हिटलर की तारीफ करने पर मुश्किल में फंसी Elon Musk की AI फर्म, डिलीट किए सभी पोस्ट
    मस्क की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से जुड़ी फर्म xAI के चैटबॉट की ओर से जर्मनी के नाजी शासक Adolf Hitler की तारीफ करने वाले पोस्ट्स की सोशल मीडिया पर कड़ी निंदा की जा रही है। हालांकि, xAI ने कहा है कि उसके चैटबॉट की ओर से किए गए 'अनुचित' पोस्ट्स को हटा दिया गया है। इस चैटबॉट ने कहा था कि श्वेत लोगों के खिलाफ कथित तौर नफरत का जवाब देने के लिए हिटलर बेहतर व्यक्ति होते।
  • सुप्रीम कोर्ट ने क्रिप्टो से जुड़े कानून को बताया पुराना, सरकार को रेगुलेशन बनाने की सलाह
    सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि Bitcoin जैसी क्रिप्टोकरेंसीज से जुड़े मौजूदा कानून 'पुराने'हैं। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने बताया है कि इन डिजिटव एसेट्स के रेगुलेशन की व्यवस्था में 'कमी' है और केंद्र सरकार को इसका समाधान करने के लिए कदम उठाने चाहिए। यह पहली बार नहीं है कि जब सुप्रीम कोर्ट ने क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर स्पष्ट कानून बनाने पर जोर दिया है।
  • भारत में सैमसंग के एग्जिक्यूटिव्स ने लगाई 692 करोड़ रुपये की पेनल्टी हटाने की गुहार
    इस वर्ष जनवरी में टैक्स अथॉरिटी ने पाया था कि सैमसंग और इसके कुछ एग्जिक्यूटिव्स ने 2018 से 2021 के बीच मोबाइल टावर के एक प्रमुख इक्विपमेंट के इम्पोर्ट का गलत तरीके से वर्गीकरण कर टैरिफ बचाया था। हालांकि, सैमसंग ने इस ऑर्डर को एक टैक्स अपीलेट ट्राइब्यूनल में चुनौती दी थी। कंपनी ने इम्पोर्ट के अपने वर्गीकरण को सही बताया था और किसी गड़बड़ी से इनकार किया था।
  • क्रिप्टो मार्केट में जोरदार तेजी, बिटकॉइन का प्राइस एक लाख डॉलर की ओर बढ़ा
    मार्केट वैल्यू के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin में लगभग तीन प्रतिशत की बढ़ोतरी थी। बिटकॉइन जल्द एक लाख डॉलर के लेवल को पार कर सकता है। इंटरनेशनल क्रिप्टो एक्सचेंज Binance पर बिटकॉइन का प्राइस लगभग तीन प्रतिशत बढ़कर लगभग 99,800 डॉलर पर था। दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Ether में पांच प्रतिशत से अधिक की तेजी थी। Ether का प्राइस लगभग 1,946 डॉलर पर ट्रेड कर रहा था।
  • क्रिप्टो मार्केट में तेजी, बिटकॉइन का प्राइस 97,000 डॉलर से ज्यादा
    अमेरिका में FOMC की आगामी मीटिंग से पहले मार्केट वैल्यू के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin का प्राइस लगभग तीन प्रतिशत बढ़ा है। इसके अलावा बहुत सी अन्य क्रिप्टोकरेंसीज में भी प्रॉफिट था। इंटरनेशनल क्रिप्टो एक्सचेंज Binance पर बिटकॉइन का प्राइस लगभग 97,000 डॉलर पर ट्रेड कर रहा था। दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Ether का प्राइस लगभग 2.30 प्रतिशत बढ़कर लगभग 1,840 पर था।
  • सुप्रीम कोर्ट ने बिटकॉइन में ट्रेडिंग को हवाला की तरह बताया
    भारत में केंद्र सरकार का क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर रवैया सख्त रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने भी बिटकॉइन को लेकर आशंका जताई है। सुप्रीम कोर्ट ने बिटकॉइन में ट्रेडिंग को हवाला कारोबार की तरह बताया है। इसके साथ ही कोर्ट ने वर्चुअल करेंसीज के रेगुलेशन को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं करने पर केंद्र सरकार को भी फटकार लगाई है।
  • सोशल मीडिया, OTT पर अश्लील कंटेंट को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मांगा सरकार से जवाब
    जस्टिस B R Gavai और Augustine George Masih की बेंच ने कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए उपाय लागू करना विधानमंडल या कार्यकारिणी की जिम्मेदारी है। बेंच का कहना था, "यह सुप्रीम कोर्ट के अधिकार क्षेत्र के अंदर नहीं है। इस बारे में केंद्र सरकार की ओर पेश हुए सॉलिसिटर जनरल, Tushar Mehta ने कहा कि सरकार इसे एक प्रतिकूल कानूनी मामले के तौर पर नहीं लेगी।
  • Apple इंटेलिजेंस फीचर्स को लेकर Apple पर हुआ केस, जानें पूरा मामला
    Apple के मार्केटिंग कैंपेन ने एक दमदार उम्मीद पैदा की थी कि iPhone 16 सीरीज के रिलीज होने पर AI बेस्ड Siri अपग्रेड समेत Apple इंटेलिजेंस फीचर्स उपलब्ध होंगे। हालांकि, इनमें से कई फीचर्स देरी से उपलब्ध हुए और कुछ अभी तक उपलब्ध नहीं हैं। केस में आरोप लगाया गया है कि Apple ने सेल्स बढ़ाने के लिए जानबूझकर इन कैपेसिटी को प्रमोट दिया, जिससे ग्राहकों को नहीं मिलीं।
  • सोशल मीडिया पर कंटेंट को ब्लॉक करने के रूल्स की पड़ताल करेगा सुप्रीम कोर्ट 
    सुप्रीम कोर्ट ने सोशल मीडिया एकाउंट्स या कंटेंट को ब्लॉक करने से जुड़े रूल्स की पड़ताल करने पर सहमति दी है। ये रूल्स इस कंटेंट को तैयार या पोस्ट करने वालों का पक्ष सुने बिना इसे ब्लॉक करने से जुड़े हैं। दो जजों की बेंच ने इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (प्रोसीजर एंड सेफगार्ड्स फॉर ब्लॉकिंग फॉर एक्सेस ऑफ इनफॉर्मेशन बाय पब्लिक) रूल्स के रूल 16 का खारिज करने की मांग वाली याचिका पर सरकार से उत्तर मांगा है।
  • स्कूलों में स्मार्टफोन पर पूरी तरह बैन सही नहीं! कोर्ट ने जारी की गाइडलाइन्स
    दिल्ली हाईकोर्ट ने स्कूलों में छात्रों के लिए स्मार्टफोन के इस्तेमाल पर पूरी तरह रोक को अव्यवहारिक बताते हुए कहा कि यह सेफ्टी और कम्युनिकेशन के लिए जरूरी हो सकता है। कोर्ट ने कहा कि तकनीक के बढ़ते उपयोग को देखते हुए स्मार्टफोन पर पूरी तरह बैन लगाना सही नहीं होगा। हालांकि, इसका अनुशासित और सीमित यूसेज जरूरी है। कोर्ट ने यह टिप्पणी एक छात्र की याचिका पर सुनवाई के दौरान की, जिसमें स्कूल में स्मार्टफोन लाने की अनुमति मांगी गई थी। कोर्ट ने कहा कि स्कूलों को स्मार्टफोन के उपयोग पर स्पष्ट नियम बनाने चाहिए, जिससे छात्रों की सुरक्षा बनी रहे और अनावश्यक दुष्प्रभावों से बचा जा सके। 

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